रविवार यानी आज 12 मार्च को बांबे, 1995 से पहले मुंबई का आधिकारिक नाम, में 1993 के सीरियल बम धमाकों (Bombay Blasts) की 30 वीं वर्षगांठ है. इन धमाकों ने भारत की आर्थिक राजधानी को तोड़ कर रख दिया था. इन आतंकी धमाकों के परिणामस्वरूप सैकड़ों लोग मारे गए. आज जब भारत (India) 30 साल पहले के उस भयानक दिन को देखता है, तो उसे कुछ रिसते घाव टीस देते हैं. हालांकि मुंबईकरों ने डर का सामना हिम्मत से किया. 12 मार्च 1993 को कुल 12 आतंकी धमाके मुंबई (Mumbai Serial Blasts) में हुए. इन धमाकों में 257 लोगों की जान गई थी और हजारों लोग घायल हुए थे, लेकिन आधिकारिक तौर पर यह आंकड़ा 700 बताया जाता है. भारत के सबसे वांछित अपराधियों में से एक दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) 1993 के श्रृंखलाबद्ध बम धमाकों का मास्टरमाइंड था. उसने 1970 के दशक में बांबे में आपराधिक सिंडिकेट डी-कंपनी की स्थापना की स्थाना की थी.
श्रृंखलाबद्ध धमाकों की पृष्ठभूमि
दिसंबर 1992 में उत्तर प्रदेश के अयोध्या में विवादित ढांचे के विध्वंस के बाद मुंबई में भी सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे. नए साल की शुरुआत के साथ ही वे और उग्र हो गए. उस साल स्थिति सामान्य होने में लगभग दो महीने लगे.
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श्रृंखलाबद्ध आतंकी धमाकों की क्रोनोलॉजी
- पहला आतंकी धमाका 12 मार्च 1993 को दोपहर लगभग 1.30 बजे हुआ. इसका लक्ष्य आर्थिक राजधानी का सिरमौर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज था. यह हमला एक शक्तिशाली कार बम का उपयोग करके किया गया था. ये एक ऐसी आतंकी हमले की शुरुआत थी, जिसे पूरा बांबे शहर अगले दो घंटे और 10 मिनट में कहीं ज्यादा तीव्रता के साथ देखने वाला था.
- अगला धमाका करीब आधे घंटे बाद हुआ. इस बार कॉर्पोरेशन बैंक की मांडवी शाखा आग की लपटों में घिर गई.
- अगले घंटे और 40 मिनट में टाइमर का उपयोग करके हर 15-30 मिनट में कार, स्कूटर और सूटकेस में बंधे बमों को ट्रिगर किया गया.
- धमाकों ने प्लाजा सिनेमा, माहिम कॉजवे में फिशरमैन कॉलोनी, होटल सी रॉक, एयर इंडिया बिल्डिंग, झावेरी बाजार, होटल जुहू सेंटूर, सेंचुरी बाजार, कथा बाजार, वर्ली और सहार हवाई अड्डे पर पासपोर्ट कार्यालय को निशाना बनाया.
- यह पहली बार था जब भारत में आतंकी हमलों के लिए आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था.
भयानक चूक का परिणाम थे श्रृंखलाबद्ध धमाके
धमाकों से तीन दिन पहले यानी 9 मार्च को बांबे पुलिस ने गुल मोहम्मद शेख उर्फ गुल्लू को गिरफ्तार किया था. पुलिसिया पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह पूरे मुंबई में विभिन्न स्थानों पर धमाके करने की साजिश का हिस्सा था. यह अलग बात है कि बांबे पुलिस ने उसके कुबूलनामे को गंभीरता से लेने के बजाय झांसा बताकर खारिज कर दिया. नतीजतन तीन दिन बाद बांबे धमाकों से क्षतविक्षत पड़ा था.
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श्रृंखलाबद्ध आतंकी धमाकों की जांच-पड़ताल
- बांबे के तत्कालीन पुलिस उपायुक्त राकेश मारिया ने 150 से अधिक कर्मियों की एक टास्क फोर्स बनाई. मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि मामले को अगले 48 घंटों के भीतर सुलझा लिया गया था.
- उसी साल नवंबर तक बांबे क्राइम ब्रांच ने प्राथमिक चार्जशीट दायर की. 10 हजार पन्नों की इस चार्जशीट में 189 दोषियों के नाम थे. बांबे श्रृंखलाबद्ध धमाकों का ट्रायल 2003 में शुरू हुआ. 2006 में याकूब मेमन, टाइगर मेमन और उनके परिवार के दो सदस्यों को दोषी पाया गया.
- 2011-2013 के बीच अपने फैसलों में सुप्रीम कोर्ट ने 10 दोषियों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया. साथ ही सर्वोच्च अदालत ने 18 दोषियों में से 16 के आजीवन कारावास को बरकरार रखा. याकूब मेमन को मौत की सजा सुनाई गई थी. उसे 2015 में फांसी दे दी गई थी. ट्रायल के दौरान यूसुफ मेमन की नासिक की जेल में मौत हो गई थी.
- 2017 में एक विशेष अदालत ने छह प्रमुख संदिग्धों को इन आतंकी हमलों की साजिश रचने का दोषी पाया. ये थे अबू सलेम, फिरोज अब्दुल राशिद खान, मुस्तफा दोसा, ताहिर मर्चेंट, रियाज सिद्दीकी और करीमुल्ला शेख. मामले में वांछित चार और लोग क्रमशः अबू बकर, सैय्यद कुरैशी, मोहम्मद शोएब कुरैशी, और मोहम्मद यूसुफ इस्माइल- को 2022 में गुजरात से गिरफ्तार किया गया था
बांबे के श्रृंखलाबद्ध आतंकी धमाकों का मास्टर माइंड दाऊद इब्राहिम और एक अन्य गैंगस्टर टाइगर मेमन पुलिस और अन्य प्रवर्तन एजेंसियों को चकमा दे देश से भागने में सफल रहे थे. टाइगर मेमन का असली नाम इब्राहिम मुश्ताक अब्दुल रज्जाक मेमन है. दुख की बात है कि बांबे ब्लास्ट में मुख्य संदिग्ध है और दाऊद इब्राहिम के साथ साजिश रचने वाला टाइगर मेमन आज तक फरार है. विस्फोट की जांच ने पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के साथ डी-कंपनी की सांठगांठ को भी उजागर किया था. भारत से भागने में सफल रहे बांबे धमाकों के कई साजिशकर्ताओं को विदेश में पकड़ा गया और उन्हें भारत वापस भेज दिया गया. गैंगस्टर अबू सलेम उनमें से एक था, जिसे पुर्तगाल से भारत प्रत्यर्पित किया गया था. 2017 में विशेष आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम अदालत ने धमाकों के लिए सलेम सहित छह लोगों को दोषी ठहराया. सलेम वर्तमान में अलग-अलग मामलों में कई आजीवन कारावास की सजा काट रहा है.
HIGHLIGHTS
- 12 मार्च 1993 को कुल 12 आतंकी धमाके मुंबई में हुए
- धमाकों में 257 लोगों की जान गई और हजारों घायल हुए
- दाऊद इब्राहिम श्रृंखलाबद्ध बम धमाकों का मास्टरमाइंड था