देश में कोरोनावायरस संक्रमण ( Coronavirus cases) के नए मामलों की संख्या गिरने के बावजूद खतरे की आशंका बढ़ती दिख रही है. एक बार फिर पड़ोसी देशों में बढ़ते कोरोना केस ने भारत की टेंशन बढ़ा दी है. चीन, हॉन्गकॉन्ग समेत एशिया और यूरोप के कई देशों में कोरोना के मामलों में बढ़त दर्ज की जा रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक पड़ोसी चीन ने कोरोना पर काबू के लिए अपने कुछ प्रांतों में बेहद सख्त लॉकडाउन लगाया है. चीन में बढ़ते मामलों के पीछे कोरोना के नए और बेहद संक्रामक ओमीक्रॉन के सब वेरिएंट BA.2 को वजह बताया जा रहा है. यह ओमीक्रॉन से कहीं अधिक संक्रामक है. दूसरी ओर यूरोप में बेकाबू कोरोना मामलों के पीछे डेल्टा और ओमीक्रॉन वेरिएंट के मेल से उभरे डेल्टाक्रोन को प्रमुख कारण बताया जा रहा है.
आइए जानते हैं कि दुनिया के इन देशों में कोरोना की चौथी लहर की आशंका कैसी है? विश्व स्वास्थ्य संगठन की चिंता और दुनिया के लिए उसकी चेतावनी क्या है? भारत में कोरोना की नई लहर को लेकर एक्सपर्ट्स की क्या आशंका है? साथ ही हम कैसे आने वाले इस खतरे से खुद को बचा सकते हैं?
1. चीन में बेकाबू हो रहे कोरोना के मामले
जीरो-कोविड रणनीति अपनाने वाले चीन में पिछले कुछ दिनों से रोजाना पांच हजार से ज्यादा मामले आ रहे हैं. हालात को देखते हुए करीब 30 मिलियन लोगों को घरों में कैद होना पड़ा है. चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों ने भारत समेत दुनिया के कई देशों को टेंशन में डाल दिया है. चीन में कोविड-19 संक्रमण के नए मामले मंगलवार को दोगुने हो गए. इनमें से तीन-चौथाई अकेले जिलिन प्रांत में थे. शेंजेन एवं चांगचुन में खानपान, ईंधन समेत कुछ अनिवार्य जरूरी सेवाओं को छोड़कर सब कुछ बंद करने के आदेश दिए गए हैं. लाखों निवासियों को संक्रमण की जांच कराने को कहा गया है. चीन के ग्वांगडोंग, शंघाई, शेडोंग और जिलिनचीन में एक दिन में स्थानीय स्तर पर संक्रमण के दो हजार के करीब नए मामले दर्ज किए गए.
2. हॉन्गकॉन्ग में कोरोना केस बढ़ने की वजह
हॉन्गकॉन्ग में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर एम्स के पूर्व डीन और इम्युनोलॉजिस्ट डॉ. एनके मेहरा का कहना है कि हॉन्ग कॉन्ग में कोरोना वैक्सीनेशन रेट कम है. ऐसे में मौजूदा समय में वहां केस बढ़ने और उसके खतरनाक रूप धारण करने की ये सबसे बड़ी वजह हो सकती है. उन्होंने कहा कि भारत कोरोना की आने वाली लहर को टाल सकता है. उन्होंने कहा कि इसके पीछे दो बड़ी वजहे हैं. पहला, ज्यादातर भारतीय वायरस के संपर्क में आ चुके हैं और वे स्वाभाविक रूप से इम्युनिटी प्राप्त कर चुके हैं. दूसरा, देश में लगभग सभी वयस्क और बड़ी संख्या में 15 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है.
3. पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र और दक्षिण अफ्रीका में बढ़े केस
पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र और दक्षिण अफ्रीका में कोरोना संक्रमण के मामले सबसे ज्यादा बढ़े हैं. पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में 29 फीसदी और अफ्रीका में कोरोना केस में 12 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. हालांकि, पश्चिम एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और अमेरिका में 20 फीसदी से ज्यादा मामले कम हुए हैं. यूरोप में करीब दो प्रतिशत की बढ़ दर्ज हुई है.
4. अफ्रीका में 1.13 करोड़ के करीब कोरोना मामले
अफ्रीका सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Africa CDC) का कहना है कि वहां कोविड-19 केस की संख्या 1,12,84,902 पहुंच गई है. अफ्रीकी संघ की विशेष स्वास्थ्य सेवा एजेंसी के अनुसार पूरे महाद्वीप में कोविड-19 की मौत का आंकड़ा 2,50,403 के करीब है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अफ्रीका सीडीसी ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका, मोरक्को, ट्यूनीशिया और लीबिया महाद्वीप पर सबसे अधिक मामलों वाले देशों में शामिल है. दक्षिण अफ्रीका ने अफ्रीका में 36,95,175 मामलों के साथ सबसे अधिक कोविड-19 मामले दर्ज किए हैं. इसके बाद दो उत्तरी अफ्रीकी देशों मोरक्को और ट्यूनीशिया में मामले दर्ज किए गए हैं.
