रिलायंस समूह (Reliance Group) में नई पीढ़ी को उत्तराधिकार सौंपने की कवायद तेज हो गई है. देश के सबसे बड़े कॉरपोरेट घरानों में अग्रणी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) ने इस प्रक्रिया के तहत अपने टेलीकॉम यूनिट रिलायंस जियो (Reliance Jio) के बोर्ड के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है. अब उनके बड़े बेटे आकाश अंबानी (Akash Ambani) को रिलायंस जियो के बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया है. रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड (Reliance Jio Infocom Ltd) ने मंगलवार को शेयर बाजारों को इसकी जानकारी दी.
रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड ने शेयर बाजार को बताया कि 27 जून को बाजार बंद होने के बाद से ही चेयरमैन मुकेश अंबानी का इस्तीफा मान लिया गया है. इसके साथ ही कंपनी ने बोर्ड का नया चेयरमैन आकाश अंबानी को बनाए जाने की भी जानकारी दी. बयान में कहा गया है कि कंपनी के बोर्ड ऑफ डाइरेक्टर्स ने नॉन-एक्सीक्यूटिव डाइरेक्टर (Non Executive Director) आकाश अंबानी को चेयरमैन नियुक्त करने की मंजूरी दे दी है. ब्राउन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में स्नातक आकाश अंबानी की नियुक्ति को नई पीढ़ी को नेतृत्व सौंपने के तौर पर देखा जा रहा है. मुकेश अंबानी फिलहाल जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड के चेयरमैन बने रहेंगे.
बोर्ड में शामिल किए गए ये भी निदेशक
रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड ने बताया कि बोर्ड ने आकाश अंबानी को चेयरमैन बनाने के अलावा रामिंदर सिंह गुजराल और केवी चौधरी को अतिरिक्त डाइरेक्टर बनाने की भी मंजूरी दी. इन दोनों को पांच साल के लिए स्वतंत्र निदेशक ( Independent Director) नियुक्त किया गया है. इसी तरह बोर्ड ने पंकज मोहन पवार को रिलायंस जियो का मैनेजिंग डाइरेक्टर (Managing Director) बनाने की भी मंजूरी दी. ये सारी नियुक्तियां भी 27 जून 2022 से ही प्रभावी होगी. इन नियुक्तियों को अभी शेयरहोल्डर्स की मंजूरी मिलने की प्रक्रिया चल रही है.
आकाश अंबानी के पढ़ाई- करियर के बारे में जानें
आकाश अंबानी का जन्म 23 अक्टूबर 1991 को हुआ था. वह फिलहाल जियो टेलिकॉम के स्ट्रेटजी हेड के रूप में काम कर रहे थे. उन्हें साल 2014 में रिलायंस रिटेल और जियो की निदेशक समिति में शामिल किया गया था. साल 2015 में अपनी बहन ईशा अंबानी के साथ मिलकर आकाश ने भारत में जियो की 4 जी सर्विस की शुरुआत की थी. जियो 4जी इको सिस्टम को खड़ा करने का श्रेय काफी हद तक आकाश अंबानी को जाता है. आकाश ने साल 2009 में धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल से आईबी डिप्लोमा प्रोग्राम पूरा करने के बाद साल 2013 में अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी से बिजनेस-कॉमर्स में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. कंपनी में युवा संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए आकाश कारोबारी कर्मचारियों से जुड़ी पहल करने में भी काफी दिलचस्पी लेते हैं.
सेकेंडरी क्लास तक परिवार की संपत्ति से थे अनजान
पारिवारिक लिहाज से देखें तो साल 2019 में आकाश अंबानी की शादी हीरा कारोबारी रसेल मेहता की सबसे छोटी बेटी श्लोका मेहता के साथ हुई थी. आकाश और श्लोका 2020 में एक बेटे के माता-पिता बने थे. उनके बेटे का नाम पृथ्वी आकाश अंबानी है. आकाश अपनी बहन ईशा के काफी करीब माने जाते हैं. दोनों के आपस में भाई-बहन, दोस्त और सहकर्मी के तौर पर भी देखे जाते हैं. एक इंटरव्यू में आकाश ने बताया था कि जब तक वो सेकेंडरी क्लास में थे, तब तक वो अपने परिवार की संपत्ति से अनजान थे.
