क्‍या है गिलगित-बाल्‍टिस्‍तान (Gilgit-Baltistan) का इतिहास और क्‍यों भारत-पाकिस्‍तान (Indian and Pakistan) दोनों के लिए अहम है यह एरिया?

कोरोना वायरस से लड़ाई के बीच भारत और पाकिस्‍तान गिलगित-बाल्‍टिस्‍तान को लेकर आमने-सामने आ गए हैं. दरअसल, पाकिस्‍तान के सुप्रीम कोर्ट ने गिलगित-बाल्‍टिस्‍तान में चुनाव कराने को हरी झंडी दे दी है, जबकि भारत ने इस फैसले पर कड़ा ऐतराज जताया है.

author-image
Sunil Mishra
एडिट
New Update
Gilgit Baltistan

क्‍या है गिलगित-बाल्‍टिस्‍तान का इतिहास, क्‍या है इसका भूगोल?( Photo Credit : File Photo)

Advertisment

कोरोना वायरस (Corona Virus) से लड़ाई के बीच भारत और पाकिस्‍तान गिलगित-बाल्‍टिस्‍तान (Gilgit-Baltistan) को लेकर आमने-सामने आ गए हैं. दरअसल, पाकिस्‍तान के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of Pakistan) ने गिलगित-बाल्‍टिस्‍तान में चुनाव कराने को हरी झंडी दे दी है, जबकि भारत (India) ने इस फैसले पर कड़ा ऐतराज जताया है. भारत ने साफ कर दिया है कि गिलगित-बाल्‍टिस्‍तान भारत का अभिन्‍न अंग है और पाकिस्‍तान ने अवैध रूप से उस पर कब्‍जा किया हुआ है. पाकिस्‍तान को चाहिए कि वह गिलगित-बाल्‍टिस्‍तान भारत को सौंप दे.

यह भी पढ़ें : जयपुर में 2 कोरोना मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी का ट्रायल सफल, SMS में चल रहा इलाज

पाकिस्‍तान की इमरान खान सरकार ने कोरोना वायरस से जनता का ध्‍यान भटकाने के लिए गिलगित-बाल्‍टिस्‍तान में चुनाव कराने की कवायद शुरू की है. पाकिस्‍तान सरकार ने इसके लिए वहां के सुप्रीम कोर्ट की आड़ ली है. सुप्रीम कोर्ट ने गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने और इससे जुड़े कानून में संशोधन करने को लेकर आदेश दिया था, जिस पर भारत ने कड़ी आपत्‍ति जताई है. भारत ने यह साफ कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और गिलगित-बाल्टिस्तान कानूनी तौर पर भारत का हिस्सा हैं. इस हिस्से को लेकर पाकिस्तान की सरकार या फिर वहां की कोर्ट कोई फैसला नहीं ले सकतीं.

यह भी पढ़ेंः केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 10 और डीजल पर 13 रुपये बढ़ाई एक्साइज ड्यूटी

गिलगित-बाल्‍टिस्‍तान के बारे में

  • गिलगित-बाल्टिस्तान का खुबसूरत इलाका कभी जम्मू-कश्मीर रियासत का हिस्सा हुआ करता था, जिसे नार्दर्न एरियाज कहा जाता था. इसके उत्तर में चीन और अफगानिस्तान, पश्चिम में पाकिस्तान का खैबर पख्तूनख्वाह और पूर्व में भारत है. अपने भूगोल के चलते यह इलाका भारत, चीन और पाकिस्तान के लिए सामरिक तौर पर बहुत अहम बन जाता है. गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग पाकिस्तान से आजादी चाहते हैं. बताया जाता है कि गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों के साथ एक धोखा हुआ था, जिसमें अंग्रेज भी शामिल थे.
  • अगस्त 1947 में अंग्रेजों ने इस इलाके की लीज खत्म कर महाराजा हरि सिंह को जानकारी दे दी थी. हरि सिह को गिलगित स्काउट के कमांडर कर्नल मिर्जा हसन खान के विद्रोह का सामना करना पड़ा था और अंग्रेजों का पूरा साथ कर्नल मिर्जा हसन को मिल रहा था. पाकिस्तान के गर्वनर जनरल मोहम्मद अली जिन्ना की नजर पहले से ही गिलगित पर थी.
  • कर्नल मिर्जा हसन ने 2 नवंबर, 1947 को गिलगित-बाल्टिस्तान की आजादी का ऐलान कर दिया. ब्रिटेश अफसर मेजर ब्राउन ने वहां के हेडक्‍वार्टर पर पाकिस्तान का झंडा लहरा दिया था. ठीक दो दिन पहले 31 अक्टूबर को महाराजा हरि सिंह ने अपनी जम्मू-कश्मीर रियासत के भारत में विलय को मंजूरी दी थी.
  • 21 दिन बाद पाकिस्तान ने अपने फौज के दम पर गिलगित-बाल्टिस्तान पर कब्जा जमा लिया.
  • अप्रैल 1949 तक गिलगिट-बाल्टिस्तान को पीओके का हिस्सा माना जाता रहा, लेकिन पाकिस्तान ने बहुत चालाकी से इस क्षेत्र को PoK से अलग कर दिया था.
  • 2018 में पाकिस्तान ने 2009 के एंपावर एंड सेल्फ गवर्नेंस ऑर्डर को बदल दिया, जिसमें गिलगित-बाल्टिस्तान के लिए राज्यपाल, विधानसभा और मुख्यमंत्री का प्रावधान था. उसके बाद गिलगित-बाल्टिस्तान काउंसिल भी बनाई गई.

Source : News Nation Bureau

Supreme Court INDIA pakistan Gilgit Baltistan
Advertisment
Advertisment
Advertisment