वीर सावरकर को लता मंगेशकर सिर्फ इसलिए पसंद नहीं करती थीं कि वह बड़े देशभक्त और स्वाभिमानी थी. इसकी एक वजह बेहद निजी और पारिवारिक भी थी. वीर सावरकर ने वास्तव में लताजी के पिता दीनानाथ मंगेशकर की कंपनी के लिए एक नाटक भी लिखा था. इस नाटक के जरिये वीर सावरकर ने उस समय के हालातों यानी ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ जागरुकता फैलाने का काम किया था. स्वर कोकिला ने खुद इस नाटक के बारे में कुछ साल पहले एक ट्वीट कर जानकारी शेयर की थी.
पिता की नाटक कंपनी के लिए सावरकर ने लिखा था नाटक
19 सितंबर 2019 को किए अपने ट्वीट में लता मंगेशकर ने लिखा था, 'वीर सावरकर जी और हमारे परिवार के बहुत घनिष्ठ संबंध थे. इसलिए उन्होंने मेरे पिताजी की नाटक कंपनी के लिए नाटक 'संन्यस्त खड्ग' भी लिखा था. इस नाटक का पहला इस्तेमाल 18 सितंबर 1931 को हुआ था. इस नाटक का एक गीत भी बहुत लोकप्रिय हुआ था.' इस ट्वीट के साथ लता मंगेशकर ने नाटक का एक गीत भी पोस्ट किया था.
सावरकर विरोधियों को स्वर कोकिला ने कहा था नादान
इसके अलावा तमाम अवसर पर लता जी ने वीर सावरकर के प्रति अपनी श्रद्धा को छिपाने की कोई कोशिश नहीं की. लता मंगेशकर पहले भी सावरकर का विरोध करने वालों को नादान बता चुकी हैं. 28 मई को सावरकर की जयंती के मौके पर लता ने ट्वीट किया था, जो लोग सावरकर जी के विरोध में बोल रहे हैं वे नहीं जानते कि सावरकर जी कितने बड़े देशभक्त और स्वाभिमानी थे. उस समय लता मंगेशकर के ट्वीट के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने लता जी के समर्थन में ट्वीट किया था.
Veer Savarkar ji aur hamare pariwar ke bahut ghanisht sambandh the,isiliye unhone mere pita ji ki natak company ke liye natak “ Sanyasta Khadag “ likha tha. Is natak ka pehla prayog 18th Sep 1931 ko hua tha,is natak mein se ek geet bahut lokpriya hua. https://t.co/RMzBUc69SB
— Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) September 19, 2019
रविवार सुबह हुआ स्वर कोकिला का निधन
गौरतलब है कि भारत रत्न से सम्मानित लता मंगेशकर का रविवार को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया. कोरोना संक्रमण के बाद उनकी तबियत खराब होने पर उन्हें अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखा गया था. वह 92 वर्ष की थीं. लता मंगेशकर ने करीब पांच दशकों से अधिक समय तक हिंदी सिनेमा में गायिकी के क्षेत्र में एकछत्र राज किया. उन्होंने हिंदी के अलावा अन्य भाषाओं में तकरीबन 30 हजार से अधिक गाने गाए. उनकी मौत की खबर मिलते ही सभी क्षेत्रों से श्रद्धांजलि का तांता लग गया है. बहन उषा मंगेशकर ने उनकी निधन की खबर साझा की.
HIGHLIGHTS
- सावरकर ने स्वरकोकिला के पिता के लिए लिखा था नाटक 'संन्यस्त खड्ग'
- 19 सितंबर 2019 को लता मंगेशकर ने खुद ट्वीट कर बताई थी यह बात
- साथ ही नाटक का एक गीत किया था पोस्ट, जो हुआ था उस वक्त लोकप्रिय