केंद्र सरकार और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर ( Jammu Kashmir ) प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद घाटी में टारगेट किलिंग ( Target Killing in Kashmir ) का मामला थमता नहीं दिख रहा है. बीते मई महीने में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 7 कश्मीरियों की हत्या कर दी. वहीं बीते दो दिनों में लगातार दो हिंदू कर्मचारियों की हत्या कर दी गई. दशकों से कश्मीर में निर्दोष हिंदुओं की चुन-चुनकर हत्या की जा रही है. दशकों से जारी टारगेट किलिंग वाले हालात से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ( LG Manoj Sinha ) के सशक्त नेतृत्व में बेहद मजबूती से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाया जा रहा है.
आर्टिकल 370 हटने के बाद 6 कश्मीरी पंडितों समेत 16 हिंदुओं की हत्या
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद 6 कश्मीरी पंडितों समेत 16 हिंदुओं की हत्या हो चुकी है. आतंकियों ने गुरुवार सुबह कुलगाम में एक बैंक में घुसकर मैनेजर पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. हमले के बाद बैंक मैनेजर विजय कुमार को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. विजय कुमार कुलगाम के मोहनपुर में क्षेत्रीय देहाती बैंक में तैनात थे. वह राजस्थान के हनुमानगढ़ के रहने वाले थे. वारदात के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके को घेरकर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है.
शिक्षिका और टीवी कलाकार की घर में घुसकर हत्या
इससे पहले आतंकियों ने कुलगाम गोपालपोरा इलाके में स्थित हाई स्कूल में एक महिला शिक्षिका पर फायरिंग कर दी. इस आतंकी घटना में वह गंभीर रूप घायल हो गई. इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. मृत शिक्षिका की पहचान कश्मीरी पंडित रजनी बाला के रूप में हुई. वह जम्मू के सांबा की रहने वाली थीं. इससे पहले 25 मई को एक टीवी कलाकार और गायिका अमरीन भट की गोली मार हत्या कर दी गई थी. आतंकियों की गोली से उनका भतीजा भी गंभीर रूप से घायल हो गया था. जम्मू कश्मीर पुलिस ने बताया कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के तीन आतंकवादियों ने हमला किया था.
राहुल भट्ट की हत्या के बाद देश भर में प्रदर्शन
इससे पहले 12 मई को बडगाम जिले के एक तहसील में राजस्व अधिकारी के पद पर तैनात कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट को आतंकियों ने दफ्तर में घुसकर गोली मार दी थी. घायल राहुल भट्ट को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. वहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया था. इसके बाद देशभर में कश्मीरी पंडितों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था.मई महीने में आतंकियों के शिकार बने तीन ऑफ-ड्यूटी पुलिसकर्मी थे और छह लोग कामकाजी आम नागरिक थे.
हाल की कुछ और टारगेट किलिंग्स
- 24 मई को श्रीनगर में पुलिसकर्मी सैफुल्ला कादरी की हत्या. हमले में उनकी 7 साल की बेटी घायल हुई.
- 17 मई को बारामुला में शराब दुकान पर ग्रेनेड हमला, राजौरी के सेल्सैन रंजीत सिंह की मौत, तीन अन्य घायल.
- 13 मई को पुलवामा के गडूरा गांव में निहत्थे पुलिसकर्मी रियाज अहमद की हत्या.
- 07 मई को श्रीनगर में डॉ अली जान रोड पर आइवा ब्रिज के पास आतंकवादी हमले में पुलिस कांस्टेबल गुलाम हसन डार की मौत.
सुरक्षित जगह पर हिंदू कर्मचारियों का ट्रांसफर
जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग के बीच प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए हिंदू सरकारी कर्मचारियों का ट्रांसफर करने का फैसला किया है. हिंदू कर्मचारी लगातार मांग कर रहे थे कि उनका जम्मू में ट्रांसफर किया जाए. फिलहाल प्रशासन ने उन्हें जिला मुख्यालय लाने की तैयारी की है. उच्च स्तरीय बैठक में फैसला हुआ है कि उन तमाम हिंदू कर्मचारियों को सुरक्षित आवास देने की जिम्मेदारी भी प्रशासन की रहने वाली है. ऐसे में हिंदू सरकारी कर्मचारियों का सिर्फ ट्रांसफर नहीं किया जा रहा, बल्कि सुरक्षित आवास की गारंटी भी दी जा रही है.
