Delhi Water Crisis: दिल्ली में पानी की जबरदस्त कमी है. हर इलाके में पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. एक-एक बूंद के लिए दिल्लीवाले तरस रहे हैं. गर्मी की वजह से बढ़ी डिमांड ने इस संकट को और विकराल बना दिया है. आलम ये है कि अब तो पानी को लेकर लोगों के बीच झगड़े भी होने लगे हैं. दिल्ली सरकार जल संकट समाधान निकालने में पूरजोर कोशिश में जुटी हुई. जल मंत्री आतिशी हरियाणा से कम पानी मिलने पर अनशन पर बैठ गई हैं. वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उनके अनशन को नाटक बताया है, पार्टी लगातार सरकार को घेर रही है. आइए जानते हैं कि दिल्ली संकट में अबतक क्या क्या हुआ और ये संकट दिन पर दिन कैसे विकराल होता चला गया.
दिल्ली सरकार की कोशिशें
21 जून - हरियाणा सरकार से दिल्लीवालों के उचित हिस्से का पानी दिलवाने के लिए AAP सरकार में मंत्री आतिशी मार्लेना ने जंगपुरा के भोगल में 'पानी सत्याग्रह' शुरू किया. वो दिल्लीवालों को उनके हक का पानी दिलवाने के लिए अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गई हैं.
19 जून - आप मंत्री आतिशी ने दिल्ली जल संकट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी, जिसमें उन्होंने हरिणाया सरकार पर कम पानी छोड़ने का आरोप लगाया है.
18 जून को दिल्ली को हरियाणा से 613 MGD के बजाय 513 MGD पानी ही मिला. इस 100 MGD पानी की कमी से 28 लाख दिल्लीवाले बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं.
17 जून - आतिशी ने दिल्ली के वजीराबाद बैराज का दौरा किया.
16 जून - आतिश ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर बड़ा आरोप लगा गया. आतिशी ने कहा कि बीजेपी हरियाणा सरकार से दिल्ली के हक का पानी रुकवाकर दिल्लीवालों के खिलाफ बड़ी साजिश रच रही है. उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर दिल्ली जल बोर्ड में तोड़फोड़ का आरोप लगाया.
जल संकट पर सियासत और आरोप
दिल्ली में पिछले करीब एक महीने से भीषण गर्मी के बीच पानी का संकट छाया हुआ है. शहर के कई इलाकों में लोग टैंकरों से पानी लेने के लिए कतार में लगने को मजबूर हैं. पानी के संकट को लेकर राजनीतिक विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. बीजेपी और AAP आमने-सामने हैं. बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने आरोप लगाया कि दिल्ली में जल संकट प्राकृतिक नहीं है. AAP सरकार ने भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए इस संकट को सुनियोजित किया है. इसे अवैध टैंकर माफिया को बढ़ावा देने के लिए रचा गया है.
कांग्रेस ने AAP पर बोला हमला
लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस ने भी जल संकट को लेकर दिल्ली सरकार पर हमला किया है. कांग्रेस के दिल्ली अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने इसे लोगों के साथ धोखा करार दिया है.
कहां से आता है दिल्ली में पानी?
दिल्ली को ज्यातादर पानी यमुना, रावी-व्यास और गंगा नदियों से मिलता है. यूपी में ऊपरी गंगा नहर के जरिए गंगा से दिल्ली को पानी मिलता है. हरियाणा से दिल्ली में प्रवेश करने वाले दो चैनल कैरियर लाइन्ड चैनल (सीएलसी) और दिल्ली सब ब्रांच (डीएसबी) के जरिए दिल्ली को यमुना और रावी-ब्यास नदियों से पानी की सप्लाई होती है. इनके अलावा दिल्ली वालों को पानी ग्राउंट वॉटर से मिलता है, जिसमें ट्यूबवेल और रेनी कुओं शामिल हैं.
दिल्ली में पानी की कमी के कारण क्या?
- यमुना में जल स्तर का गिरना
- दिल्ली में बारिश का कम होना
- वॉटर सप्लाई पाइपलाइंस में रिसाव
- गर्मी बढ़ने से पानी का वाष्पीकरण
- वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट्स में कम प्रोडक्शन
जब यमुना में जलस्तर गिरा तो दिल्ली के वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट ठप्प पड़ गए है. वजीराबाद के वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट (WTP) में भी वॉटर प्रोडक्शन कम हो गया. वजीराबाद WTP की क्षमता 131 एमजीडी (मिलियन गैलन प्रतिदिन) है. क्षमता के मामले में ये प्लांट दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के 9 WTP में से तीसरा सबसे बड़ा है. इस प्लांट से बुराड़ी, मॉडल टाउन, सदर बाजार, चांदनी चौक, मटिया महल, बल्लीमारान, पंजाबी बाग, राजघाट और आईटीओ के आसपास के क्षेत्रों, ग्रेटर कैलाश, डिफेंस कॉलोनी और साउथ एक्सटेंशन के कुछ हिस्सों सहित उत्तर, मध्य और दक्षिण दिल्ली के कुछ हिस्सों को पानी की सप्लाई होती है. ये प्लांट हरियाणा से आने वाले पानी पर निर्भर है. जब हरियाणा से पानी कम मिला तो वजीराबाद WTP में वॉटर प्रोडेक्शन गिर गया. इससे इन इलाकों में पानी की किल्लत होना लाजिमी था.
दिल्ली को यमुना से कितना पानी?
1994 में दिल्ली, हरिणाया, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के बीच यमुना के 'सतही प्रवाह' पर जल बंटवारे को लेकर समझौता हुआ था. इस समझौते के तहत दिल्ली को मार्च से जून तक 0.076 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलना है. दिल्ली के लिए वार्षिक आवंटन 0.724 बीसीएम है. यह लगभग 435 एमजीडी के बराबर है. यह आवंटन ऊपरी यमुना नदी बोर्ड द्वारा विनियमित किया जाता है. 1994 के समझौते को 2025 में संशोधित किया जाना है.
Source : News Nation Bureau