5. अमेरिका में बढ़ते मामलों के पीछे BA.2 सब वेरिएंट
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (US CDC) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, ओमीक्रॉन वेरिएंट का BA. 2 सब वेरिएंट अब अमेरिका में तेजी से फैलते हुए लगभग एक चौथाई नए कोविड -19 संक्रमण का कारण बन गया है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, यह डेटा सिर्फ एक हफ्ते पहले 10 में से 1 नए मामले से ऊपर है. सीडीसी के आंकड़ों के अनुसार, BA.2 सब वेरिएंट देश में रहा है. अमेरिका में संक्रमण लगभग हर हफ्ते दोगुना हो रहा है. प्रारंभिक अध्ययनों से पता चला है कि BA.2 मूल ओमिक्रॉन की तुलना में 30 प्रतिशत तक अधिक संक्रामक हो सकता है.
6. पाकिस्तान में दक्षिणी सिंध प्रांत सबसे अधिक प्रभावित
नेशनल कमांड एंड ऑपरेशन सेंटर (NCOC) के मुताबिक पाकिस्तान में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. दक्षिणी सिंध प्रांत यहां का सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र है. इसके बाद पूर्वी पंजाब प्रांत में कोरोना के मामले दर्ज किए गए हैं. पाकिस्तान में बीते 24 घंटे में कोरोना के 493 नए मामले सामने आए. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में कोरोना महामारी के खिलाफ अभियान का नेतृत्व करने वाले विभाग एनसीओसी ने कहा कि देश में डेथ रेट में हाल ही में गिरावट देखी गई.
7. WHO की चिंता और चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कम टेस्ट और कई हफ्तों के संक्रमण में गिरावट के बावजूद कोविड -19 मामलों में वैश्विक बढ़ोतरी को लेकर चेतावनी दी है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूएचओ ने कहा कि विशेष रूप से एशिया के कुछ हिस्सों में मामले बढ़ रहे हैं. वैक्सीनेशन कवरेज को बढ़ाने और महामारी प्रतिक्रिया उपायों को उठाने में सावधानी बरतने का आग्रह किया गया है. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस ने कहा कि कई देशों ने कोविड-19 जांच की अपनी रणनीति को बदला है. वे अब कम नमूनों की जांच कर रहे हैं. इससे नए मामलों का पता नहीं चल पा रहा है.
8. दुनिया में कोरोना से होने वाली मौत में कमी
दुनियाभर में पिछले हफ्ते कोरोना वायरस के कारण होने वाली मौत के मामलों में 17 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है. इसके उलट कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने यह जानकारी दी. डब्ल्यूएचओ ने महामारी पर अपनी साप्ताहिक रिपोर्ट में कहा कि पिछले हफ्ते 1.1 करोड़ नए संक्रमित मिले जो पिछले हफ्ते की तुलना में 8 फीसदी अधिक हैं. वहीं 43 हजार और लोगों की जान चली गई. कोविड-19 के कारण दुनियाभर में होने वाली मौतों की संख्या में पिछले तीन हफ्तों से गिरावट देखी जा रही है.
9. वैक्सीन की वजह से कम होगा खतरा
एम्स में न्यूरोलॉजी के पूर्व हेड और रांची इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के मौजूदा डायरेक्टर डॉ. कामेश्वर प्रसाद का कहना है कि लोगों को अब कोरोना वायरस के साथ रहना सीखना होगा. प्रसाद ने कहा कि वायरस कुछ और समय तक रह सकता है. उन्होंने कहा कि इससे कहीं-कहीं कोरोना संक्रमण को मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है. हालांकि, कोरोना वैक्सीनेशन के बाद मरीज पर वायरस का प्रभाव और इसके गंभीर असर की क्षमता में कमी आएगी. देश में 90 फीसदी से ज्यादा व्यस्क लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है.
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10. भारत पर नई लहर का कितना होगा असर
चीन और पाकिस्तान समेत बाकी देशों में बढ़ रहे कोरोना मामलों को लेकर भारतीय एक्सपर्ट की अलग राय है. महामारी विशेषज्ञ डॉ. चंद्रकांत लहारिया का कहना है कि कई देश करीब एक-दो महीने पहले ओमीक्रॉन की लहर झेल चुके हैं. अब हालात काबू में हैं. नई लहर में वायरस का अधिकतर प्रसार उन देशों में फैल रहा है जहां पहले इसका अधिक प्रसार नहीं हुआ था. इस वक्त कई छोटे देशों में यह तेजी से फैल रहा है. वहीं पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. के श्रीनाथ रेड्डी का कहना है कि लोगों को खासतौर से सार्वजनिक स्थलों पर कोविड प्रोटोकॉल को अपनाना चाहिए. लोगों को भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना चाहिए. इसके अलावा सामाजिक दूरी बनाए रखनी चाहिए.
HIGHLIGHTS
- चीन, हॉन्गकॉन्ग समेत एशिया और यूरोप के कई देशों में कोरोना के मामले बढ़े
- इम्यूनिटी और वैक्सीनेशन से भारत कोरोना लहर की आशंका को टाल सकता है
- WHO ने कोविड-19 मामलों में वैश्विक बढ़ोतरी पर चिंता जताई और चेतावनी दी