कर्नाटक (Karnataka) में हिजाब विवाद (Hijab Controversy) के बाद अब विभिन्न मंदिर परिसरों में गैर-हिंदुओं यानि मुसलमानों को दुकानें देने पर रोक लगाने पर राजनीतिक रार शुरू हो गई है. विपक्ष के नेता सिद्धारमैया कांग्रेस ने इसे नफरत की राजनीति करार दिया है, तो भारतीय जनता पार्टी ने इसके लिए कांग्रेस शासन में पारित आदेश का अनुपालन करार दिया है. मंदिर परिसरों में मुसलमानों को दुकानें नहीं देने के पीछे हिजाब विवाद से जुड़े तार हैं. गौरतलब है कि हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले के विरोध में कुछ मुसलमानों (Muslims) ने अपनी दुकानें बंद रखी थी. इसकी प्रतिक्रियास्वरूप अब मंदिर प्रशासन ने मुसलमानों को दुकानें नहीं देने का फैसला किया है.
मुसलमानों के आर्थिक बहिष्कार का आह्वान
हिजाब विवाद के बाद मुसलमानों के आर्थिक बहिष्कार की शुरुआत लगभग एक पखवाड़े पहले हुई थी. शुरुआत में छह प्रमुख धार्मिक स्थलों ने अपने परिसरों में हिंदुओं के अतिरिक्त अन्य किसी को भी दुकानों का आवंटन न करने का फैसला किया. इसके तहत मुस्लिम व्यापारियों को मंगलूरु में श्री मंगलादेवी मंदिर, बप्पनडु दुर्गापरमेश्वरी मंदिर, कटिपल्ला गणेशपुरा श्री महागणपति मंदिर एवं पुत्तूर श्री महालिंगेश्वर मंदिर में व्यापार करने से वंचित कर दिया गया. अब कर्नाटक मंदिर मेलों में मुस्लिम व्यापारियों पर प्रतिबंध लगाने का कदम राज्य के और जिलों में फैल गया है और आने वाले दिनों में यह एक बड़े राजनीतिक-धार्मिक और सामाजिक संकट में बदल सकता है. मुस्लिमों के आर्थिक बहिष्कार से जुड़े इस कदम ने अब हसन, तुमकुरु, चिक्कमगलूर और शिवमोग्गा जिलों में अपनी जगह बना ली है. ऐतिहासिक बेलूर चन्नाकेशव मंदिर, तुमकुरु जिले में सिद्धलिंगेश्वर मंदिर, शिवमोग्गा में महा गणपति मंदिर के मंदिर अधिकारियों से अपील की गई है कि बड़े पैमाने पर आयोजित मेलों में केवल हिंदू व्यापारियों को व्यापार करने की अनुमति दी जाए.
यह भी पढ़ेंः भारत बंद की वजह से दो दिन होगी खूब परेशानी, बैंक समेत इन सरकारी सेवाओं पर असर
विहिप और बजरंग दल भी आ जुड़ा इस अभियान से
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने जिला अधिकारियों से विश्व प्रसिद्ध बेलूर चन्नाकेशव रथोत्सव में मुसलमानों को भाग लेने की अनुमति नहीं देने का आग्रह किया है. यह रथोत्सव 13 और 14 अप्रैल को आयोजित किया जाएगा. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि एक अप्रैल से प्रसिद्ध येदियुर सिद्धलिंगेश्वर मेले में गैर-हिंदुओं को व्यापार करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. विहिप ने 5 अप्रैल को होने वाले ऐतिहासिक महा गणपति मेले में मुस्लिम कारोबारियों को अनुमति नहीं देने का भी आग्रह किया है. हिंदू कार्यकर्ताओं ने चिक्कमगलूर जिले के मुदिगेरे शहर के पास गोनीबीडु गांव में एक बैनर लगाया है जिसमें कहा गया है कि वे उन लोगों को व्यापार करने की अनुमति नहीं देंगे जो न्यायपालिका का सम्मान नहीं करते हैं, जो पवित्र पशु गाय को काटते और खाते हैं और सुब्रमण्येश्वर मंदिर में राष्ट्र की अखंडता को चुनौती देते हैं.
श्रीराम सेना के प्रमोद मुतालिक ने गोमांस खाना बंद करने को कहा
इस बीच श्रीराम सेना के संस्थापक प्रमोद मुतालिक ने पहले कहा था कि मुस्लिम व्यापारियों पर प्रतिबंध तब तक जारी रहेगा जब तक कि वे गोमांस खाने की आदत को खत्म नहीं कर देते. कर्नाटक में मुसलमानों के साथ व्यापार पर प्रतिबंध लगाने के आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है. उन्होंने कहा कि संकट तब तक जारी रहेगा जब तक मुसलमानों की मानसिकता में बदलाव नहीं आता. उन्होंने कहा कि मुस्लिम अलगाववादी मानसिकता देश के लिए खतरनाक है. एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में विश्व हिंदू परिषद ने मुजराई विभाग से राज्य के किसी भी मंदिर में मुस्लिम व्यापारियों को अनुमति नहीं देने के लिए कहा था.
यह भी पढ़ेंः Oscars 2022 Update : Dune ने 6 अवार्ड जीतकर मारी बाज़ी, इनका बजा डंका, देखें विनर लिस्ट
कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर बोला तीखा हमला
जाहिर है मुसलमानों के आर्थिक बहिष्कार पर कांग्रेस ने बीजेपी पर ही तीखा निशाना साधा है. कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने राज्य में हिंदू मंदिर मेलों में मुस्लिम व्यापारियों पर प्रतिबंध का जिक्र करते हुए कहा कि नफरत की राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है. उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि वह वोटों के ध्रुवीकरण में शामिल है. उन्होंने कहा कि हिजाब विवाद और गिरजाघरों पर हमले इसी मकसद से किए गए थे. उन्होंने कहा, 'व्यापार मुक्त हैं और व्यापार करना भी मौलिक अधिकार है. भाजपा नफरत की राजनीति कर रही है.'
राज्य सरकार ने कांग्रेस सरकार के फैसले को बनाया आधार
यह अलग बात है कि कर्नाटक की बीजेपी सरकार ने मंदिर प्रबंधनों के गैर-हिंदू व्यापारियों को दुकानें नहीं आवंटित करने पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है. साथ ही कांग्रेस सरकार में पारित एक आदेश का हवाला भी दिया है. दरअसल 2002 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान एवं धर्मार्थ बंदोबस्ती अधिनियम के नियम 12 में कहा गया है कि किसी हिंदू धार्मिक संस्थान या स्थल की भूमि को किसी गैर हिंदू को पट्टे पर नहीं दिया जाएगा.
HIGHLIGHTS
- कई जिलों में मुस्लिमों को परिसर में दुकाने नहीं देने का मंदिर प्रबंधन का फैसला
- हिजाब विवाद में हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम दुकाने बंद रखने से मसला बढ़ा
- कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर लगाया आरोप, तो सरकार ने कांग्रेसी आदेश का दिया हवाला