Advertisment

भारत की ब्रह्मोस मिसाइल से क्यों खौफ में है पाकिस्तान, जानें मुख्य वजह

ब्रह्मोस भारत के तरकश में ऐसा तीर है जिससे पाकिस्तान का आका यानी चीन भी परेशान है. साउथ चाइना सी में चीन का पड़ोसी और उससे परेशान देश फिलीपींस भी भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीद रहा है जिसकी पहली खेप भी जल्द डिलीवर होने वाली है.

author-image
Prashant Jha
एडिट
New Update
ब्रह्मोस

ब्रह्मोस ( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

भारत के साथ कई जंग लड़के हर बार मात खाने वाला पाकिस्तान अपनी हर रक्षा तैयारी भारत की फौजी ताकत को दिमाग में रखकर करता है. पाकिस्तान को खौफ रहता है कि भारत के  पास कहीं कोई ऐसा हथियार ना आ जाए जिसकी काट उसके पास ना हो. भारत की पृथ्वी और अग्नि जैसी बैलेस्टिक मिसाइल्स की टक्कर में पाकिस्तान गौरी और शाहीन जैसी मिसाइल्स बना चुका है, लेकिन भारत की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस ने पाकिस्तान की नींद उड़ा दी है और इसे वो हर हाल में डीकोड करना चाहता. भारत की सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस की ताकत को पाकिस्तान देख चुका है और उसे भारत की ही एक गलती से ब्रह्मोस की ताकत का पता चला है और पाकिस्तान के लिए अब ब्रह्मोस की काट खोजना बेहद जरूरी हो गया है. पाकिस्तान ब्रह्मोस से इतना ज्यादा खौफ खा रहा है कि उसने अपने पूरे जासूसी नेटवर्क को ब्रह्मोस को डीकोड करने के काम पर लगा दिया है.

दरअसल, बीते साल जब यूक्रेन की जंग अपने शबाब पर पहुंच रही थी और इस जंग के वर्ल्ड वॉर में बदल जाने की आशंकाएं जताई जा रही थीं तो उस वक्त भारत और पाकिस्तान के बीच एक ऐसी घटना हुई थी जो इन दोनों देशों के बीच एक और जंग करा सकती थी. 9 मार्च 2022 को भारत की एक मिसाइल पाकिस्तान में जा कर गिरी थी. पाकिस्तान के खानेवाल जिले के कस्बे मियां चन्नू में जाकर गिरने से पहले ये मिसाइल सात मिनट तक हवा में रही थी और उन सात मिनट तक पाकिस्तान की सांसें भी अटकी रहीं. क्योंकि पाकिस्तान को लगा कि कहीं भारत ने हमला तो नहीं कर दिया.

भारत के अंबाला के पास एक सेंटर से गलती से ये मिसाइल टेस्टिंग के दौरान फायर हो गई थी. गनीमत की बात ये थी कि इस मिसाइल में कोई वॉरहेड नहीं लगा था लिहाजा मियां चन्नू  इलाके में जान-माल को कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन भारत की इस गलती ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस की कलई खोल कर रख दी. पाकिस्तान आर्मी ने ये दावा तो किया कि उसने भारत के हिसार सेंटर से  सुपरसोनिक स्पीड से आते एक प्रोजेक्टाइल को ट्रैक कर लिया था, लेकिन पाकिस्तान अपनी ओर आते उस प्रोजेक्टाइल को इंगेज नहीं कर सका या अगर दूसरे शब्दों में कहें तो पाकिस्तान अपनी ओर आते हुए खतरे को देख कर भी उस पर हमला नहीं कर सका और यही बात पाकिस्तान को पसीना ला रही है कि अगर भारत के साथ जंग हुई तो ब्रह्मोस मिलाइल बिना वॉरर्हेट के हमला करने नहीं आएगी और उसे इंगेज कर पाने की क्षमता पाकिस्तान के पास नहीं है.

यह भी पढ़ें: Chandrayaan 3: चंद्रयान-3 चंद्रमा से कुछ ही कदमों की दूरी पर, जानें क्या है अब तक की जर्नी

पाकिस्तान ने हाल ही में चीन से HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदा था, लेकिन ब्रह्मोस को इंगेज कर पाना उसके बस की बात नहीं है. 9 मार्च, 2022 को हुए इस वाक्या ने पाकिस्तान की पोल तो खोली, लेकिन उसे ब्रह्मोस को वो मलबा हासिल हो गया जिसपर उसने अपने इंजीनियर्स को रिसर्च करने पर लगा दिया है. यही नहीं पाकिस्तान की ओर से भारत में ब्रह्मोस या बाकी  मिसाइल प्रोजक्ट से जुड़े वैज्ञानिकों को हनीट्रैप करके उनसे ब्रह्मोस का सीक्रेट हासिल करने की कोशिश कर रहा है.

