आज यानि एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस (World Aids Day 2019) मनाया जा रहा है. आज एड्स को लेकर हर स्तर पर दुनिया भर में जागरुकता फैलाया जा रहा है. लेकिन फिर भी एड्स फैलने को लेकर कई भ्रांतियां फैली हुई है. एड्स फैलने को लेकर और इसके इलाज की सही जानकारी नहीं होने पर अब भी लोग एचआईवी (HIV) वायरस से ग्रसित हो जाते हैं. लेकिन आज हम आपको एड्स से जुड़ी तमाम बातें आपको बताएंगे, जिससे आप किसी भी तरह से भ्रमित न हो. तो आइए सबसे पहले जानते है कि आखिर एड्स है क्या?
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क्या है एड्स? (What is AIDS)
एड्स का पूरा नाम है 'एक्वायर्ड इम्यूलनो डेफिसिएंशी सिंड्रोम' है और यह बीमारी HIV वायरस से होती है. एड्स वायरस किसी भी व्यक्ति के शरीर में जाकर खून में मौजूद व्हाइट ब्लड सेल में मिल जाता है, जिसके माध्यम से यह वायरस डीएनए में पहुंच जाता है. ऐसे में वायरस टूटने लगता है और व्हाइट ब्लड सेल्स पर हमला शुरू कर उन्हें कमजोर बना देता है. धीरे-धीरे वायरस का आक्रमण शरीर से सभी व्हाइट ब्लड सेल्स को खत्म कर देता है. श्वेत रक्त कोशिकाओं के कम होने से शरीर की इम्युनिटी पर असर पड़ता है और वह खत्म हो जाती है. जब शरीर से इम्युनिटी खत्म हो जाती है तो छोटे से छोटा रोग आपको बीमार कर सकता है.
एड्स फैलने का कारण (Cause of AIDS )
विश्व एड्स दिवस के मौके पर SGPGIMS (Lucknow) के डॉक्टर इंदर मौर्या ने न्यूज स्टेट से बातचीत में इससे जुड़ी कई अहम जानकारियां हमसे शेयर की. डॉ इंदर के मुताबिक एचाईवी वायरस फैलने का कारण सिर्फ असुरक्षित सेक्स नहीं है बल्कि कई अन्य कारण भी है जो इस वायरस को फैलाता है. उन्होंने बताया कि कई बार उनके पास एड्स के ऐसे मरीज भी आएं है जो गुर्दे की बीमारी के इलाज के दौरान हुए डायनीसिस की वजह से एचाआईवी वायरस के शिकार हुए है.
डॉ मौर्या ने ये भी बताया कि असुरक्षित सेक्स के अलावा एनल सेक्स के कारण HIV होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है. इसके अलावा आजकल युवा और लोग ड्रग्स सेवन की ओर भी तेजी से बढ़ रहे है. ड्रग्स लेने में इस्तेमाल होने वाले नीडल भी HIV को तेजी से फैला रहा है क्योंकि ड्रग्स इस्तेमाल करने वाले लोगों में गरीब परिवार के लोगों अधिक होते है , जो एक ही नीडल का को कई बार एक-दूसरे के साथ शेयर करते हैं. इस तरह से देखा गया है कि ड्रग्स लेने वाले लोगों में एड्स की मरीजों की संख्या अधिक देखी गई है.
इसके साथ डॉ मौर्या ने बताया कि एक से अधिक पार्टनर (Multiple Sex Partner) के साथ सेक्स करने पर भी HIV होने का हाई रिस्क बना रहता है. अगर वो असुरक्षित सेक्स करते है तो.
इनसब के अलावा एड्स फैलने का मुख्य कारण ये भी है-
- HIV पॉजिटिव से असुरक्षित संबंध बनाने से यह वायरस फैलता है.
- HIV पॉजिटिव के शरीर में इस्तेमाल हुए इंजेक्शन से hiv फैलता है.
- HIV से पीड़ित व्यक्ति का खून किसी दूसरे व्यक्ति में चढ़ाने से HIV वायरस फैलता है.
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स्वास्थ्य कर्मचारी में HIV का डर अधिक (Health Workers Or HIV)
डॉ इंदर ने ये भी बताया कि आम आदमी ही नहीं बल्कि डॉक्टरों भी HIV वायरस का शिकार हो जाते है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मचारी (health worker), पैरा मेडिकल और डॉक्टरों में HIV का हाई रिस्क होता है क्योंकि कभी-कभी मरीज के इलाज के दौरान उन्हें लगने वाले का नीडल का गलती से लग जाना, टांके के वक्त या ब्लड निकालते समय नीडल लग जाता है. हालांकि अगर डॉक्टर के साथ ऐसी कोई घटना हो जाती है तो सरकार उनका इलाज उसी अस्पताल में करवाती है. करीब एक महीने उन्हें थेरेपी दी जाती है और उनका एचआईवी टेस्ट कराया जाता है.
