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जब अपनी आखिरी इच्छा बताते हुए भावुक हुए थे कल्याण सिंह

संघ और भारतीय जनता पार्टी के संस्कार मेरे रक्त के बूंद-बूंद में समाए हैं. और इसलिए मेरी इच्छा है कि जीवन भर भाजपा में रहूं. और जब जीवन का अंत होने को हो तो मेरा शव भी भारतीय जनता पार्टी के झंडे में लिपटकर जाएए.'  

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Pradeep Singh
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कल्याण सिंह,पूर्व मुख्यमंत्री (उप्र)( Photo Credit : News Nation)

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देश की राजनीति में कल्याण सिंह की अलग पहचान रही.  मुख्यमंत्री, राज्यपाल और पार्टी संगठन के तमाम वरिष्ठ पदों पर रहने के बावजूद वो हमेशा अपने को पार्टी से छोटा मानते रहे. जीवन भर पार्टी की सेवा करने वाले कल्याण सिंह की आखिरी इच्छा भी पार्टी से अलग नहीं है. कल्याण सिंह ने कहा था, 'संघ और भारतीय जनता पार्टी के संस्कार मेरे रक्त के बूंद-बूंद में समाए हैं. और इसलिए मेरी इच्छा है कि जीवन भर भाजपा में रहूं. और जब जीवन का अंत होने को हो तो मेरा शव भी भारतीय जनता पार्टी के झंडे में लिपटकर जाए.'  

राम मंदिर आंदोलन और कल्याण सिंह ने भाजपा को सत्ता के शिखर पर पहुंचाया. राम मंदिर आंदोलन जब अपने चरम पर था तो उत्तर प्रदेश में भाजपा के चेहरा कल्याण सिंह हुआ करते थे. कल्याण सिंह ने राम मंदिर के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी को दांव पर लगा दिया था. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा से वे आजीवन जुड़े रहे. देश के सबसे बड़े राज उत्तर प्रदेश में वह दो बार मुख्यमंत्री रहे. पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे और संगठन के कई पदों पर काम किया.

यह भी पढ़ें :कल्याण सिंह ने जन कल्याण को बनाया जीवन मंत्र, पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

संघ और भाजपा से उनका यह जुड़ाव पद एवं प्रतिष्ठा से नहीं जुड़ा था. बल्कि राष्ट्रनिर्माण के कार्य को अपना जीवन समर्पित कर चुके थे. वे संघ के निष्ठावान स्वयंसेवक और भाजपा के सच्चे कार्यकर्ता थे. तभी तो एक अवसर पर अपनी आखिरी इच्छा बताते हुए कल्याण सिंह का गला भर आया था. कल्याण सिंह ने कहा था. 'संघ और भारतीय जनता पार्टी के संस्कार मेरे रक्त के बूंद बूंद में समाये हुए हैं. इसलिए मेरी इच्छा है कि मैं जीवन भर भाजपा मे रहूं. और जीवन का जब अंत होने को हो तो मेरा शव भी भारतीय जनता पार्टी के झंडे में लिपटकर जाए.'

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का शनिवार को निधन हो गया. 89 साल के कल्याण सिंह पिछले डेढ़ महीने से लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई अस्पताल में भर्ती थे. एक महीने पहले सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था, जिसके बाद बीते दिन उनकी हालत और बिगड़ गई थी.  

HIGHLIGHTS

  • कल्याण सिंह ने राम मंदिर के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी को दांव पर लगा दिया
  • संघ और भारतीय जनता पार्टी के संस्कार मेरे रक्त के बूंद बूंद में समाये हुए हैं
  • 89 साल की उम्र में कल्याण सिंह का लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई अस्पताल में शनिवार को हुआ निधन
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