ढाई मोर्चों पर जंग जैसे हालात के बीच देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) की बुधवार को हुई असामयिक मौत ने मोदी सरकार (Modi Government) के समक्ष उनके उत्तराधिकारी को लेकर यक्ष प्रश्न खड़ा कर दिया है. चीन-पाकिस्तान और अंदरूनी शत्रुओं से जूझ रहे देश की वाह्य और आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने में अहम भूमिका निभा रहे जनरल रावत के उत्तराधिकारी बतौर थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (MM Naravane) का नाम वरिष्ठता के लिहाज से सबसे आगे है. आमतौर पर सेना के तीनों अंगों के प्रमुख के चयन की परिपाटी स्पष्ट है, लेकिन सीडीएस जैसे पहले सर्वोच्च पद के लिए मोदी सरकार को सधे कदमों से ही आगे बढ़ना होगा.
थल सेनाध्याक्ष होंगे मोहंती-जोशी में से कोई
अगर वरिष्ठता को पैमाना माना जाए तो थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे का नाम सबसे पहले आता है. वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार दोनों ही वरिष्ठता के लिहाज से जनरल नरवणे से दो साल जूनियर हैं. हालांकि अगर जनरल नरवणे को सीडीएस की अहम जिम्मेदारी सौंपी जाती है, तो मोदी सरकार को तुरंत ही नए थल सेनाध्यक्ष का चयन भी करना होगा. थल सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती और नॉर्दन आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वायके जोशी थलसेनाध्यक्ष एमएम नरवणे के बाद थल सेना में दूसरे नंबर के सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं.
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शेटाकर समिति के अनुसार भी जनरल नरवणे सबसे आगे
अगर सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डीबी शेटाकर समिति की अनुशंसाओं को माना तो सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों में से ही किसी एक को सीडीएस के पद की अहम जिम्मेदारी दी जाएगी. ऐसे में भी जनरल एमएम नरवणे के नाम सबसे आगे दिखता है, जिन्हें अगले साल अप्रैल में रिटायर होना है. हालांकि अगर उन्हें सीडीएस बनाया जाता है, तो रिटायरमेंट की सीमा बेमानी हो जाएगी. सैन्य सुरक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़े शीर्ष अधिकारियों औऱ सामरिक विशेषज्ञों का भी यही मानना है कि देश जिस तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा है, उसमें थल सेना से ही अगले दो-तीन सीडीएस का चुनाव होना चाहिए.
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सीडीएस बनने के लिए 4 स्टार जनरल होना जरूरी
सीडीएस बनने के लिए 4 स्टार जनरल होना जरूरी है, जो तीनों सेनाओं के प्रमुख होते हैं. ऐसे में जो अधिकारी 4 स्टार जनरल बनने के योग्य हो चुका है, उसकी नियुक्ति पर भी विचार किया जा सकता है. ऐसे में सरकार के लिए यह बाध्यता नहीं है कि वह तीनों सेना प्रमुखों में से ही किसी एक को बनाए. उनके पीछे के रैंक में जो फोर स्टार जनरल बनने के योग्य है, उसके नाम पर भी विचार किया जा सकता है. इस लिहाज से उप सीडीएस के रूप में कार्य कर रहे एयर मार्शल बीआर कृष्णा भी दौड़ में माने जा रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- वरिष्ठता के लिहाज से जनरल एमएम नरवणे हैं दौड़ में सबसे आगे
- वायुसेना प्रमुख चौधरी और नौसेना प्रमुख कुमार दो साल हैं जूनियर
- डीबी शेटाकर समिति के पैमाने पर भी खरे उतरते हैं जनरल नरवणे