Advertisment

रूस से तनाव के बीच यूक्रेन में 20 हजार भारतीय स्टूडेंट, राष्ट्रपति से गुहार

जनवरी के आखिरी दिनों में भारत सरकार की ओर से यूक्रेन में रहने वाले अपने नागरिकों को कीव स्थित भारतीय दूतावास में खुद को रजिस्टर करने को कहा गया था. इसके जरिए जरूरत पड़ने पर जल्द मदद पहुंचाई जा सकेगी.

author-image
Keshav Kumar
New Update
medical students

यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्र( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

रूस और यूक्रेन के बीच जारी सीमा विवाद के बीच दुनिया भर में हलचल तेज हो गई है. अमेरिका की ओर से अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने की हिदायत वाले संदेश के बाद दुनिया के कई देशों ने इसी तरह का कदम उठाया. पूर्वी यूरोप में वॉर के बढ़ते खतरे के बीच यूक्रेन में इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई कर रहे 20 हजार भारतीय छात्र भी लगभग फंस गए हैं. इन सबको स्वदेश वापस लाने के लिए दिल्ली में राष्ट्रपति सचिवालय में याचिका भी दायर की गई है.

जानकारी के मुताबिक जनवरी के आखिरी दिनों में भारत सरकार की ओर से यूक्रेन में रहने वाले अपने नागरिकों को कीव स्थित भारतीय दूतावास में खुद को रजिस्टर करने को कहा गया था. इसके जरिए जरूरत पड़ने पर जल्द मदद पहुंचाई जा सकेगी. वहीं, हाल में राजस्थान कांग्रेस से जुड़े चर्मेश शर्मा ने राष्ट्रपति सचिवालय में दायर याचिका में कहा है कि पूरे देश से 18 से 20 हजार छात्र यूक्रेन की अलग-अलग यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई के लिए गए हुए हैं. इनमें से ज्यादातर छात्र आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल, पंजाब और राजस्थान से हैं. राजस्थान के भी लगभग एक हजार छात्र यूक्रेन में मौजूद हैं. 

देश में सीटें कम और प्राइवेट में बेकाबू खर्चे ज्यादा

रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत से गए ज्यादातर छात्र पश्चिमी यूक्रेन में रहते हैं. वहीं यूक्रेन में तनाव की हालत पूर्वी बॉर्डर पर है. यूक्रेन में पढ़ रहे भारतीय छात्रों का कहना है कि मौजूदा समय में देश के मेडिकल कॉलेजों में करीब में 88 हजार सीटें हैं. इसके लिए 8 लाख से ज्यादा बच्चे परीक्षा में बैठते हैं. दूसरी ओर यूक्रेन के मेडिकल कॉलेज में आसानी से दाखिला मिल जाता है. कमोबेश यही हाल इंजीनियरिंग की पढ़ाई का भी है. अपने देश में मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्राइवेट पढ़ाई करने की फीस बेतहाशा ढंग से ज्यादा है. इन्हीं वजहों से भारतीय स्टूडेंट सस्ती पढ़ाई के लिए वहां चले जाते हैं. 

यूक्रेन के मेडिकल कोर्स की भारत में कितनी मान्यता

यूक्रेन जैसे देशों से डॉक्टरी की पढ़ाई करने वालों के लिए भारत में तुरंत प्रैक्टिस करना मुश्किल होता है. विदेश से मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद भारत लौटने वाले मेडिकल स्टूडेंट्स को फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स एग्जामिनेशन (FMGE) की परीक्षा देनी होती है. इस परीक्षा को पास किए बिना वे भारत में मेडिकल प्रैक्टिस नहीं कर सकते. उन्हें लाइसेंस ही नहीं मिलता. यह काफी कठिन परीक्षा होती है. इसे पास करना आसान नहीं होता है. इसके लिए कई छात्र कोचिंग भी लेते हैं. हाल के 3-4 परीक्षाओं के आंकड़ों पर गौर करें तो विदेश से आने वाले सिर्फ 25 फीसदी मेडिकल छात्र ही FMGE की परीक्षा पास कर पाए.

कई देशों ने यूक्रेन से नागरिकों का वापस बुलाया

अमेरिका का कहना है कि रूस किसी भी वक्त यूक्रेन पर हमला कर सकता है. यूक्रेन को लेकर रूस और नाटो में उपजा तनाव भी गहराने लगा है. रूसी हमले की आशंकाओं के बीच कई इंटरनेशनल एयरलाइंस ने भी यूक्रेन के लिए उड़ानें निलंबित कर दीं. बहुत से दूतावासों ने कीव से अपने गैर जरूरी कर्मचारियों को वापस बुला लिया है. अमेरिका के बाद ब्रिटेन, नॉर्वे, जापान, लातविया और डेनमार्क ने भी अपने नागरिकों से यूक्रेन छोड़ने की अपील की है.

ये भी पढ़ें - यूक्रेन विवाद : पुतिन को लेकर फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के दावे को रूस ने नकारा

अमेरिकी राजनेताओं ने झूठ बोला, रूस का रूख

अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने रविवार को चेतावनी दी कि रूस किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से रूस ने अपनी सेना को तैयार किया है और चीजों को जैसे बदला है. इससे साफ दिखता है कि वो बहुत जल्द बड़ी सैन्य कार्रवाई करेंगे. इस मामले में जो बाइडेन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने भी फोन पर बात की. वहीं, रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा के मुताबिक अमेरिकी राजनेताओं ने झूठ बोला है, झूठ बोल रहे हैं और झूठ बोलते रहेंगे.

HIGHLIGHTS

  • अमेरिका का कहना है कि रूस किसी भी वक्त यूक्रेन पर हमला कर सकता है
  • अमेरिका, ब्रिटेन, नॉर्वे, जापान, लातविया, डेनमार्क की यूक्रेन छोड़ने की अपील
  • ज्यादातर भारतीय छात्र पश्चिमी यूक्रेन में रहते हैं, तनाव की हालत पूर्वी बॉर्डर पर 
russia ukraine Russia-Ukraine Tensions Ukraine Crisis Ukraine tension Indian Students भारतीय छात्र medical stuck in kiev रूस-यूक्रेन सीमा तनाव राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
Advertisment
Advertisment
Advertisment