पश्चिम बंगाल (West Bengal) के वर्तमान राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Governor Jagdeep Dhankar) 6 अगस्त, 2022 को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव (Vice president election) के लिए NDA के उम्मीदवार बनाए गए हैं. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP nadda) ने शनिवार को नई दिल्ली में यह घोषणा की. राजस्थान (Rajasthan) के मूल निवासी धनखड़ के बारे में उन सभी बातों को आपको जानने की जरूरत है, जो अक्सर ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) सरकार और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के साथ अपने संबंधों के लिए चर्चा में रहे हैं. धनखड़ राजस्थान की जाट बिरादरी से आते हैं. इस समुदाय में धनखड़ की अच्छी खासी साख है. बीजेपी से पहले जगदीप धनखड़ जनता दल और कांग्रेस पार्टी में भी रह चुके हैं. हालांकि बीते दो दशक से वह बीजेपी (BJP) के साथ हैं.
कौन हैं जगदीप धनखड़ ?
-18 मई 1951 को राजस्थान के झुंझुनू (Jhunjhunu) जिले के किठाना गांव में जन्मे
-सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ से स्कूली शिक्षा पूरी की
-राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर विश्वविद्यालय से भौतिकी स्नातक और LLB किया है
-राजस्थान हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में कानून का किया प्रैक्टिस
-1989 के लोकसभा चुनाव में जनता दल के टिकट पर राजस्थान के झुंझुनू से सांसद चुने गए
-1990 में संसदीय मामलों के राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया
-1993 के राज्य चुनावों में किशनगढ़ से राजस्थान विधानसभा के लिए चुने गए
-राजस्थान उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष
-1990 में मनोनीत वरिष्ठ अधिवक्ता
-जुलाई 2019 में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल नियुक्त
सुदेश धनखड़ हैं उनकी पत्नी
जगदीप धनखड़ की शादी सुदेश धनखड़ वर्ष 1979 में हुई थी. पत्नी सुदेश धनखड़ बनस्थली विद्यापीठ से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर हैं. वह होशियार सिंह और भगवती की बेटी हैं. सुदेश धनखड़ की सामाजिक कार्य और जैविक खेती, बाल शिक्षा और उत्थान में गहरी रुचि है. उनकी बेटी कामना ने एमजीडी स्कूल, जयपुर और उसके बाद मेयो गर्ल्स, अजमेर में अपनी शिक्षा के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका में बीवर कॉलेज (अब अर्काडिया विश्वविद्यालय) से स्नातक की उपाधि प्राप्त की. बेटी कामना का विवाह स्वर्गीय विजय शंकर वाजपेयी के पुत्र कार्तिकेय वाजपेयी और आभा वाजपेयी से हुआ.
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वर्तमान में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल हैं धनखड़
जगदीप धनखड़ वर्तमान में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल हैं. वर्ष 1951 में झुंझुनूं जिले के गांव किठाना में जन्मे धनखड़ ने अपनी शिक्षा राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से पूरी की. धनखड़ जाट समुदाय से आते हैं और सुप्रीम कोर्ट के वकील रह चुके हैं. वे नौवीं लोकसभा में 1989-91 तक सांसद रहे हैं. राजस्थान में जाट आरक्षण को बरकरार रखने में उनकी अहम भूमिका रही है. धनखड़ अजमेर जिले किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रह चुके हैं.
6 अगस्त को होना है चुनाव
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अधिसूचना 5 जुलाई को जारी हो चुकी है. उम्मीदवार इसके लिए 19 जुलाई तक नामांकन दाखिल कर सकते हैं. नामांकन पत्रों की जांच 20 जुलाई को होंगी. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवार अपना नामांकन पत्र 22 जुलाई तक वापस ले सकेंगे. चुनाव के लिए आयोग ने 6 अगस्त की तारीख तय की है. देश के मौजूदा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है.
Shri Jagdeep Dhankhar Ji has excellent knowledge of our Constitution. He is also well-versed with legislative affairs. I am sure that he will be an outstanding Chair in the Rajya Sabha & guide the proceedings of the House with the aim of furthering national progress. @jdhankhar1 pic.twitter.com/Ibfsp1fgDt
— Narendra Modi (@narendramodi) July 16, 2022
राष्ट्रपति चुनाव से कितना अलग है उपराष्ट्रपति का चुनाव ?
उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचक मंडल यानी इलेक्टोरल कॉलेज के जरिए आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति से होता है. संसद के दोनों सदनों के सदस्य इसमें हिस्सा लेते हैं. हर सदस्य केवल एक वोट ही डाल सकता है. जबकि राष्ट्रपति चुनाव में निर्वाचित सांसदों के साथ-साथ विधायक भी मतदान करते हैं, लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव में केवल लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही वोट डाल सकते है.
मनोनीत सांसद भी डाल सकते हैं वोट
राष्ट्रपति चुनाव में मनोनीत सांसद वोट नहीं डाल सकते हैं, लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव में ऐसा नहीं है. उपराष्ट्रपति चुनाव में ऐसे सदस्य भी वोट कर सकते हैं. उपराष्ट्रपति चुनाव में दोनों सदनों के 790 निर्वाचक हिस्सा लेते हैं. इसमें राज्यसभा के चुने हुए 233 सदस्य और 12 मनोनीत सदस्यों के अलावा लोकसभा के 543 चुने हुए सदस्य और दो मनोनीत सदस्य वोट करते हैं. इस तरह से इनकी कुल संख्या 790 हो जाती है.