मोदी सरकार (PM Narendra Modi) आजाद भारत के इतिहास में विदेशों में फंसे भारतीयों को एयरलिफ्ट (Airlift) करने का दूसरा सबसे बड़ा अभियान चलाने जा रही है. कोरोना संक्रमण से उपजे वैश्विक लॉकडाउन (Corona Lockdown) के चलते लगभग एक दर्जन देशों में फंसे 15 हजार के आसपास भारतीयों को 7 मई से भारत लाया जाएगा. विदेश से भारतीयों को वापस लाने के लिए 7 मई से 13 मई तक स्पेशल फ्लाइट्स (Flights) चलेंगी. इसके तहत संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के लिए 10, अमेरिका और ब्रिटेन के लिए 7-7, सऊदी अरब के लिए 5, सिंगापुर के लिए 5 और कतर के लिए 2 उड़ानें भेजेगा.
सख्त निगरानी के बीच घर वापसी
नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी के मुताबिक, लंदन-दिल्ली उड़ान पर यात्री से 50,000 रुपये शुल्क लिया जाएगा, जबकि ढाका-दिल्ली उड़ान पर उसे 12,000 रुपये देने होंगे. पुरी के अनुसार विदेश से लौटने के बाद कोविड-19 एहतियात के तहत सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाएगी और उन्हें 14 दिन तक क्वारंटाइन रखा जाएगा. वंदे भारत मिशन के तहत मध्य पूर्व देशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए एयर इंडिया की 4 फ्लाइट गुरुवार को रवाना होगी. सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए पहले राउंड में करीब 800 भारतीयों को वापस लाया जाएगा. इन्हें केरल के कोझिकोड एयरपोर्ट पर उतारा जाएगा.
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खास बातें
- 1990 में खाड़ी युद्ध के बाद दूसरा सबसे बड़ा ऑपरेशन
- 1990 में खाड़ी युद्ध के समय कुवैत से 1.70 लाख भारतीय एयरलिफ्ट किए गए थे.
- भारत 30 साल का सबसे बड़ा एयरलिफ्ट ऑपरेशन शुरू करने जा रहा है.
- इसके तहत खाड़ी देशों समेत दुनिया के 12 देशों में फंसे भारतीयों को लाया जाएगा.
- 7 मई से शुरू होने वाले पहले फेज में 64 विमान के जरिए छात्रों समेत 14 हजार 800 लोग वतन वापसी करेंगे.
- हर दिन करीब दो हजार लोगों को लाने की योजना है.
- वापसी से पहले इन लोगों के लिए कोरोना टेस्ट जरूरी होगा.
- लोगों को फ्लाइट का किराया खुद ही देना होगा.
- केवल उन लोगों को यात्रा की इजाजत मिलेगी, जिनमें संक्रमण का कोई लक्षण नहीं होगा.
- भारत आने के बाद भी जरूरी जांच होगी और उन्हें 14 दिन तक क्वारेंटाइन किया जाएगा.
- लोगों को लाने के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल बनाया गया है.
2 लाख भारतीय घर वापसी की कतार में
इस अभियान के पहले दौर में 14 हजार 800 भारतीयों की वापसी होगी.
दुनियाभर के भारतीय दूतावास और उच्चायोग वहां फंसे भारतीयों की सूची तैयार कर रहे हैं.
रिपोर्ट्स की मानें तो विदेशों में फंसे 2 लाख भारतीय घर वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं.
13 मई के बाद शुरू होने वाले दूसरे दौर में इन भारतीयों को लौटने का मौका मिल सकता है.
नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि पहले फेज में एयर इंडिया के विमानों से लोगों को लाया जाएगा.
दूसरे फेज में प्राइवेट एयरलाइंस भी शामिल हो सकेंगी.
यह भारतीयों की घर वापसी का 30 साल का सबसे बड़ा अभियान होगा.
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इन देशों से भारतीय होंगे एयरलिफ्ट
संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, अमेरिका, कतर, सऊदी अरब, सिंगापुर, मलेशिया, फिलीपींस, बांग्लादेश, बहरीन, कुवैत, ओमान.
कितने भारतीयों को कब-कब लाया जाएगा?
7 मईः 9 देशों से 2300 लोग कोच्चि, कोझिकोड, मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, अहमदाबाद और श्रीनगर पहुंचेंगे.
8 मईः 8 देशों से करीब 2050 भारतीय चेन्नई, कोच्चि, मुंबई, अहमदाबाद, बेंगलुरू और दिल्ली आएंगे.