  ब्रह्मोस मिसाइल कितनी घातक है. ब्रह्मोस एक ऐसी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसके इस्तेमान भारत की तीनों सेनाएं यानी इंडियन एयरफोर्स, इंडयन आर्मी और इंडियन नेवी इस्तेमाल करती हैं. इस घातक मिसाइल को भारत और रूस दोनों देशों ने एक साथ मिलकर तैयार है. शुरुआत में इस मिसाइल का रेंज मात्र 290 किलोमीटर तक ही था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 300-400 किलोमीटर तक कर दिया गया है. ब्रह्मोस मिसाइल की मैक्सिमम स्पीड  मैक 3 से अधिक है यानी की यह मिसाइल आवाज की गति से लगभग तीन गुना अधिक तेजी से मार करने में भी सक्षम है. और इसकी यही तेजी पातिस्तान के लिए मुसीबत बन गई है.

एयरफोर्स के लिए ब्रह्मोस की रेंज को 500 किलोमीटर तक बढ़ाने की संभावना

हाल ही में इंडियन एयरफोर्स ने इस सुपरसोनिक मिसाइल को सुखोई 30 एमकेआई फाइटर जेट के साथ इंटीग्रेट करके एक ऐसा घातक कॉम्बिनेशन तैयार कर लिया है जिसने ब्रह्मोस की मारक क्षमता को कई गुना कर बढ़ा दिया है. एयरफोर्स के लिए तैयार की जा रही ब्रह्मोस की रेंज को 500 किलोमीटर तक बढ़ाए जाने की संभावना है. सुखोई 30 फाइटर जेट की रेंज 1500 किलोमीटर तक है. यानी इन दोनों को मिला दिया जाए तो सुखोई-30 से दागी गई मिसाइल की मारक क्षमता कई गुना बढ़ जाती है और पाकिस्तान के भीतर मौजूद कोई भी टारगेट ब्रह्मोस की जद से बाहर नहीं होगा. इसीलिए इसे अब एक टेक्टिकल नहीं बल्कि स्ट्रेटेजिक हथियार कहा जा रहा है.

भारत के ब्रह्मोस से चीन भी चिंतित 

इसका एक छोटा वर्जन भी तैयार किया जा रहा है जिसे मिराज 2000 और मिग 27 जैसे हल्के विमानों में इंटीग्रेट किया जा सके. यानी इंडियन एयरपोर्स की फ्लीट के लड़ाकू विमानों को ब्रह्मोस के रूप में एक ऐसा ब्र्ह्मास्त्र मिल रहा है जिसकी काट खोजना भारत के दुश्मनों के लिए मुश्किल है.  भारत और रूस ब्रह्मोस के हाइपरसोनिक वर्जन को बनाने के लिए भी काम कर रहे जो मैक 7 यानी आवाज की गति से सात सात गुना तेजी से अपने टारगेट को भेदने में सक्षम होगी.  ब्रह्मोस की तेजी ही नहीं बल्कि उसकी सटीकता और रडार की पकड़ में ना आ पाने की क्षमता ने उसे बेहद घातक बना दिया है.

ब्रह्मोस भारत के तरकश में ऐसा तीर है जिससे पाकिस्तान का आका यानी चीन भी परेशान है. साउथ चाइना सी में चीन का पड़ोसी और उससे परेशान देश फिलीपींस भी भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीद रहा है जिसकी पहली खेप भी जल्द डिलीवर होने वाली है. यानी साफ है. भारत की ब्रह्मोस ना सिर्फ पाकिस्तान बल्कि चीन के लिए सिरदर्द बन गई है और इसीलिए पाकिस्तान किसी भी हाल में उसे डीकोड करना चाहता है.

वरिष्ठ पत्रकार सुमित कुमार की रिपोर्ट

BrahMos Missile Brahmos Supersonic Cruise Missile Brahmos BrahMos firing range brahmos missile launch pakistan brahmos India Brahmos missile in pakistan why pakistan in awe of India Brahmos missile
Advertisment
Advertisment