मुंबई इंडियंस की क्रिकेट किट डिजाइन करने में शामिल
गेम एंड स्पोर्ट्स के मामले में आकाश अंबानी को क्रिकेट देखना और खेलना काफी पसंद है. उन्होंने साल 2008 में इंडियन प्रीमियर लीग में शामिल अपनी टीम मुंबई इंडियंस की क्रिकेट किट डिजाइन करने में भी काफी दिलचस्पी दिखाई थी. क्रिकेट के अलावा आकाश फुटबॉल खेलना भी काफी पसंद करते हैं. उन्होंने करीब 5 साल से भी ज्यादा समय धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल में फुटबॉल टीम की कप्तानी करते हुए इंटरनेशनल फुटबॉल कैंप में भी हिस्सा लिया था.
बीते साल मुकेश अंबानी ने दिया था इसका संकेत
मुकेश अंबानी ने पिछले साल यानी 2021 में अपने पिता और रिलायंस समूह के संस्थापक धीरूभाई अंबानी की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में पहली बार उत्तराधिकार हस्तांतरण को लेकर कहा था कि अब रिलायंस की लीडरशिप में बदलाव की जरूरत है. उन्होंने अपने बच्चों पर भरोसा जाहिर करते हुए कहा था कि आने वाले वर्षों में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित और मजबूत कंपनियों में शामिल होगी. इसमें स्वच्छ और हरित ऊर्जा क्षेत्रों के अलावा खुदरा और दूरसंचार कारोबार की भूमिका अहम होगी.
उत्तराधिकार में मुकेश अंबानी अपना रहे वाल्टन मॉडल
बिजनेस मैगजीन ब्लूमबर्ग ने भी पिछले साल नवंबर में एक रिपोर्ट में बताया था कि मुकेश अंबानी अगली पीढ़ी को कारोबार सौंपने की तैयारी में हैं. रिपोर्ट में तेल से लेकर टेलीकॉम तक फैले कारोबार के लिए उत्तराधिकार में मुकेश अंबानी के सैम वाल्टन (Sam Walton) परिवार का रास्ता अपनाए जाने का दावा किया गया था. दुनिया के सबसे बड़े रिटेल चेन Walmart Inc के फाउंडर सैम वाल्टन ने उत्तराधिकार का बहुत सरल मॉडल अपनाया था. उनके सक्सेस प्लान का मूल मंत्र था, 'परिवार को केंद्र में रखो, लेकिन मैनेजमेंट कंट्रोल अलग-अलग हाथों में दो.'
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मुकेश अंबानी ने 2002 में संभाली थी रिलायंस की कमान
अपने पिता धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद बतौर बड़े बेटे मुकेश अंबानी ने 2002 में रिलायंस के चेयरमैन का पदभार संभाला था. हालांकि उनकी पीढ़ी का सक्सेसन काफी उथल-पुथल भरा रहा था. विवाद का परिणाम अंतत: रिलायंस समूह के विभाजन के रूप में हुआ था. मुकेश अंबानी उस स्थिति को टालना चाहते हैं. उनके तीन बच्चे, आकाश, ईशा और अनंत रिलायंस के टेलिकॉम, रिटेल और एनर्जी बिजनेस में शामिल हैं. मुकेश अंबानी ने अपने बच्चों के बारे में एक बार कहा था, 'मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि आकाश, ईशा और अनंत, तीनों अगली पीढ़ी के लीडर बनकर रिलायंस को और भी अधिक ऊंचाइयों तक ले जाएंगे.'
HIGHLIGHTS
- आकाश अंबानी को रिलायंस जियो के बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया है
- मुकेश अंबानी अभी जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड के चेयरमैन बने रहेंगे
- अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स ग्रेजुएट हैं आकाश अंबानी