प्रवासी कर्मचारियों से मांगा गया पूरा विवरण
एक हिंदू महिला शिक्षक की निर्मम हत्या के कुछ घंटों बाद, जम्मू-कश्मीर सरकार ने कश्मीर क्षेत्र में काम कर रहे जम्मू क्षेत्र के सभी प्रवासी कर्मचारियों (पीएम पैकेज के अलावा) का विवरण मांगा है। कश्मीर के सभी उपायुक्तों को आज सरकार को ब्योरा देने को कहा गया है। उपायुक्तों को संबोधित एक पत्र में, सरकार ने पूछा, "कृपया जम्मू संभाग आधारित और प्रवासी कर्मचारियों के संबंध में पीएम पैकेज के अलावा विभिन्न श्रेणियों के तहत कश्मीर संभाग में नियुक्त किए गए कर्मचारियों के संबंध में जानकारी आज सकारात्मक रूप से रिटर्न फैक्स / ईमेल divcomkplg@gmail.com के माध्यम से प्रस्तुत करें.
जम्मू कश्मीर में जल्द विधानसभा चुनाव की तैयारी
परिसीमन पूरा होने के बाद जम्मू कश्मीर में चुनाव आयोग ने चुनाव कराने की तैयारियां शुरू कर दी है. चुनाव आयोग के उच्च सूत्रों के मुताबिक परिसीमन आयोग से जुड़े अधिकारियों और जम्मू कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी की बैठक के बाद जल्द ही आधिकारिक तौर पर चुनाव की शुरुआत हो सकती है. जम्मू कश्मीर में अगर चुनाव आयोग की तैयारी सितंबर तक पूरी हो जाती है तो प्रदेश में अक्टूबर– नवंबर तक चुनाव संभव होगा. ऐसा होता है तो जम्मू कश्मीर में चुनाव गुजरात और हिमाचल प्रदेश के साथ भी हो सकता है.
अगले साल फरवरी तक चुनाव करवाने का लक्ष्य
अगर सितंबर तक चुनावी की तैयारी नहीं हुई तो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में अगले साल फरवरी महीने के बाद चुनाव होंगे. दरअसल ठंड के मौसम में बर्फबारी की वजह से जम्मू कश्मीर में दिसंबर, जनवरी और फरवरी महीने में चुनाव कराना असंभव है. इसीलिए अगर अक्तूबर नवंबर में चुनाव नहीं होता तो फिर अगले फरवरी महीने के बाद यानी मार्च या उसके बाद चुनाव करवाया जाएगा. इसके अलावा केंद्र सरकार सुरक्षा की तैयारियों को देखते हुए चाहे तो चुनाव को कुछ महीने और आगे बढ़ा सकता है.
ये भी पढ़ें - कश्मीर में आतंकियों ने फिर एक हिंदू को मारी गोली, दो दिन में दूसरी हत्या
अब सुरक्षा बलों की ताकत और कार्रवाई की बात
कश्मीर घाटी के कुलगाम, बांदीपोरा, अनंतनाग, बारामूला, शोपियां सहित तमाम जिलों में कार्यरत कश्मीरी पंडित और अनुसूचित जाति के कर्मचारियों के मन से डर हटाने के लिए मोहल्ले स्तर तक सुरक्षा पहुंचाने की प्रशासनिक कवायद तेज जा रही है. दूसरी ओर सेना, पुलिस समेत सुरक्षाबलों की ओर से जारी ऑपरेशन क्लीन में इस साल जनवरी से मई तक लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन के समूहों से जुड़े 26 विदेशी आतंकवादियों को ढेर कर दिए गया. कश्मीर के पुलिस आईजी विजय कुमार ने बताया कि गृहमंत्री ने सुरक्षा एजेंसियों को घाटी में सुरक्षित माहौल बनाने और आतंकियों का सफाया करने के निर्देश दिए हैं. इसी का नतीजा है कि पिछले एक सप्ताह में कश्मीर में नौ आतंकवादी विरोधी ऑपरेशन को अंजाम दिया गया और 16 आतंकी मार गिराए गए. इस साल अब तक के आंकड़ों के अनुसार घाटी में 55 मुठभेड़ में कुल 84 आतंकी मारे गए हैं.
HIGHLIGHTS
- इस साल घाटी में 55 मुठभेड़ में कुल 84 आतंकी मारे गए
- जम्मू कश्मीर में अगले साल फरवरी महीने के बाद चुनाव
- हिंदू सरकारी कर्मचारियों का ट्रांसफर करने का फैसला