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भारत अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ से अब महज कुछ घंटे ही दूर है. इस ऐतिहसिक उपलब्धि को पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव के उद्घोष के साथ मना रहा है. 'हर घर तिरंगा' (Har Ghar Tiranga)अभियान ने देश के कोने-कोने में उत्साह और जोश के ऐसे भाव का संचार किया है, जहां हिलौरे लेती देशभक्ति की भावना स्पष्ट देखी जा सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने लोगों से आह्वान किया है कि इस बार स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) पर न सिर्फ अपनी सोशल मीडिया की डीपी पर तिरंगा लगाएं, बल्कि हर-घर तिरंगा फहराने की भी अपील की गई है. ऐसे में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज (Tricolour) से जुड़ी कुछ रोचक बातें जानना भी जरूरी हो जाता है, तो आइए जानते हैं तिरंगे का इतिहास और उसका महत्व...
कुछ मील के पत्थर
- 7 अगस्त 1906 को कोलकाता के पारसी बगान स्क्वॉयर पर पहली बार भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया था. इस झंडे में लाल, पीला और हरा रंग समाहित था.
- आज के हमारे राष्ट्रीय ध्वज से मिलते-जुलते भारतीय तिरंगे का डिजाइन पिंगली वेंकैया ने 1921 में तैयार किया था. इसमें लाल और हरा रंग ही था.
- 1931 में तिरंगे झंडे को हमारे राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाते हुए ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया गया. यह झंडा हमारे वर्तमान तिरंगे का पूर्वज करार दिया जा सकता है. इसमें केसरिया, सफेद और हरे रंग की तीन पट्टियां थी, जिनके बीच में महात्मा गांधी के चरखे को रखा गया था.
- 1931 के इस झंडे में कुछ बदलाव किए गए. केसरिया को थोड़ा गाढ़ा करने के साथ सफेद पट्टी में सम्राट अशोक के लॉयन कैपिटल के अशोक चक्र को रखा गया. इसे ही 22 जुलाई 1947 को भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के तौर पर स्वीकार किया गया. इस तिरंगे को पहली बार 15 अगस्त 1947 को फहराया गया.
- भारत के राष्ट्रीय ध्वज या तिरंगे में तीन रंग हैं. सबसे ऊपर की पट्टी केसरिया रंग की होती है, जो देश की शक्ति और साहस को दर्शाती है. बीच में सफेद रंग की पट्टी है, जो शांति और सत्य की घोतक है. नीचे का हरा रंग भारतीय धरा की उर्वरता, विकास और शुभता का प्रतीक है. अशोक चक्र जिसे धर्म चक्र भी कहते हैं सफेद रंग की पट्टी के बीच में विद्यमान है. इसमें दर्शाए गए 24 स्पोक्स इंसानी धर्म की व्याख्या करते हैं. इसका एक अर्थ यह भी है कि गतिशीलता में ही जीवन है और ठहराव पर मौत है.
- पहले भारतीय नागरिक चुनिंदा अवसरों को छोड़ तिरंगा नहीं फहरा सकते थे, लेकिन उद्योगपति नवीन जिंदल की एक दशक तक चली अदालती लड़ाई के बाद यह नियम बदला गया. 23 जनवरी 2004 को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक निर्णय देते हुए कहा कि पूरे सम्मान और गरिमा के साथ तिरंगा फहराना प्रत्येक भारतीय नागरिक का मौलिक अधिकार है.
- स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर केंद्र सरकार और भारतीय नागरिक आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं. इस महोत्सव का अभिन्न हिस्सा है हर घर तिरंगा अभियान. इसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से अपने-अपने घर में तिरंगा फहराने का आह्वान किया है.
- आजादी का अमृत महोत्सव की आधिकारिक घोषणा 12 मार्च 2021 को की गई थी. इस दिन से स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ को 75 हफ्ते ही बचे थे.
HIGHLIGHTS
- भारतीय राष्ट्रीय ध्वज पर पहली बार तिरंगा 7 अगस्त 1906 को कोलकाता में फहराया गया
- हमारे राष्ट्रीय ध्वज से मिलते-जुलते तिरंगे की डिजाइन पिंगली वेंकैया ने 1921 में तैयार की
- आजादी का अमृत महोत्सव की आधिकारिक घोषणा 12 मार्च 2021 को की गई
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