9 मईः 9 देशों से 2050 भारतीय मुंबई, कोच्चि, त्रिची, हैदराबाद, लखनऊ और दिल्ली आएंगे.
10 मईः 8 देशों से 1850 लोग त्रिवेंद्रम, कोच्चि, चेन्नई, त्रिची, मुंबई, दिल्ली और हैदराबाद पहुंचेंगे.
11 मईः 9 देशों से 2200 लोग कोच्चि, कोझिकोड, चेन्नई, दिल्ली, अहमदाबाद, श्रीनगर और बेंगलुरू आएंगे.
12 मई 10 देशों से 2500 लोग हैदराबाद, दिल्ली, बेंगलुरू, श्रीनगर, अहमदाबाद और कोच्चि पहुंचेंगे.
13 मईः 8 देशों से 1850 लोग कोझिकोड, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद और अमृतसर आएंगे।
भारत लौटने के लिए ये शर्तें जरूरी
अपने खर्च पर कोरोना टेस्ट कराना होगा और घर वापसी से पहले टेस्ट सर्टिफिकेट अपने पास रखना होगा.
सभी लोगों को प्लेन का किराया खुद ही देना होगा और वापसी के बाद 14 दिन तक क्वारेंटाइन रहना होगा.
क्वारेंटाइन का खर्च भी यात्रियों को ही देना होगा.
आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना होगा.
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फ्लाइट का किराया
लंदन से दिल्ली: 50 हजार रुपए
ढाका से दिल्ली: 12 हजार रुपए
क्या कोरोना के लक्षण हैं, तब भी यात्रा कर पाएंगे?
नहीं. पैसेंजर्स की बोर्डिंग से पहले स्क्रीनिंग की जाएगी. गाइडलाइंस के मुताबिक, जिन लोगों में संक्रमण के लक्षण नहीं होंगे वे ही यात्रा कर पाएंगे. यात्रा के दौरान भी उन्हें हेल्थ मिनिस्ट्री और सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के निर्देश मानने होंगे.
किन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी?
गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, मेडिकल इमरजेंसी वाले लोग, जिनके परिवार में किसी की मौत हो गई या कोई सदस्य गंभीर बीमारी से जूझ रहा हो उन्हें और विदेशों में फंसे हुए भारतीय पर्यटकों को प्राथमिकता दी जाएगी.
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समुद्र के रास्ते रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू
खाड़ी और दूसरे देशों से भारतीयों को लाने के लिए नेवी के 14 जहाज तैयार किए गए हैं. इनमें से दो मालदीव्स और एक दुबई के लिए रवाना हो चुका है. ये तीन जहाज सोशल डिस्टेंसिंग के साथ 2000 लोगों को ला सकते हैं. बाकी 11 जहाज स्टैंडबाय रखे गए हैं. इससे पहले नेवी ने 2015 में यमन से और 2006 में लेबनान से भारतीयों का रेस्क्यू किया था. वहां युद्ध से प्रभावित इलाकों में फंसे भारतीयों को लाया गया था.
रेस्क्यू में कितने दिन लगेंगे?
दुबई के लिए भेजा गया जहाज गुरुवार को वहां पहुंचने की उम्मीद है. भारतीयों को लेकर रवाना होने के दो दिन बाद ये जहाज कोच्चि पहुंचेगा. मालदीव्स भेजे गए जहाज कब पहुंचेंगे और कितने दिन में लौटेंगे, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है. इस ऑपरेशन में आने वाले खर्च के बारे में भी पता नहीं चल पाया है.
ऑपरेशन के लिए प्रोटोकॉल
- लोगों को लाते वक्त संक्रमण न फैले इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा.
- नौसैनिकों को पोतों पर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखने के साथ दूसरे ऐहतियात बरतने होंगे.
- क्रू मेंबर को रेस्क्यू किए जाने वाले लोगों से मिलने की इजाजत नहीं होगी.
- सेलिंग के लिए भी सिर्फ जरूरी क्रू मेंबर्स जहाज पर होंगे.
- जहाज पर चढ़ने से पहले और भारत लौटने के बाद सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग होगी.
- उन्हें क्वारेंटाइन भी किया जाएगा.
HIGHLIGHTS
- 1990 में खाड़ी युद्ध बाद दूसरा सबसे बड़ा ऑपरेशन वंदे भारत.
- 7 मई से शुरू होगा 30 सालों का सबसे बड़ा एयरलिफ्ट ऑपरेशन.
- 64 विमानों से लाए जाएंगे 12 देशों में फंसे लगभग 15 हजार भारतीय.