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क्या है VVPAT ? वैरिफिकेशन से जुड़ी मांग पर कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

चुनाव में मतदान VVPAT से जुड़ी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का उपयोग करके किया जाएगा.

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Vijay Shankar
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VVPAT Machine

VVPAT Machine( Photo Credit : File Photo)

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VVPAT : पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव की वोटिंग संपन्न हो चुकी है. अब सभी की नजरें 10 मार्च को मतगणना पर टिकी हैं. इस बीच एक बार फिर से वीवीपैट को लेकर चर्चा छिड़ी हुई है. सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी जिसमें मतगणना की शुरुआत में वीवीपैट सत्यापन की मांग की गई थी, न कि मतगणना के बाद. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट 9 मार्च को सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. आइए जानते हैं कि वीवीपैट मशीन क्या है और चुनाव में यह किस तरह काम करती है.

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चुनाव में मतदान VVPAT से जुड़ी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का उपयोग करके किया जाएगा. वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से जुड़ी एक स्वतंत्र प्रिंटर प्रणाली है जो मतदाताओं को यह सत्यापित करने की अनुमति देती है कि उनके वोट इरादे के अनुसार डाले गए हैं. यह हर बार जब कोई मतदाता अपना वोट डालता है तो एक पेपर स्लिप बनाकर मतपत्र रहित मतदान प्रणाली का उपयोग करने वाले मतदाताओं को प्रतिक्रिया प्रदान करता है. यह उस पार्टी को रिकॉर्ड करता है जिसे वोट दिया गया था. वीवीपैट पर्ची को सीलबंद लिफाफे में रखा जाता है. VVPAT पर्ची की गिनती रिटर्निंग अधिकारी की कड़ी निगरानी और पर्यवेक्षक की सीधी निगरानी में VVPAT मतगणना बूथों में होती है. 

कैसे काम करता है VVPAT?

भारत में मतदान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का उपयोग करके किया जाता है जिसे दो इकाइयों के साथ डिज़ाइन किया गया है: नियंत्रण इकाई और मतदान इकाई

-मशीन की बैलेटिंग यूनिट में उम्मीदवारों के नाम और पार्टी चिन्हों की एक सूची होती है जिसके आगे नीले रंग का बटन होता है. मतदाता जिस उम्मीदवार को वोट देना चाहता है, उसके नाम के आगे वाला बटन दबा सकता है

-जब मतदाता ईवीएम के जरिये वोट डालता है, तो ईवीएम से जुड़ा प्रिंटर जैसा VVPAT तंत्र एक पर्ची बनाता है जिसमें उस उम्मीदवार का क्रमांक, नाम और सिम्बॉल दिखाई देता है, जिसे वोट दिया गया था

-इस पर्ची से मतदाता अपने डाले गए वोट का सत्यापन कर सकता है 

-यह VVPAT पर्ची अपने आप कटने से पहले 7 सेकंड के लिए प्रदर्शित होती है

-पर्ची को एक बार देखने के बाद काट दिया जाता है और वीवीपैट मशीन के ड्रॉप बॉक्स में गिरा दिया जाता है और एक बीप सुनाई देती है

-दुर्लभतम से दुर्लभतम मामलों में ही चुनाव अधिकारियों द्वारा वीवीपैट मशीनों का उपयोग किया जा सकता है. 


वीवीपैट का फुल फॉर्म क्या है

VVPAT का पूरा नाम वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल है. यह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम से जुड़ी एक स्वतंत्र प्रिंटर प्रणाली है, जो मतदाताओं को यह बताती है कि उनका वोट उनके पसंदीदा उम्मीदवार को ही मिला है.

हर EVM के साथ लगाई जाती है VVPAT मशीन

जब भी कोई मतदाता वोट डालता है तो वीवीपैट से निकलने वाली पर्ची उनको यह बताती है कि उनका वोट किस प्रत्याशी को गया है. अब हर ईवीएम के साथ एक वीवीपैट मशीन लगाई जाती है ताकि चुनाव निष्पक्ष ढंग से सम्पन्न हो.