एड्स को फैलने से रोकने में आखिर 'कंडोम' (Condom) कितना कारगार
कंडोम का इस्तेमाल सुरक्षित सेक्स माना जाता है लेकिन कई बार देखा गया है कि जो कंडोम का इस्तेमाल करते है उनमें भी कई सेक्चुअल बीमारियां पाई गई है. जैसे वायरस हिपटाइटिस B और C कंडोम के वैरियर को तोड़ सकते है क्योंकि ये वायरस बहुत छोटे होते है.
ऐसे में हमने डॉ इंदर मौर्या से पूछा कि आखिर एड्स के मामले में कंडोम कितना कारगार और सुरक्षित है. हमारे इस सवाल पर डॉक्टर मौर्या ने बताया कि 10-14% केस कंडोम फेलियर के देखें गए है यानी कि इतने मामले में कंडोम फेल हुआ है. इसके अलावा ये कारण भी है जैसे-
. कंडोम का इस्तेमाल का गलत तरीके से करना
. कंडोम अगर गलती से फीमेल के वजाइना में रह जाना
. कंडोम का फटना
. कंडोम की अच्छी क्वालिटी का न होना
एड्स को खत्म करने का तरीका
क्या एड्स पर पूरी तरह से जीत संभव हो पाया है इस सवाल पर SGPGIMS के डॉक्टर इंदर मौर्या ने बताया कि अब HIV वायरस से लड़ने के लिए काफी अच्छी दवाईयां जो इसके वायरस को मारने में काफी हद तक कामयाब हुए है. लेकिन इसे पूरी तरह खत्म करने में अभी कामयाबी नहीं मिल पाई है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमारे पास अब ऐसी कई दवाईयां है जो HIV वायरस पर कंट्रोल कर सकता है और मरीज के शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र (immune Sysytem) को मजबूत कर उसकी क्षमता को बढ़ा सके.
डॉ मौर्य ने ये भी कहा कि HIV वायरस को खत्म करने के लिए कैमिकल प्रयोग चल रहे है लेकिन अभी तक ऐसा कोई वैक्सिन नहीं मिला पाया है. मगर हां जिस दिन हम इसमें कामयाब हो गए वो दिन एक रिवोल्युशन (Revolution) होगा.
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क्या है एड्स के लक्षण? (Symptoms Of AIDS)
1. एड्स के लक्षण किसी मान्य बीमारी से अलग नहीं होते है, ऐसे में इनकी पहचान हो पाना आमान नहीं होता है. फिर कुछ लक्षणों के नजर आने पर इलाज कराने से इसके प्रभावों से बचा जा सकता है.
2. एचआईवी के वायरस के शरीर में पहुंचने से शारीरिक क्षमता कम हो जाती है. इसके कारण मांसपेशियों में तनाव व अकड़न रहती है.
3. एड्स के लक्षणों में सूखी खांसी का होना भी शामिल है. अगर बिना खांसी के ही मुंह में कफ रहता है,स्वाद अच्छा नहीं लगता तो एचआईवी होने की बहुत संभावना रहती है. इसके कारण वजन भी अचानक से गिरने लगता है, भूख लगनी बंद हो जाती है. बार बार द्स्त होने की शिकायत भी हो जाती है.
4. एड्स के मरीजों में गले का पकना, गले में गिल्टी होने की शिकायत भी मिलती है.
एचआईवी से बचाव (HIV prevention)
- एचआईवी से बचने के लिए जागरूक होना बहुत आवश्यक है। यौन संबंध बनाते समय सावधानी बरतें.
- एचआइवी वायरस के अंतिम चरण में पहुंचने पर यह एड्स रोग का रूप लेता है.
- इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए हेल्दी और संतुलित भोजन का सेवन करें.
- एचआईवी पॉजिटिव होन पर एआरटी दवाइयों को अगर नियमित तौर पर लिया जाए तो मरीज कई वर्षों तक सामान्य जीवन जी सकता है.
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एचआईवी एड्स रोकथाम कानून
बता दे एचआईवी एड्स (रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम 2017 को लागू किया गया था. इस अधिनियम के तहत उपचार, रोजगार और कार्यस्थल पर ऐसे लोगों के खिलाफ किसी तरह के भेदभाव को रोकता है. इसके साथ ही अधिनियम में यह भी साफ़ कर दिया है कि HIV एड्स के मरीजों के साथ भेदभाव करना अपराध की श्रेणी में माना जाएगा.