पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ( Imran khan) और उनकी तीसरी पत्नी बुशरा बीबी ( Bushra Bibi) का विवादों में नाता छूटता नहीं दिखता. दोनों एक बार फिर से सरकार और जादू-टोना-टोटका के चलते सुर्खियों में हैं. जहां इमरान खान सरकार को बस चार दिन का मेहमान बताया जा रहा है वहीं बुशरा बीबी जादू-टोने के जरिए पति की सत्ता को बचाने में जुटी हैं. विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव ( No Confidence Motion) पेश करने की तैयारी के बीच इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी पर विपक्ष की ओर से आरोप लगाया जा रहा है कि वे इन दिनों जादू-टोने में लगी हैं. इससे उनके पति इमरान खान की सरकार को जीवनदान मिल सके.
एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में पूर्व पीएम नवाज शरीफ के भाई और विपक्ष के नेता शाहबाज शरीफ ने यह आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि इमरान खान के घर में कई टन मीट मंगाया गया है. उसे जादू-टोने के लिए जलाया जा रहा है. शाहबाज शरीफ ने खुद को पीर बताने वाली इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी पर इशारों में निशाना साधा है. शरीफ ने कहा कि एक तरफ देश में बच्चे दूध के लिए तरस रहे हैं, उनके लिए पौष्टिक खाने की कमी है. वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री इमरान खान के बंगले पर जादू-टोने के लिए बड़े पैमाने पर मांस को जलाया जा रहा है. इससे पहले भी बुशरा बीबी पर जादू टोना टोटका करने के आरोप लगते रहे हैं. आईएसआई प्रमुख की नियुक्ति में देरी पर मरियम नवाज ने भी इमरान को इस बारे में घेरा था.
इमरान की तीसरी पत्नी बुशरा बीवी या पिंकी पीर
इमरान खान ने साल 2018 में लाहौर में एक निजी कार्यक्रम में बुशरा बीवी से तीसरी शादी की थी. इसके 6 महीने के बाद ही वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बन गए थे. बुशरा बीवी खुद को पीर बताती हैं. अकसर जादू-टोने करने के आरोप उन पर लगते रहे हैं. बुशरा की यह दूसरी शादी है. पहले पति से उनके पांच बच्चे हैं. पाकिस्तान में लोग उन्हें पिंकी बीबी या पिंकी पीरनी भी बोलते हैं. लंबे समय से चर्चा की जाती है कि इमरान खान अपनी पत्नी से मजहबी सलाह और मशविरा लेते रहते हैं. उन्हीं के कहने पर इमरान खान किसी के जनाजे में शरीक नहीं होते हैं. बुशरा बीबी इमरान खान की पहली पत्नी जेमिमा गोल्डस्मिथ और रेहम खान की तरह मॉडर्न नहीं हैं. आमतौर पर वह बाहर नहीं निकलती और लोगों के सामने पूरी तरह बुर्के में ढकी रहती हैं.
महज चार दिन की मेहमान बताई जा रही सरकार
पाकिस्तान की संसद में शुक्रवार 25 मार्च को इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जाना था. संसद का विशेष सत्र शुरू होने के 10 मिनट बाद ही एक सांसद की मौत पर शोक जताकर खत्म कर दिया गया. इससे इमरान खान को 28 मार्च तक राहत मिल गई. अब सोमवार को संसद की कार्यवाही शुरू होगी. ऐसे में देश में खड़े हुए आर्थिक संकट और महंगाई के चलते घिरी हुई इमरान खान की सरकार को तीन दिन की मोहलत मिल गई है. विपक्ष लगातार इस्तीफे की मांग कर रहा है और इमरान खान इस्तीफा नहीं देने पर अड़े हैं.
इमरान खान की सरकार का जाना लगभग तय
साल 2018 में सरकार में आने के बाद पहला मौका है जब इमरान खान को इतना बड़े राजनीतिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. पाकिस्तान की संसद में कुल 342 सदस्य हैं. सत्ता में टिकने के लिए किसी भी राजनीतिक दल के पास 172 सदस्यों का समर्थन होना अनिवार्य है. फिलहाल इमरान खान की पार्टी पीटीआई के पास 155 सांसदों का ही समर्थन है. अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रही इमरान सरकार के 24 सांसद बागी हो गए हैं. बिना किसी बाहरी मदद के इमरान की कुर्सी जाना लगभग तय है. पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक, अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने के 3 दिन बाद और 7 दिन के अंदर वोटिंग होनी चाहिए.
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सरकार को बचाने के लिए हर मुमकिन पैंतरा
दूसरी ओर इमरान खान की सरकार को बचाने की पूरजोर कोशिश भी की जा रही है. पाकिस्तानी संसद के स्पीकर असद कैसर और सुप्रीम कोर्ट पूरी तरह उनके साथ नजर आ रहे हैं. कानूनी दांव पेंच आजमाकर ये दोनों ही वोटिंग टालने की साजिश कर रहे हैं. हालांकि विपक्ष भी इमरान खान के खिलाफ कमर कसकर तैयार है. सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद विपक्षी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (PML-N) के नेता शहबाज शरीफ ने सदन के स्पीकर असद कैसर पर तीखा हमला करते हुए उन्हें इमरान खान की कठपुतली बताया. वहीं सरकार अविश्वास प्रस्ताव को टालने का हर पैंतरा अपनाने का आरोप लगाकर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के लीडर बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि हमेशा की तरह कैप्टन फिर पिच छोड़ गए.
HIGHLIGHTS
- बिना किसी बाहरी मदद के इमरान खान की कुर्सी जाना लगभग तय है
- आर्थिक संकट और महंगाई से घिरी इमरान सरकार को 3 दिन की मोहलत
- पीएम इमरान खान अपनी पत्नी बुशरा बीबी से मजहबी मशविरा लेते रहते हैं