Advertisment

जम्मू-कश्मीर में परिसीमन का क्यों विरोध कर रहा है गुपकार गठबंधन

नेशनल कान्फ्रेंस, पीडीपी, पीपुल्स कांफ्रेंस और अपनी पार्टी जैसे विपक्षी दलों ने परिसीमन आयोग के इस मसौदे पर सख्त एतराज जताया है. इन दलों ने आयोग पर आरोप लगाया है कि आयोग बीजेपी के राजनीतिक एजेंडे को उसकी सिफारिशों के तहत तय करने की इजाजत दे रहा है.

author-image
Keshav Kumar
एडिट
New Update
Gupkar Alliance

गुपकर गठबंधन की बैठक( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में परिसीमन (Jammu Kashmir Delimitation) के तहत विधानसभा सीटों का फिर से निर्धारण करने का मामले ने तूल पकड़ लिया है. जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग (Delimitation Commission ) के प्रस्ताव के मुताबिक, जम्मू संभाग (Division) में छह नई और कश्मीर में एक नई विधानसभा सीट का प्रस्ताव है. इसको लेकर विपक्षी दलों ने विरोध जताया है. कश्मीर संभाग में फिलहाल 46 और जम्मू में 37 सीट हैं. नए प्रस्ताव के मुताबिक जम्मू में अब 43 सीटें हो जाएंगी, जबकि कश्मीर में यह आंकड़ा 47 हो जाएगा. प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों की सीमा को नए सिरे से तय करने के मकसद से गठित परिसीमन आयोग ने 16 सीट अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षित करने का प्रस्ताव भी दिया है. इनमें एसटी के लिए 9 सीट और एससी के लिए 7 सीट का प्रस्ताव रखा गया है. जम्मू-कश्मीर के इतिहास में यह पहली बार और सबसे बड़ा बदलाव होगा.

नेशनल कान्फ्रेंस, पीडीपी, पीपुल्स कांफ्रेंस और अपनी पार्टी जैसे विपक्षी दलों ने परिसीमन आयोग के इस मसौदे पर सख्त एतराज जताया है. इन दलों ने आयोग पर आरोप लगाया है कि आयोग बीजेपी के राजनीतिक एजेंडे को उसकी सिफारिशों के तहत तय करने की इजाजत दे रहा है. पीपुल्स कॉन्फ्रेंस को राजनीतिक तौर पर बीजेपी का करीबी माना जाता है. इस पार्टी ने भी परिसीमन आयोग के मसौदे की सिफारिशों का कड़ा विरोध करने में नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी, जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी वगैरह का साथ दिया और कहा कि ऐसे हालात में वह चुनाव में शामिल नहीं होगा. वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस ने परिसीमन आयोग की रिपोर्ट पर साइन करने से इनकार कर दिया है.

आयोग ने प्रस्ताव पर 31 दिसंबर तक मांगे विचार

सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना देसाई की अध्यक्षता वाले जम्मू कश्मीर परिसीमन आयोग की सोमवार को दूसरी बैठक हुई थी. जम्मू-कश्मीर के पांच लोकसभा सांसद, आयोग के सहयोगी सदस्य और मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा इसके पदेन सदस्य हैं. नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला समेत पार्टी के 3 सांसद पहली बार आयोग की बैठक में शामिल हुए. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह सहित बीजेपी के दो सांसद भी बैठक में मौजूद थे. जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दलों से केंद्रशासित प्रदेश में सीट संख्या बढ़ाने के प्रस्ताव पर 31 दिसंबर तक विचार देने के लिए कहा गया है. 

गुपकार गठबंधन की लगातार बैठक

पांच क्षेत्रीय राजनीतिक दलों वाले गुपकार गठबंधन (PAGD) के अध्यक्ष अब्दुल्ला ने कहा कि वो समूह के साथ-साथ अपनी पार्टी के सहयोगियों को आयोग के विचार-विमर्श के बारे में जानकारी देंगे. उन्होंने कहा कि हम पहली बार बैठक में शामिल हुए क्योंकि हम चाहते थे कि जम्मू-कश्मीर की जनता की आवाज सुनी जाए. उनके आवास पर मंगलवार को गुपकार गठबंधन की बैठक रखी है. अब्दुल्ला ने कहा कि परिसीमन आयोग को अपनी राय भेजने से पहले अपने पार्टी नेताओं के साथ मशविरा किया जाएगा. हमें उन विधानसभा सीटों के बारे में भी नहीं बताया गया है, जो वे एससी-एसटी के लिए आरक्षित कर रहे हैं. 

