Advertisment

गोवा कांग्रेस के 'शिंदे' बने माइकल लोबो और दिगंबर कामत, बगावत की कहानी

महाराष्ट्र में शिवसेना के बाद पड़ोसी राज्य गोवा में कांग्रेस (Goa Congress Crisis) अपने विधायकों की बगावत झेल रही है. कांग्रेस ने कहा है कि उनके कुल 11 में 5 विधायक संगठन के संपर्क से बाहर हो गए हैं.

author-image
Keshav Kumar
एडिट
New Update
goa cong

दिगंबर कामत और माइकल लोबो कौन हैं?( Photo Credit : News nation)

Advertisment

 महाराष्ट्र में शिवसेना के बाद पड़ोसी राज्य गोवा में कांग्रेस (Goa Congress Crisis) अपने विधायकों की बगावत झेल रही है. कांग्रेस ने कहा है कि उनके कुल 11 में 5 विधायक संगठन के संपर्क से बाहर हो गए हैं. गोवा में कांग्रेस के लिए एकनाथ शिंदे की भूमिका में उनके दो दिग्गज नेता हैं. ये नेता हैं दिगंबर कामत और माइकल विंसेंट लोबो ( Digambar Kamat and Michael Lobo). गोवा कांग्रेस प्रभारी दिनेश गुंडू राव ने बीते दिनों माइकल लोबो और दिगंबर कामत पर खुलकर आरोप लगाए हैं. कांग्रेस ने गोवा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से माइकल लोबो को हटा दिया गया है.

दिनेश गुंडू राव ने रविवार को माना था कि लोबो और कामत के अलावा कांग्रेस के तीन और विधायकों केदार नाइक, राजेश फलदेसाई और डेलियाला लोबो से संपर्क नहीं हो पा रहा है. राव ने कहा कि गोवा में विपक्ष के नेता माइकल लोबो और पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत कांग्रेस में दलबदल सुनिश्चित करने के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर साजिश रच रहे थे. सोमवार से शुरू हो रहे गोवा विधानसभा के सत्र  में इस मामले को लेकर हंगामा हो शुरू हो गया है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के सीनियर नेता मुकुल वासनिक को डैमेज कंट्रोल के लिए गोवा भेजा है. 

आइए, जानने की कोशिश करते हैं कि गोवा कांग्रेस में मौजूदा सियासी संकट के लिए जिम्मेदार बताए जा रहे दिगंबर कामत और माइकल लोबो कौन हैं? इसके अलावा गोवा कांग्रेस की इस बगावत की पूरी पृष्ठभूमि क्या है?

दिगंबर कामत

गोवा के मडगांव में 8 मार्च 1954 को जन्में दिगंबर कामत 1994 से लगातार विधायक हैं. दिगंबर कामत साल 2007 में कांग्रेस के राज में गोवा के मुख्यमंत्री रहे हैं. इसके अलावा कामत गोवा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं. उन्होंने इस साल 8वीं बार गोवा विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की थी. कामत ने कांग्रेस से अपनी राजनीतिक पारी शुरू की थी. 1994 में जब कांग्रेस ने उन्हें विधानसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं दिया तो उन्होंने पार्टी छोड़कर बीजेपी जॉइन कर ली थी. इसके बाद कामत का ज्यादातर सियासी जीवन बीजेपी में बीता है.

पर्रिकर सरकार गिराने में भूमिका 

लंबे अंतराल (लगभग 11 साल) बाद उन्होंने साल 2005 में फिर से बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया. तब उन्होंने तत्कालीन मनोहर पर्रिकर सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाई. 2007 के चुनाव में जब कांग्रेस को जीत मिलने पर समझौते के तहत दिगंबर कामत को मुख्यमंत्री बनाया गया था. उसके बाद उन्होंने 2012 तक राज्य के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली. 2017 के विधानसभा चुनावों के बाद दिगंबर कामत 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में विपक्ष के नेता बने. पेशे से व्यापारी और रियल एस्टेट कारोबारी रहे दिगंबर कामत के परिवार में पत्नी आशा और दो बच्चे हैं.

मंत्री पद और घोटाले का आरोप

दिगंबर कामत 2007 से पहले कांग्रेस की प्रताप सिंह राणे सरकार में ऊर्जा, खनन, कला व संस्कृति मंत्री थे. वहीं तीन बार कामत राज्य के बिजली मंत्री भी रह चुके हैं. कामत इसके अलावा गोवा सरकार में शहरी विकास व खनन, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग भी संभाल चुके हैं. गोवा में एक दशक से भी अधिक समय तक दिगंबर कामत खनन मंत्रालय संभाल चुके हैं. इस दौरान उन पर घोटाले के भी आरोप लगे. जस्टिस एमबी शाह आयोग ने कामत पर 35,000 करोड़ रुपये के खनन घोटाले की निगरानी करने का आरोप लगाया था. इस घोटाले में कई नौकरशाह और खनन माफियाओं का भी नाम आया था. 

