Adhai Din Ka Jhonpra: संभल में मस्जिद सर्वे का विवाद अभी सुलझा नहीं है और अजमेर में ऐतिहासिक 'अढ़ाई दिन का झोंपड़ा' के सर्वे की मांग जोर पकड़ रही है. अजमेर के डिप्टी मेयर ने यहां मंदिर होने का दावा किया है, जिसके बाद मामला तूल पकड़ता दिख रहा है. मंदिर है या मस्जिद… आखिर क्या है अढ़ाई दिन के झोपड़े का सच.अढ़ाई दिन का झोपड़ा को लेकर क्या हैं दावे.
क्या है डिप्टी मेयर का दावा
अजमेर में स्थित ऐतिहासिक अढ़ाई दिन का झोपड़ा मस्जिद के सर्वे की मांग उठी है. फिलहाल ये भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी ASI से संरक्षित स्मारक है. अजमेर दरगाह से महज 5 मिनट की दूरी पर स्थित अढ़ाई दिन का झोपड़ा को राज्य और देश की सबसे पुरानी मस्जिदों में शुमार किया जाता है, लेकिन अब अजमेर के डिप्टी मेयर नीरज जैन ने एक बयान में दावा किया है कि अढ़ाई दिन का झोपड़ा में संस्कृत कॉलेज और मंदिर होने के सबूत हैं.
250 से अधिक मिली हैं मूर्तियां
दावा है कि आक्रमणकारियों ने उस विरासत का उसी तरह विध्वंस कर दिया, जैसे नालंदा और तक्षशिला और धार जैसे ऐतिहासिक शिक्षा स्थलों को ध्वस्त किया था. डिप्टी मेयर का दावा है कि ASI के पास इस जगह से मिली 250 से ज्यादा मूर्तियां हैं और इस जगह पर स्वास्तिक, घंटियां और संस्कृत के श्लोक लिखे हैं.
जरूर पढ़ें: Trump को धमकी का मिला ऐसा जवाब, बयान से मारी पलटी! जानें- India समेत BRICS Countries के सामने कैसे झुके?
नमाज पर पाबंदी की उठाई मांग
डिप्टी मेयर इस तरह की मांग करते आए हैं. अढ़ाई दिन का झोपड़ा पर जुम्मे पर होने वाली नमाज को लेकर भी उन्होंने सवाल उठाए और कहा है कि इसपर ASI को पाबंदी लगानी चाहिए. डिप्टी मेयर के दावों को इससे पहले यहां आए जैन महाराज सुनील सागर जी के दावों से भी बल मिला.
मस्जिद को लेकर अन्य दावे क्या
8 मई 2024 को जैन समाज के महाराज सुनील सागर यहां पहुंचे थे और बताया था कि जैन समाज के अनुसार अढ़ाई का झोपड़ा संस्कृत महाविद्यालय होने से भी पहले एक जैन मंदिर हुआ करता था. जैन समाज मानता है कि ये एक जैन मंदिर है.
हरविलास शारदा की किताब Ajmer, Historic and Descriptive के अनुसार, सेठ वीरमदेव काला ने 660 ई. में एक जैन मंदिर बनवाया था. बाद में यहां की संरचनाओं को 1192 में मोहम्मद गोरी के नेतृत्व में अफगानों ने कथित तौर पर नष्ट कर दिया और बाद में मस्जिद में बदल दिया.
जरूर पढ़ें: Big News: मोदी सरकार का बड़ा फैसला, 22 हजार करोड़ के हथियार खरीद को मंजूरी, सेना को मिलेंगे ये खतरनाक वीपन्स
अब मांग की जा रही है कि नालंदा विश्वविद्यालय को सरकार ने जिस तरह अपने कब्जे में लेकर उसका विकास किया है इसी तरह अढ़ाई दिन का झोपड़ा का भी प्राचीन वैभव और गौरव लौटाया जाए. इसके लिए ASI सर्वे की मांग की जा रही है.