नए साल को शुरू हुए अभी हफ्ता भर बीता है और एक बार फिर सामने आ रहा है कि कांग्रेस में किसी मसले पर एकराय नहीं है. साल की शुरुआत में गलवान में चीनी सैनिकों के मसले पर राहुल गांधी और अभिषेक मनु सिंघवी समेत कई नेताओं की राय अलग-अलग थी. अब पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले में सुरक्षा चूक के मसले पर भी यही हाल है. इस क्रम में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के किसानों से बातचीत की बात को किसान संगठन ने ही झूठा करार दे दिया है. इसके अलावा सोनिया गांधी से लेकर नवजोत सिंह सिद्धू तक पीएम मोदी से जुड़ी सुरक्षा चूक पर अपने अलग-थलग बयानों से बिखरे-बिखरे नजर आ रहे हैं.
सीएम चन्नी ने राजनीतिक स्टंट बताया
गौरतलब है कि सुरक्षा चूक सामने आने पर बैकफुट पर नजर आ रहे सीएम चन्नी ने अगले ही दिन इसे चूक मानने से इंकार करते हुए पूरे मसले को राजनीतिक स्टंट करार दे दिया. इसके पहले वह इस बात से भी इंकार कर चुके थे कि पीएम मोदी के दौरे के दौरान सुरक्षा चूक के मसले पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सीएम ऑफिस फोन भी किया था. यह तब है जब सोनिया गांधी ने गुरुवार देर रात सीएम चन्नी से बात कर उन्हें नसीहत दे डाली. साथ ही पूरे प्रकरण की जांच कर सख्त कदम उठाने का निर्देश भी दिया. सीएम चन्नी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के गैरजिम्मेदाराना बयान से पहले ही पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ और राज्यसभा सांसद मनीष तिवारी समेत अन्य कांग्रेसी नेताओं ने पूरी घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था.
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कई कांग्रेसी नेता अपनी ही सरकार पर उठा रहे सवाल
पार्टी के कई नेता अपनी ही सरकार पर सवाल उठा रहे हैं. इससे विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी की मुश्किल बढ़ सकती है. मनीष तिवारी ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक का मामला दुर्भाग्यपूर्ण था. उन्होंने कहा कि पीएम की सुरक्षा में चूक एक संवेदनशील मामला है. इसे राजनीतिक फुटबॉल नहीं बनाना चाहिए. सही तथ्यों को सामने लाने के लिए हाईकोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश से मामले की जांच करानी चाहिए. मनीष तिवारी की यह टिप्पणी उस वक्त आई है, जब पंजाब सरकार न्यायमूर्ति (सेवानितृत्त) महताब सिंह गिल और अनुराग वर्मा की समिति बना चुकी है. इससे पहले पार्टी नेता सुनील जाखड़ भी इस मुद्दे पर चन्नी सरकार को घेर चुके हैं. जाहिर है कि इस मुद्दे पर कांग्रेस के अंदर भी अलग-अलग राय हैं.
चन्नी ने पार कर दी सारी हदें
गौरतलब है कि पहले दिन इस मसले पर बैकफुट पर रहे सीएम चरणजीत सिंह चन्नी बेतुका बयान देकर आरोप लगा दिया कि नरेंद्र मोदी की 'जान को खतरे की नौटंकी' का उद्देश्य राज्य में 'लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकार को गिराने' का है. चन्नी जोश में होश कहते हुए यहां तक कह गए कि प्रधानमंत्री देश के एक सम्मानित नेता हैं, लेकिन उनके कद के नेता को इस तरह की घटिया नौटंकी में शामिल होना शोभा नहीं देता. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि मोदी की जान को कोई खतरा नहीं था, बल्कि फिरोजपुर में भाजपा की रैली में लोगों की संख्या कम होने के कारण उन्होंने अपना कार्यक्रम रद्द किया था.
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गलवान मसले पर भी खाई थी मुंह की राहुल गांधी ने
जाहिर है सूबे के मुख्यमंत्री पद पर बैठे चन्नी का यह बयान न सिर्फ बेतुका है, बल्कि दुर्भाग्यपूर्ण भी है. इसके पहले गलवान घाटी में चीनी सैनिकों की फोटो पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी को घेरने में देर नहीं लगाई थी. यह अलग बात है कि उनके ही एक नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने मसले को संवेदनशील करार देते हुए संयम बरतने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि चीन के प्रोपेगंडा को समझ उसके अनुकूल रुख का समर्थन नहीं करना चाहिए. हुआ भी यही जब भारतीय सेना ने गलवान की असली फोटो जारी कर चीन के दुष्प्रचार की धज्जियां उड़ा दी.
HIGHLIGHTS
- सीएम चन्नी ने पीएम मोदी की 'जान को खतरे की नौटंकी' बताया
- मनीष तिवारी और सुनील जाखड़ ने अपनी सरकार पर उठाए सवाल
- गलवीन में चीन के फोटो पर राहुल गांधी-सिंघवी की राय थी अलग