पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के कत्ल की साजिश को लेकर एक बार फिर शोर मच गया है. पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी विभाग ( Counter Terrorism Department) के खैबर पख्तूनख्वा विंग ने अलर्ट किया है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ( PTI) के प्रमुख इमरान खान की हत्या की योजना बनाई जा रही है. इसके लिए स्थानीय आतंकवादियों ने अफगानिस्तान में एक कुख्यात हत्यारे से मदद मांगी है. इसके बाद पाकिस्तान की सियासत और सुरक्षा एजेंसियों के बीच सरगर्मी तेज हो गई है.
पाकिस्तान के प्रमुख दैनिक ‘जंग’ की रिपोर्ट के मुताबिक आतंकवाद विरोधी विभाग ( CTD) ने इस अलर्ट के बाद सुरक्षा और खुफिया कामों में लगे सभी सरकारी एजेंसियों को इमरान खान की सुरक्षा के लिए हर संभव इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं. अखबार ने एक सीनियर पुलिस अफसर का हवाला देते हुए बताया है कि एटीएस विभाग ने 18 जून को सिक्योरिटी अलर्ट जारी किया था. अलर्ट के साथ धमकी की खबर को गोपनीय रखने और सोशल मीडिया पर लीक होने से रोकने के आदेश थे.
पीटीआई नेता बोले- अफगानी किलर को दी सुपारी
लगभग ढ़ाई महीने पहले हाई प्रोफाइल पॉलिटिकल ड्रामे के बाद प्रधानमंत्री पद से हटाए गए पीटीआई प्रमुख इमरान खान की जान के खतरे लेकर उनकी पार्टी के कई नेताओं ने चिंता जताई है. पीटीआई नेता फैयाज चौहान ने साफ कहा है कि उनके पास जानकारी है कि कुछ लोगों ने अफगानिस्तान के आतंकवादी और कुख्यात हत्यारे ‘कोच्चि’को इमरान खान की कत्ल करने का आदेश या सुपारी दिया है. विश्वास मत हारकर सत्ता से बाहर हुए इमरान खान नई सरकार के खिलाफ लगातार आंदोलन कर रहे हैं.
कितनी सुरक्षा दे पाएंगे पीएम शाहबाज शरीफ
बीते महीने इमरान ने अपनी जान पर खतरे का अंदेशा जताया था. उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए पाकिस्तान की सियासत में उथल पुथल के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि बाइडन सरकार उनको पाकिस्तान की सत्ता से बाहर करवाना चाहती है. इमरान की जान को खतरे की बात पर पाकिस्तान में नई बनी गठबंधन सरकार के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने गृह मंत्रालय को इमरान खान की सुरक्षा का निर्देश दिया था. इसके बाद तमाम सुरक्षा एजेंसियां इस मामले में सक्रिय है.
सत्ता गंवाने के बाद ज्यादातर का बाहर ठिकाना
पाकिस्तान में माना जाता है कि तख्तापलट के बाद पूर्व प्रधानमंत्री की जान सांसत में है. ऐसी मिसालों को देखकर ही नवाज शरीफ जैसे पूर्व प्रधानमंत्री हों या पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान से बाहर ठिकाना बना लेते हैं. तख्तापलट में सेना की भूमिका हो तो जान का खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है. पाकिस्तान के सेना प्रमुख का कार्यकाल नवंबर 2022 में समाप्त होना है. हालांकि इमरान खान ने तख्तापलट में सेना के इस्तेमाल का सीधा आरोप नहीं लगाया है. उन्होंने इस्लामाबाद में हाल ही में दोहराया कि उन्होंने कभी नहीं सोचा कि नवंबर में सेना प्रमुख कौन होगा.
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सेना प्रमुख की नाराजगी से इमरान की जान के लाले
अल्लाह को गवाह बनाकर इमरान खान भले ही सेना की निगाहों में खुद को पाक साफ बनाने की कोशिश करते दिख रहे हों, पर पाकिस्तानी सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से उनकी तल्खियां छिपी नहीं थी. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक पाकिस्तान की पूरी सरकार की बागडोर सेना के हाथ में होती है. इमरान खान सरकार के तख्तापलट में भी सेना की पूरी भूमिका थी. बाजवा की नापसंदगी की वजह से ही इमरान की सत्ता छिन गई और अब जान के लाले पड़े हैं.
HIGHLIGHTS
- पाकिस्तान में PTI प्रमुख इमरान खान की हत्या की योजना बनाई जा रही
- एजेंसियों को इमरान खान की सुरक्षा के लिए हर संभव इंतजाम के निर्देश
- पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री- राष्ट्रपति की जान हमेशा सांसत में रहती है