सितंबर 2013 में पहली बार हुआ वीवीपैट का इस्तेमाल

वीवीपैट का उपयोग पहली बार अक्टूबर 2010 में एक सर्वदलीय बैठक के दौरान सुझाया गया था. इसके बाद, केंद्र सरकार ने अगस्त 2013 में एक अधिसूचना जारी कर चुनाव नियम, 1961 में संशोधन किया, ताकि आयोग इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग के साथ वीवीपीएटी का उपयोग कर सके. ईवीएम के साथ वीवीपैट का पहली बार सितंबर 2013 में नागालैंड के त्युएनसांग जिले में नोकसेन विधानसभा सीट के उपचुनाव में इस्तेमाल किया गया था.

EVM के साथ VVPAT का महत्व

वीवीपैट, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में संभावित चुनावी धोखाधड़ी या खराबी का पता लगाने में मदद करता है. यह संग्रहित इलेक्ट्रॉनिक परिणामों के ऑडिट के लिए एक साधन प्रदान करता है. यह वोटों को बदलने या नष्ट करने से बचाने में मददगार साबित होता है. वीवीपैट प्रणाली वाली EVM पूरी पारदर्शिता के साथ मतदान प्रणाली की सटीकता सुनिश्चित करती हैं और मतदाताओं का विश्वास बहाल करती हैं. ईवीएम और वीवीपीएटी चुनाव प्रक्रिया को तेज करते हैं, क्योंकि ईवीएम पर मतों की गिनती मतपत्रों की गिनती की तुलना में बहुत कम समय लेती है.

सुप्रीम कोर्ट में VVPAT पर कल सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को पांच राज्यों में मतगणना शुरू होने से एक दिन पहले एक जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है, जिसमें मतगणना की शुरुआत में वीवीपैट सत्यापन की मांग की गई थी, न कि मतगणना के बाद. सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर मंगलवार (9 मार्च) को सुनवाई करेगा, आज इस याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसके लिए भारत के चुनाव आयोग का पक्ष पूछेंगे और देखते हैं कि क्या किया जा सकता है.  वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमण की अध्यक्षता वाली पीठ और न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और हिमा कोहली की पीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया है. पीठ ने अरोड़ा से पूछा कि गिनती 10 मार्च को है और उन्होंने अब याचिका का जिक्र किया है? अरोड़ा ने बुधवार को याचिका पर सुनवाई के लिए दबाव डाला, क्योंकि मतगणना 10 मार्च को है. 

पांच बूथों पर EVM के VVPAT सत्यापन की मांग

पीठ ने उसे याचिका के बारे में चुनाव आयोग को सूचित करने के लिए कहा और अदालत बुधवार को मामले की जांच करेगी. संक्षिप्त सुनवाई के दौरान, पीठ ने 2019 के दिशानिर्देशों की ओर इशारा किया.याचिका में प्रति निर्वाचन क्षेत्र में एक बूथ के बजाय पांच बूथों पर ईवीएम के वीवीपैट सत्यापन की मांग की गई है, जो कि मौजूदा प्रथा है. अप्रैल 2019 में, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को वोटर-वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) पर्चियों को एक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) प्रति विधानसभा क्षेत्र से बढ़ाकर पांच करने का आदेश दिया.

HIGHLIGHTS

  • VVPAT पर्ची की गिनती रिटर्निंग अधिकारी की कड़ी निगरानी में होती है
  • सुप्रीम कोर्ट में वीवीपैट से जुड़ी एक जनहित याचिका पर कल सुनवाई
  • VVPAT का पूरा नाम वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल है
Supreme Court up-election-2022 VVPAT Returning officer यूपी चुनाव 10 march counting वीवीपैट ईवीएम
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