Zaporizhzhia Nuclear Power Plant Attack : यूक्रेन के विदेश मंत्री ने दिमित्रो कुलेबा ने ट्वीट करते हुए कहा कि रूसी सेना यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र ज़ापोरिज्जिया न्यूक्लियर पावर प्लांट पर हर तरफ से गोलीबारी कर रही है. विदेश मंत्री ने कहा है कि आग लगने से स्थिति बिगड़ सकती है. उन्होंने कहा, यदि यह उड़ता है तो यह चेरनोबिल से 10 गुना बड़ा हादसा होगा. यूक्रेन में Zaporizhzhia परमाणु ऊर्जा संयंत्र में 6 रिएक्टर हैं, जो पूरे यूरोप में सबसे बड़ा और पृथ्वी पर 9वां सबसे बड़ा रिएक्टर माना जाता है.
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चेरनोबिल में क्या हुआ था हादसा
चेरनोबिल शहर से लगभग 16 किमी दूर और यूक्रेन की राजधानी कीव से 100 किमी की दूरी पर स्थित यह न्यूक्लियर बिजली संयंत्र ने 1986 में दुनिया की सबसे भीषण परमाणु आपदा देखी थी. यह आपदा 25-26 अप्रैल के बीच हुई थी, जब तत्कालीन सोवियत-नियंत्रित यूक्रेन में तकनीशियनों के एक समूह ने एक असफल सुरक्षा परीक्षण किया, जिसके कारण चेरनोबिल के रिएक्टर नंबर 4 में एक के बाद एक विस्फोट हुई थी. इस विस्फोट के बाद मंदी का सामना करना पड़ा था. विस्फोटों के बाद इसके नकारात्मक प्रभाव भी देखे गए थे. इसे अब तक की सबसे बड़ी परमाणु दुर्घटना माना जाता है. हादसे के बाद पर्यावरण को विकिरण हादसे को बिगड़ने से रोकने के लिए कुल 1.8 करोड़ सोवियत रूबल (वर्तमान करीब 5 खरब भारतीय रुपये खर्च किए गए थे.
कैसे हुआ था चेर्नोबिल प्लांट में विस्फोट?
रिपोर्ट्स की मानें को चेर्नोबिल त्रासदी लागत और मारे गए लोगों के मामले में आज तक की सबसे भयानक परमाणु दुर्घटना है. गोपनीय दस्तावेजों के आधार पर बनी सीरीज Chernobyl के मुताबिक यह दुर्घटना तब हुई जब एक RBMK-प्रकार परमाणु रिएक्टर के एक स्टीम टर्बाइन में टेस्ट किया जा रहा था. इसी टेस्ट के समय कई खामियों के चलते Chernobyl परमाणु ऊर्जा संयंत्र में नंबर 4 रिएक्ट में एक विस्फोट हुआ और सब हैरान रह गए.
हादसे में इतने लोगों की हुई थी मौत
हालांकि चेरनोबिल त्रासदी में मारे गए लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं है. मौत को लेकर सोवियत संघ ने कभी भी आधिकारिक आंकड़े जारी नहीं किए. कहा जाता है कि करीब 6 लाख से ज्यादा लोगों को विस्थापित होना पड़ा था. यूक्रेन और बेलारूस के 2600 वर्ग किलोमीटर का इलाका अभी भी बीरान पड़ा है. बीबीसी के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मरने वालों की संख्या से पता चलता है कि चेरनोबिल के तत्काल परिणाम के रूप में 31 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन इस हादसे के सालों बाद भी लोग मरते रहे जिसका आज तक कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है. चेर्नोबिल वेब सीरीज के मुताबिक 4 हजार से 93 हजार के करीब मौतें हुईं.
क्या चेरनोबिल के चलते हुआ था सोवियत संघ का पतन ?
जिस समय चेरनोबिल त्रासदी हुआ था उस वक्त मिखाइल गोर्बाचेव सोवियत संघ के राष्ट्रपति थे. वर्ष 2006 में उन्होंने एक जगह लिखा था कि चेरनोबिल में न्यूक्लियर हादसा शायद सोवियत संघ के पतन पतन की असली वजह था. अमेरिकी सेना के एक पूर्व प्रमुख जैक कीन ने कहा कि चेरनोबिल का कोई सैन्य महत्व नहीं है, लेकिन बेलारूस से कीव तक के सबसे छोटे मार्ग पर पड़ता है, जो यूक्रेनी सरकार को हटाने के लिए एक रूसी रणनीति का हिस्सा है.
HIGHLIGHTS
- यूक्रेन के विदेश मंत्री ने कहा, यदि यह उड़ता है तो चेरनोबिल से होगा 10 गुना बड़ा हादसा
- जापोरिज्जिया न्यूक्लियर पावर प्लांट पर रूसी सैनिकों ने किया हमला
- यूक्रेन में Zaporizhzhia परमाणु ऊर्जा संयंत्र में 6 रिएक्टर हैं