भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस के बारे में कहा जाता है कि वह भूत और भविष्य दोनों की आंखों में झांक लेते थे. जिन आविष्कारों, व्यक्तियों और घटनाओं के बारे में उस समय की दुनिया अनजान थी, उसके बारे में भी नास्त्रेदमस ने सटीक भविष्यवाणियां की थीं. अपनी किताब 'द प्रोफेसीज़' में नास्त्रेदमस ने करीब 1200 चौपाइयां लिखी हैं. चार पंक्ति की इन्हीं कविताओं में उन्होंने इतना कुछ लिख डाला है, जिन्हें जानकर दुनिया आज भी हैरान हो जाती है. एक-दो नहीं, नास्त्रेदमस की सैकड़ों भविष्यवाणियां सही साबित हुई हैं. नास्त्रेदमस ने आज से तकरीबन 500 साल पहले साल 2020 को तबाही का साल बताया है. नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों के मुताबिक, दुनिया के बड़े शहरों में गृह युद्ध जैसे हालात हो जाएंगे.
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संकेत रहे हैं उभर
इसके अलावा साल 2020 में कई देशों के बीच टकराव बढ़ेंगे. उन्होंने तीसरे विश्व युद्ध की आशंका जताई थी. नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों के मुताबिक, अमेरिका एशिया में सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास शुरू करेगा. इन भविष्यवाणियों की अगर मौजूदा हालात से तुलना की जाए तो साल 2020 की शुरुआत में ही दो बड़े देशों के बीच तनातनी बढ़ गई है. पूरी दुनिया तबाही की आग में झुलसने वाली है. नास्त्रेदमस ने शायद इस तबाही की आशंका बहुत साल पहले ही जता दी थी. हालांकि युद्ध की असली तस्वीर रूस, चीन, फ्रांस और जर्मनी जैसे मुल्कों के रुख से ही तय होगी. नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी में इस बात का भी जिक्र है कि आने वाले सालों में चीन और रूस एक महाशक्ति के रूप में उभरेंगे.
2020 के लिए भविष्यवाणियां
- साल 2020 में दुनिया के बड़े देशों में गृह युद्ध जैसे हालात हो जाएंगे और लोग सड़कों पर उतर आएंगे.
- 2020 में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हत्या की कोशिश की जा सकती है, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प को बड़ा नुकसान हो सकता है.
- 2020 तक लोग पहले से बहुत ज़्यादा जागरुक हो चुके होंगे और लोगों में एक नए तरह का आध्यात्मिक झुकाव देखने को मिलेगा.
- 2020 में अमेरिका एशिया में सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास शुरू करने वाला है.
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भारत के संदर्भ में कही गई बातें
10वीं सेंचुरी की 75वीं चौपाई है- 'काफ़ी इंतज़ार के बाद भी वो यूरोप नहीं आएगा, वो एशिया में अवतरित होगा, ईश्वर का अवतार होगा, पूर्व के सभी राजा उसकी सत्ता स्वीकारेंगे.' इसको भारत से जोड़कर देखा गया है. सेंचुरी 10 की 96 वीं चौपाई में कहा गया है- 'सागर के नाम वाले धर्म की जीत होगी, अदुलउनकातिफ़ जाति के लड़के से, जिद्दी और रोने वाली जाति डरेगी, दोनों ही अलेफ़ और अलेफ़ के हाथों घायल होंगे.' सागर के नामवाला धर्म तो हिंदू ही है, तो क्या इस चौपाई में नास्त्रेदमस ने हिंदू और ईसाई धर्म के आपस में लड़ने की बात कही है या किसी अन्य धर्म के हाथों हिंदू धर्म का प्रताड़ित होना बताया है और आख़िर में भारत की जीत बताई है? पहली सेंचुरी की 50वीं चौपाई में ज़िक्र है- 'वो ज़मीन जहां तीन समुद्रों के पानी मिलते हैं वहां एक शख्स पैदा होगा, बृहस्पतिवार (गुरुवार) जिसकी पूजा का दिन होगा, ज़मीन और समुद्र में उसकी ख्याति, शासन और ताक़त बढ़ेगी. वो दुनिया को मुश्किल में डालेगा.' कइयों ने इसे दक्षिण भारत से जोड़कर देखा है. इसके समर्थन में वे यह भी कहते हैं कि सिर्फ़ हिंदू धर्म में ही गुरुवार पूजा जाता है. तो क्या यह मान लिया जाये कि दुनिया का अगला शासक दक्षिण भारत में पैदा होगा?
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तीसरे विश्वयुद्ध का संकेत
नास्त्रेदमस ने 1555 में ही अपनी 942 कविताओं से भरी किताब में किसी बड़े वैश्विक संघर्ष का इशारा कर दिया था. नास्त्रेदमस ने लिखा था- 'In the city of God, there will be a great thunder. Two brothers torn apart by Chaos while the fortress endures. The great leader will succumb. The third big war will begin when the big city is burning'
स्कॉलर्स का मानना है कि इन पंक्तियों में यूएस और नॉर्थ कोरिया, यूएस और रूस के बीच तीसरे विश्व युद्ध का संकेत छिपा हुआ है. कई लोगों ने अनुमान लगाया है कि तीसरे विश्व युद्ध के साथ इस सदी की सबसे बड़ा आर्थिक संकट भी आएगा. तीसरा विश्व युद्ध दो सुपरपावर के बीच होगा और यह युद्ध 27 वर्षों तक चलेगा. न्यूक्लियर आतंकवाद और प्राकृतिक आपदाएं हमारी धरती का विनाश कर देंगे. यूरोपीय देश और यूएस ना केवल इमिग्रेशन की समस्या को लेकर जूझेंगे बल्कि इन पर कई आतंकी हमले होने की भी आशंका है. मध्यपूर्व देशों और दुनिया के कुछ अन्य हिस्सों में भी धार्मिक अतिवाद बढ़ेगा जिसकी परिणति अशांति और गृहयुद्ध के तौर पर होगी. कई लोगों को अपना देश छोड़कर दूसरे देशों में शरण लेने को मजबूर होना पड़ेगा.
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सच हुई भविष्यवाणियां
विश्वयुद्धःउन्होंने 500 साल पहले ही बता दिया था कि इस दुनिया के लोगों को दो विश्व-युद्ध झेलने होंगे, जिनमें हजारों-लाखों लोगों का खात्मा होगा. 1939 से 1945 के बीच यह युद्ध लड़ा गया और लाखों सैनिकों और आम लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा. दुनिया ने पहली बार एटम बम की तबाही देखी. युद्ध खत्म हुआ तो इसमें शामिल देशों की अर्थव्यवस्था, उद्योग-धंधे और सैन्य ताकतें बर्बाद हो गईं.
- हिटलर का उदय
- ब्रिटिश राजकुमारी डायना की मौत
- 1966 में लंदन में आग
- जापान में हिरोशिमा और नागासाकी में हुए परमाणु हमले
- फ्रांसीसी क्रांति
- नेपोलियन का उदय
- 2001 में हुए वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला
- ब्रेक्जिट क्राईसिस
- आईएसआईएस का उदय
HIGHLIGHTS
- अपनी किताब 'द प्रोफेसीज़' में नास्त्रेदमस ने करीब 1200 चौपाइयां लिखी हैं.
- तीसरे विश्व युद्ध की आशंका जताई थी. दो बड़े देशों के बीच तनातनी बढ़ी.
- दुनिया का अगला शासक दक्षिण भारत में पैदा होगा?
Source : News State