अफगानिस्तान में धीरे-धीरे अपना पुराना रूप दिखा रहा है तालिबान

गुड तालिबान और बैड तालिबान की बात हो रही है. लंबे समय बाद सत्ता में आये तालिबान में कुछ बदलाव आया है या नहीं, इस पर चर्चा चल रही है.

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Pradeep Singh
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तालिबान लड़ाके( Photo Credit : फाइल फोटो.)

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तालिबान एक फिर से अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज हो गया है. 23 साल बाद यह दूसरा मौका है जब अफगानी तालिबान की मुट्ठी में हैं. काबुल का मंजर बदला-बदला है. अफगानिस्तान में कहीं तालिबानियों का स्वागत हो रहा है तो कहीं तालिबानियों के आने का डर पसरा हुआ है. लेकिन अफगानिस्तान अभी मौन है. आवाम को तालिबान के कुछ कदमों का इंतजार है. लोग अनुमान लगा रहे हैं कि क्या इस बार तालिबानी हुकूमत पहले से अलग होगा, या 1996 की तरह एक बार फिर मुल्क में खून-खराबे का दौर शुरू होगा.

गुड तालिबान और बैड तालिबान की बात हो रही है. लंबे समय बाद सत्ता में आये तालिबान में कुछ बदलाव आया है या नहीं, इस पर चर्चा चल रही है. तालिबान ने काबुल पर कब्जा करने के बाद एक नियूज चैलन से कहा था कि तालिबानी इस बार लंबे समय के लिए सत्ता में रहने आये है.

फिलहाल आने वाले दिनों में तालिबान किस रास्ते को अख्तियार करेगा, अफगानिस्तान ही नहीं दुनिया के कई मुल्कों में यह चर्चा का विषय है. इस बीच अफगानिस्तान से राजनयिक संबंध स्थापित करने या ना करने पर दुनिया के कई देशों में विचार-विमर्श चल रहा है. भारत जैसे देश अभी "देखो और इंतजार" करो की नीति अपना रहे हैं. सीमावर्ती देश होने के कारण भारत किसी जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं करना चाहता. 

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एक दो दिन तक तो तालिबान बदले-बदले नजर आये. वे लोगों को आश्वासन देते रहे कि किसी को डरने की कोई जरूरत नहीं. महिलाओं, बच्चों और तालिबान से अतहमत लोगों को कोई खतरा नहीं है. लेकिन तालिबानियों का यह बयान महज चार दिन की चांदनी साबित हुई. तालिबान लाख दावा करें कि उनकी हुकूमत में बदला लेने जैसा कुछ नहीं होगा. लेकिन अब लोगों को यह डर सताने लगा है कि अफगानिस्तान में एक बार फिर तालिबानियों का पुराना दौर लौट आया है.

अफगानिस्तान में भगदड़ मची है. लोग मुल्क छोड़कर दूसरे देश में पनाह ले रहे हैं. देश के कई राज्यों में हत्या और बलात्कार की घटना में बढ़ोतरी की बात कही जा रही है. तालिबान के आने के बाद सबसे बड़ा खतरा महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों का है.

मीडिया में जो रिपोर्ट आ रही है उससे यह साफ जाहिर होता है गुड तालिबान और बैड तालिबान जैसा कुछ नहीं है. तालिबान का सिर्फ एक ही रूप है जो दो दशक पहले अफगानिस्तान में तांडव कर चुका है. तालिबान के आने से सबसे अधिक खतरा हजारा समुदाय के लोग महसूस कर रहे हैं. 

एक रिपोर्ट के मुताबिक तखर और बदख्शां प्रांत में तालिबान जवान लड़कियों से जबरदस्ती अपने लड़ाकों की शादी करा रहे हैं. उत्तरी अफगानिस्तान के एक दूरस्थ इलाके में तालिबान के एक कमांडर ने बुजुर्गों से कहा कि वो विधवा और शादी की उम्र लायक लड़कियों की लिस्ट सौंपे, उनका निकाह मुजाहिदों से कराया जाएगा.

तखार प्रांत में तालिबान ने हर परिवार को तालिबान से शादी करने के लिए एक लड़की देने के लिए कहा है. तालिबान पहले भी वो लड़कियों को छीनकर आपस में बांट चुके हैं.

करीब 40 लाख हजारा अफगानिस्तान में रहते हैं. ये देश की आबादी का दस प्रतिशत हैं, लेकिन सत्ता में इनका प्रतिनिधित्व न के बराबर हैं.  हजारा लोग अफगान नस्ल से अलग दिखते हैं और एशियाई अधिक लगते हैं. अफगानिस्तान के जिस मध्य-पहाड़ी इलाके में ये लोग रहते हैं उसे हजारिस्तान कहा जाता है.  

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था एम्नेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार तालिबानी हजारा समुदाय पर जुल्म कर रहे हैं. गजनी के एक छोटे से गांव में 9 हजारा लोगों को बेरहमी से कत्ल कर दिया गया. 

HIGHLIGHTS

  • हजारा लड़कियों से जबरदस्ती अपने लड़ाकों की शादी करा रहे हैं तालिबान
  • तालिबान कमांडर ने विधवा और जवान लड़कियों की लिस्ट मांगी
  • गुड तालिबान और बैड तालिबान जैसा कुछ नहीं है 
afghanistan taliban President Ashraf Ghani resigns
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