माइकल लोबो

लंबे समय से गोवा की राजनीति में सक्रिय माइकल विंसेंट लोबो कलंगुट से कांग्रेस पार्टी के विधायक हैं. बीते दिन ही उन्हें गोवा में विपक्ष के नेता पद से हटाया गया है. लोबो इस साल जनवरी तक बीजेपी के नेता थे. माइकल लोबो उत्तरी गोवा बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे थे. पहली बार साल 2012 में बीजेपी के टिकट पर कलंगुट विधानसभा से चुनाव लड़ा और कांग्रेस उम्मीदवार को 1,857 मतों से हराया था. इसके बाद वह प्रमोद सावंत सरकार में मंत्री भी बने. इस साल गोवा विधानसभा चुनाव से पहले 10 जनवरी को उन्होंने सावंत सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया था. 

भारत के पहले प्लेबॉय क्लब का विरोध

गोवा के मापुसा में 1976 में पैदा हुए माइकल लोबो रोमन कैथोलिक ईसाई हैं. लोबो वह 24 मई 2012 से पणजी और मापुसा में काम देखने वाले उत्तरी गोवा योजना एवं विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भी हैं. साल 2013 में जब गोवा में भारत का पहला प्लेबॉय क्लब खुला था तो लोबो भी उसका विरोध करने वालों में  शामिल थे. उन्होंने क्लब को वेश्यावृत्ति के समान बताया था. तब गोवा सरकार को क्लब को दी गई इजाजत वापस लेनी पड़ी थी. माइकल लोबो की पत्नी डेलियाला लोबो भी कांग्रेस पार्टी से विधायक हैं. जनवरी में लोबो के साथ डेलियाला ने भी बीजेपी छोड़कर कांग्रेस पार्टी जॉइन कर ली थी. 

गोवा संकट पर कांग्रेस नेता का बयान

गोवा कांग्रेस में बगावत पर काबू के लिए कांग्रेस हाईकमान ने कवायद तेज कर दी है. गोवा कांग्रेस के प्रभारी दिनेश गुंडूराव ने आरोप लगाया कि बीजेपी मोटी रकम का लालच देकर कांग्रेस के दो-तिहाई विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है. वहीं AICC के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने रविवार देर रात ट्वीट किया कि कांग्रेस अध्यक्ष ने सांसद मुकुल वासनिक को गोवा में ताजा राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर रखने के लिए वहां जाने को कहा है. वहीं, कांग्रेस के दूसरे सीनियर नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि यह लोकतंत्र नहीं है, बल्कि बीजेपी का धन तंत्र है. उन्होंने कहा कि इस बात की जांच करने की जरूरत है कि इनमें से कितने विधायक प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आयकर विभाग (IT Department) की जांच का सामना कर रहे हैं. 

ये भी पढ़ें - मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र के बाद क्या झारखंड? गैर- BJP दल गंवा रहे अपनों का भरोसा

कांग्रेस का दावा और सीटों का समीकरण

गोवा कांग्रेस की आपातकालीन बैठक और प्रेस कांफ्रेस में दिनेश गुंडु राव के साथ कांग्रेस के पांच विधायक एल्टन डी’कोस्टा, संकल्प अमोनकर, यूरी अलेमाओ, कार्लोस अल्वारेस फरेरा, रुडोल्फ फर्नांडीस मौजूद थे. राव ने दावा किया कि छठे विधायक एलेक्सो सिकेरा पार्टी नेताओं के संपर्क में है और पार्टी के साथ हैं. वहीं, गोवा में कांग्रेस के 11 विधायकों में 8 के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं. क्योंकि महज 5 विधायकों के पाला बदलने से उन पर दल-बदल का कानून लग सकता है और उनकी सदस्यता जा सकती है.

गोवा में सत्तारूढ़ बीजेपी के पास 20 विधायक हैं. इसके अलावा उसे पांच अन्य विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है. इस साल फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 11 सीट पर जीत हासिल की थी. वहीं कुछ और छोटे दलों-निर्दलीय विधायकों ने पांच सीट हासिल की थी. इससे पहले गोवा में साल 2019 भी ऐसा ही हुआ था. उस समय कांग्रेस के 10 विधायक एक साथ बीजेपी में चले गए थे.  

HIGHLIGHTS

  • गोवा कांग्रेस के लिए एकनाथ शिंदे की भूमिका में उनके दो दिग्गज नेता हैं
  • गोवा विधानसभा के सत्र में इस मामले को लेकर हंगामा हो शुरू हो गया है
  • सोनिया गांधी ने वासनिक को कांग्रेस के डैमेज कंट्रोल के लिए गोवा भेजा है
BJP congress बीजेपी Michael Lobo Digambar Kamat गोवा कांग्रेस माइकल लोबो goa congress crisis split in goa congress profile feature दिगंबर कामत
Advertisment
Advertisment