देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS)जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) का उनकी पत्नी मधुलिका रावत और कई स्टाफ समेत तमिलनाडु के कुन्नूर में सेना के एक हेलीकॅाप्टर क्रैश में असामयिक निधन हो गया था. इसके बाद पूरा देश गमगीन है. गुरुवार शाम 8 बजे उनका पार्थिव शरीर दिल्ली लाया गया. दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर पीएम मोदी, रक्षा मंत्री, तीनों सेना प्रमुख और तमाम अधिकारी उन्हें अंतिम सैल्यूट देंगे. शुक्रवार को उन्हें राष्ट्रीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी. जनरल रावत के घर-परिवार, गांव, पड़ोसी, बैचमेट, जूनियर्स और साथी समेत तमाम लोगों ने उनके लिए प्रेम, सम्मान, अपनेपन के साथ देश के लिए उनके योगदान की चर्चा की. उनसे जुड़ी अनमोल यादें साझा कीं.
चीन की साजिशों पर सबसे ज्यादा मुखर थे जनरल रावत
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अशोक कुमार चौधरी ने जनरल बिपिन रावत के साथ कई मौके पर काम किया है. उनकी यादें साझा करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल अशोक कुमार चौधरी ने कहा कि नेशन फर्स्ट और मेक इन इंडिया के साथ जनरल की सोच हमेशा देश को आगे ले जाने को लेकर साफ रही. वहीं चीन की साजिशों को लेकर वह हमेशा मुखर रहे. उनके काम करने का अंदाज बहुत बोल्ड और अनुशासित था. 1963 बैच के अफसर और सीडीएस जनरल रावत के करीबी रहे कैप्टन डॉ. सुरेश बंजारी ने बताया कि जनरल रावत की मौत एक बेहद दुखद घटना है. जब कभी आर्मी के बड़े अधिकारी किसी यात्रा पर निकलते हैं तो सिक्योरिटी से लेकर हर तरह की सुरक्षा को जांच लिया जाता है. जिस MI-17 से वो यात्रा कर रहे थे वो एक बेहतरीन सुविधाओं से लैस और बेहद सुरक्षित हेलीकॉप्टर है. बिपिन रावत एक बहुत ही डिसर्विंग अफसर थे. उनकी काबिलियत देखकर ही उन्हें पहला CDS बनाया गया था. उनका इस तरह से निधन हमारे देश के लिए एक बड़ा नुकसान है. सीडीएस जनरल रावत के बैचमेट और नजदीकी दोस्त रहे रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल राकेश शर्मा ने बताया कि उनका पर्सनल बॉन्डिंग और निर्णय लेने की क्षमता के सभी कायल थे.
सीडीएस बिपिन रावत को तीनों सेनाओं के संगम का श्रेय
डीजीएमओ और प्रिंसिपल सेक्रेटरी इंडियन आर्मी रहे रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एके भट्ट ने बताया कि जनरल बिपिन रावत के साथ काम करना गर्व की अनुभूति देता है. उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला. चीन के साथ डोकलाम स्टैंड ऑफ में उन्होंने कहा कि एक भी पद पीछे नहीं रखना है. तीनों सर्जिकल स्ट्राइक, म्यांमार, ऊरी और डोकलाम में सेना की अगवानी की. जनरल भट्ट ने कहा कि जनरल रावत एक सामान्य सैनिक से लेकर उच्च अधिकारियों तक को विश्वास में लेकर काम करते थे. तीनों सेनाओं के संगम का श्रेय सीडीएस बिपिन रावत को जाता है. अब सेना के अन्य अधिकारी इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप को आगे लेकर जाएंगे. रिटायर्ड कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी ने CDS बिपिन रावत की हेलीकॉप्टर क्रैश घटना में हुई मौत को लेकर दुख जताया. उन्होंने जनरल बिपिन रावत के साथ बिताए पलों को साझा किया और बताया कि आखिर क्यों सीडीएस जनरल बिपिन रावत सबसे अलग थे. उन्होंने भी एयरफोर्स के एमआई 17 वी-5 हेलीकॉप्टर पर भी सवाल खड़े किए.
इंटीग्रेटेड थिऐटर कमांड को साकार कर रहे थे जनरल रावत
डिफेंस एक्सपर्ट ब्रिगेडियर विजय सागर ने जनरल बिपिन रावत की कमांड में काम किया. बिपिन रावत के भाई ब्रिगेडियर विजय सागर के अच्छे मित्र हैं. ब्रिगेडियर का कहना है कि बिपिन रावत देश की सेनाओं को मजबूत करने में जुटे थे. इंटीग्रेटेड थिऐटर कमांड को साकार कर रहे थे. ब्रिगेडियर धीमान ने कहा कि CDS बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सेना के अधिकारियों की मौत से देश दुखी है, स्तब्ध है. लोगों के मन मे सवाल है कि आखिर ऐसा कैसे हुआ ? तमिलनाडु के कूनूर जहां विमान हादसा हुआ वहां की भौगोलिक स्थिति के जानकार ब्रिगेडियर धीमान ने हादसे के संभावित कारणों का जिक्र किया. हादसे वजह क्या हो सकती इसके बारे में भी विस्तार से बताया. सीडीएस जनरल बिपिन रावत के कमांड में काम करने वाले रिटायर्ड ब्रिगेडियर ए पी सिंह ने कहा कि उनके काम और सोच की वजह से ही पूरा देश उन्हें याद कर रहा है.