क्या बोले क्षेत्रीय दलों के प्रमुख

फारुक अब्दुल्ला के बेटे, नेशनल कांफ्रेंस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि यह बेहद निराशाजनक है कि आयोग ने आंकड़ों की बजाय बीजेपी के सियासी एजेंडे को आगे बढ़ाने का रास्ता साफ किया है. जम्मू के लिए छह और कश्मीर के लिए सिर्फ 1 नया विधानसभा क्षेत्र तो 2011 की जनगणना के आंकड़ों के हिसाब से उचित नहीं है.

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि आयोग केवल धार्मिक और क्षेत्रीय आधार पर लोगों को बांटने और बीजेपी के राजनीतिक हितों को साधने के लिए बनाया गया है. असली रणनीति जम्मू-कश्मीर में ऐसी सरकार बनाने की है, जो अगस्त 2019 के गैरकानूनी और असंवैधानिक निर्णयों को कानूनी शक्ल देने का काम करेगी.  सज्जाद लोन ने कहा है कि परिसीमन आयोग का प्रस्ताव बिल्कुल भी स्वीकार करने योग्य नहीं है. इसमें पक्षपात की गंध आ रही है. पूर्व मंत्री अल्ताफ बुखारी की अध्यक्षता वाली जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी ने भी आयोग के प्रस्ताव को खारिज किया है. बुखारी ने कहा कि अपनी पार्टी जनसंख्या और जिलों के आधार पर बिना किसी पूर्वाग्रह के निष्पक्ष परिसीमन की मांग करती है. 

जम्मू कश्मीर की मौजूदा स्थिति

2011 की जनगणना के मुताबिक जम्मू की आबादी लगभग 53.72 लाख है, जबकि कश्मीर की जनसंख्या करीब 68.83 लाख है. फिलहाल 46 और जम्मू में 37 सीट हैं. आयोग ने अब जम्मू कश्मीर में सीटों की संख्या बढ़ाकर 90 करने का फैसला लिया है.  नए प्रस्ताव के मुताबिक जम्मू में अब 43 सीटें हो जाएंगी, जबकि कश्मीर में यह आंकड़ा 47 हो जाएगा. आयोग ने जनसंख्या, जिलों के भूगोल और सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए ये सिफारिशें दी हैं.

परिसीमन आयोग के प्रजेंटेशन के दौरान डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर चंद्र भूषण कुमार ने बताया कि पिछली बार हुए परिसीमन के बाद से अब तक जिलों की संख्या 12 से बढ़कर 20 हो गई है. इसके अलावा तहसीलें भी अब 52 से बढ़कर 207 हो गई हैं. इसके अलावा जनसंख्या का घनत्व भी बहुत अलग है. किश्तवाड़ में यह प्रति स्क्वायर किलोमीटर 29 है तो श्रीनगर में 3,436 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है. उन्होंने कहा कि ऐसी ही चीजों को ध्यान में रखते हुए 20 जिलों को ए, बी और सी कैटेगरी में चिन्हित किया गया है. इसके बाद आबादी और क्षेत्र के अनुपात में विधानसभाओं का पुनर्गठन गठन किया गया है.

ये भी पढ़ें - कश्मीर में बिजली कटौती से हाहाकार, सेना ने पावर स्टेशनों पर संभाला मोर्चा

क्या होता है परिसीमन?

लोकतांत्रिक व्यवस्था में परिसीमन का मतलब होता है सीमाओं का फिर से निर्धारण करना. इसका मतलब है किसी भी राज्य की लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों की सीमाओं को तय करने की व्यवस्था. लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिये निर्वाचन क्षेत्रों की सीमाओं के निर्धारण के लिए संविधान के अनुच्छेद 82 के तहत केंद्र सरकार की ओर से हर जनगणना के बाद परिसीमन आयोग का गठन किया जाता है. मुख्य तौर पर ये प्रक्रिया वोटिंग को शांतिपूर्ण और सुचारु रुप से चलाने के लिए होती है. 

HIGHLIGHTS

  • परिसीमन आयोग का 16 सीट अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षित करने का प्रस्ताव
  • जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दलों से प्रस्ताव पर 31 दिसंबर तक विचार देने के लिए कहा गया
  • 2011 की जनगणना के मुताबिक जम्मू की आबादी करीब 53.72 लाख और कश्मीर की 68.83 लाख
BJP Jammu and Kashmir Omar abdullah Farooq Abdullah Statement Mehbooba Mufti delimitation commission केंद्र शासित प्रदेश The Peoples Alliance for Gupkar Declaration PAGD जम्मू-कश्मीर में परिसीमन Apni Party Sazzad lone गुपकार गठबंधन
Advertisment
Advertisment