कोरोना वारियर्स पर फूलों की वर्षा का भी श्रेय
डिफेंस एक्सपर्ट कर्नल नरेंद्र दहिया ने कहा कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने देश की सेनाओं के लिए अच्छा काम किया और सेनाओं को सशक्त किया. कोरोना वारियर्स पर फूलों की वर्षा की. सेनाओं को आधुनिक बनाया. डिफेंस एक्सपर्ट कर्नल एसके गुप्ता ने कहा कि जनरल रावत देश के पहले CDS थे. आतंक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की. सर्जिकल स्ट्राइक की. देश की आर्मी सशक्त है. जम्मू कश्मीर के बारामूला स्थित शेरवानी कम्यूनिटी हॉल में लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडेय जीओसी, श्रीनगर चीनार कॉर्प्स ने CDS जनरल रावत को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि ऊरी, बारामूला और कश्मीर के लोगों के साथ उनका स्पेशल कनेक्शन था. वह भारत को वर्ल्ड पावर बनाने की ओर तेजी से आगे बढ़ा रहे थे.
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पैतृक गांव में श्रद्धांजलि देने वालों का तांता
उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में पौड़ी जनपद के विरमोली ग्रामसभा का सैंण CDS बिपिन रावत का पैतृक गांव है. उनके निधन की खबर सुनकर गांव के आसपास के लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंच रहे हैं. उनके पैतृक आवास पर जाकर लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं. इस दौरान स्थानीय विधायक रितु खंडूरी भी परिवार से मिलने के लिए पहुंचे. उन्होंने कहा कि वह पूरे देश के लिए सबसे बड़ी शक्ति रहे. उन्होंने उत्तराखंड के लिए भी बहुत कुछ किया है. इस दौरान पौड़ी जनपद के जिला अधिकारी विजय जोगदंडे भी उनके गांव पहुंचे. उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि गांव को सड़क से जोड़ने का महज एक किलोमीटर का काम अभी बाकी है. जल्द ही वह पूरा हो जाएगा.
सैनिक स्कूल और सड़क जैसे सपनों का जिक्र
CDS जनरल बिपिन रावत के चाचा भरत सिंह रावत और चाची सुशीला रावत ने कहा कि गांव में जाने के लिए अभी फिलहाल सड़क नहीं है. पैदल मार्ग से ही गांव में जाना होता है. साल 2019 में जब CDS जनरल बिपिन रावत यहां आए थे तो सड़क को लेकर भी उन्होंने कई लोगों से बात की थी. साल 2018 में जब जनरल बिपिन रावत गांव पहुंचे थे तो उन्होंने इसी इष्ट देवता के मंदिर में पूजा अर्चना की थी. उस दौरान भी उन्होंने इस रास्ते को बेहतर कराने के लिए कहा था. CDS जनरल रावत के चचेरे भाई रघुबीर सिंह रावत ने कहा उनके जाने के बाद सड़क बनने और सैनिक स्कूल बनने का सपना टूट गया है. ग्राम प्रधान और स्थानीय युवाओं ने भी गांव में सैनिक स्कूल से जुड़े उनके सपनों की चर्चा की.
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नोएडा में पड़ोसियों ने भावुक होकर किया याद
दिल्ली-एनसीआर के नोएडा सेक्टर 37 में CDS जनरल बिपिन रावत का मकान है. उनकी पत्नी अपनी दोनो बेटी के साथ यहां 4 साल पहले तक रहा करती थीं. परिवार छुट्टियों पर यहां आया करता था. CDS जनरल बिपिन रावत के पिता लेफ्टिनेंट जर्नल एल एस रावत ने मकान खरीदा था. इस मकान से उनकी गहरी यादें जुड़ी हुई हैं. अब इस मकान को कर्नल जेपी सिंह को रहने को दिया हुआ है. कर्नल सिंह और पड़ोसी कर्नल वीके भाटिया और माला कपूर ने CDS बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधु और उनके माता-पिता के साथ बीते समय को लेकर आपनी यादें साझा की. उन्होंने बताया कि रिटायरमेंट के बाद बिपिन रावत और उनकी पत्नी अपने नोएडा के घर में रहना चाहते थे.
HIGHLIGHTS
- इंटीग्रेटेड थिऐटर कमांड को साकार कर रहे थे सीडीएस जनरल बिपिन रावत
- चीन के साथ डोकलाम स्टैंड ऑफ में उन्होंने कहा कि एक भी पद पीछे नहीं रखना है
- तीनों सर्जिकल स्ट्राइक, म्यांमार, ऊरी और डोकलाम में जनरल रावत सेना की अगवानी की