2022 साल अपने अंतिम पड़ाव पर है. इस पड़ाव पर ही साल के अंतिम चुनाव भी हुए. इस साल के विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में गुजरात (Gujarat) और हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का आमना-सामना हुआ. तीनों के हिस्से अपने-अपने लिहाज से एक-एक जीत आई. हिमाचल प्रदेश ने अपनी परंपरा कायम रख भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 1 फीसदी वोट शेयर कम देकर इतिहास बनाने से रोक कांग्रेस (Congress) को सत्ता सौंप दी. भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत के साथ गुजरात लगातार सातवीं बार अपने पास रखा. गुजरात में पहली बार खाता खोल आम आदमी पार्टी (AAP) ने खुद को 'राष्ट्रीय पार्टी' का दर्जा दिला दिया. गुरुवार को एक लोकसभा और आधा दर्जन विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम भी आए, जो लगभग पहले से अपेक्षित थे. ऐसे में अंतिम चुनावों से जुड़ी 10 बड़ी बातों को जानना अच्छा रहेगा.
- दिन ढलते ही पार्टी मुख्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा अपने गृह राज्य गुजरात में शानदार जीत के बाद वह उठ रही भावनाओं के ज्वार से अभिभूत थे. उन्होंने धन्यवाद देते हुए ऐतिहासिक जीत को विकास की राजनीति पर लोगों का आशीर्वाद करार दिया. कहा कि लोग चाहते हैं कि विकास की यह गति और भी तेजी से जारी रहे. इसके साथ ही विक्टरी साइन बनाते हुए उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि आने वाले दिनों में जीत की यही लय बरकरार रहे.
- जैसे एग्जिट पोल आए थे, उसके अनुकूल ही बीजेपी गुजरात में लगातार सातवीं बार सरकार बनाने जा रही है. भगवा पार्टी ने राज्य की 182 सीटों में से ऐतिहासिक 156 सीटों पर जीत हासिल की. 2002 में मोदी के मुख्यमंत्री रहते हुए 127 सीटों पर जीत का बीजेपी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था. हालांकि सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड 1985 में कांग्रेस ने 149 सीट जीत कर बनाया था. बीजेपी ने कांग्रेस का यह रिकॉर्ड ध्वस्त कर उसे पराजय के एक नए रिकॉर्ड का स्वाद चखने पर मजबूर कर दिया. कांग्रेस महज 17 सीट जीत शर्मनाक प्रदर्शन के साथ भी गुजरात के राजनीतिक इतिहास में अजर-अमर हो गई.
- गुजरात में सुबह से आ रहे रुझानों से स्पष्ट हो गया था कि कांग्रेस के लिए वापसी करने का कोई रास्ता नहीं है. भाजपा की गुजरात इकाई के प्रमुख सीआर पाटिल ने केसरिया पार्टी की जीत का दावा कर कहा भूपेंद्र पटेल सूबे में दूसरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री के रूप में वापसी करेंगे. भूपेंद्र पटेल सोमवार को दोपहर दो बजे शपथ लेंगे. इस बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने दावा किया कि आप और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया. उन्होंने स्वीकार किया कि इन दोनों पार्टियों ने कांग्रेस के वोट बैंक में जबर्दस्त सेंध लगाई.
- गुजरात में पराजित कांग्रेस ने भाजपा को हिमाचल प्रदेश से बाहर करने की लड़ाई जीत के साथ लड़ी. यह एक ऐसा राज्य है जो पारंपरिक रूप से मौजूदा सरकार के खिलाफ वोट देता है. राहुल गांधी ने हिमाचल प्रदेश के लोगों को उनके जनादेश के लिए धन्यवाद दिया. साथ ही वादा किया कि चुनाव पूर्व किए गए सभी वादों को पूरा किया जाएगा. इसके साथ ही भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे राहुल गांधी ने राज्य कांग्रेस के पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी धन्यवाद दिया.
- कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों में से 40 सीटों पर जीत हासिल की. भाजपा ने 25 जीतीं और शेष तीन सीटों पर निर्दलीय विजयी रहे. यहां बहुमत के लिए 35 सीटों पर जीत जरूरी है. इससे पता चलता है कि फिलवक्त बीजेपी सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है. हालांकि 'ऑपरेशन लोटस' से डरे कांग्रेस आलाकमान ने अपने विजयी विधायकों को सुरक्षित जगह पहुंचा दिया है.
- हिमाचल प्रदेश के निवर्तमान मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने एक संवाददाता सम्मेलन में हार स्वीकार की. हालांकि जय राम ठाकुर कांग्रेस को चेतावनी देना नहीं भूले. उन्होंने कांग्रेस को चेताते हुए कहा, 'उनके विधायक चुने गए हैं और उनकी रक्षा करना कांग्रेस का काम है. खासकर जनता-जर्नादन द्वारा मिले बहुमत की रक्षा करना.' इसके बाद विपक्षी दलों को भगवा पार्टी पर नए सिरे से आरोप मढ़ने का मौका मिल गया कि भाजपा सांसदों और विधायकों की खरीद-फरोख्त करने के लिए रिश्वत का सहारा लेती है.
- अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने बुधवार को दिल्ली एमसीडी चुनावों में बड़ी जीत दर्ज की थी. आप ने दिल्ली निकाय चुनाव में भाजपा के 15 साल के शासन पर पूर्णविराम लगाया. हालांकि आप हिमाचल प्रदेश में अपना खाता खोलने में विफल रही, लेकिन गुजरात में पांच सीटों पर जीत हासिल कर पहली बार चुनावी मैदान में उतरने वाली पार्टी के लिहाज से बेहतरीन प्रदर्शन किया. इससे प्रसन्न केजरीवाल ने बाद में ट्वीट कर आप को एक 'राष्ट्रीय पार्टी' पार्टी का दर्जा मिलने का दावा किया.
- उधर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की अक्टूबर में हुई मृत्यु के बाद खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट के उपचुनाव में जीत हासिल की. दिवंगत मुलायम सिंह यादव की बहू और पार्टी के बॉस अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव यहां से उम्मीदवार थीं. उन्होंने परिवार में सीट बनाए रखते हुए 6.17 लाख से अधिक वोट हासिल किए.
- छह विधानसभा सीटों के लिए भी उपचुनाव हुए. बिहार, छत्तीसगढ़, राजस्थान और ओडिशा में एक-एक और उत्तर प्रदेश में दो. बिहार में बीजेपी ने कुरहानी सीट पर जीत दर्ज की. सत्तारूढ़ बीजू जनता दल ने ओडिशा में पदमपुर सीट जीती. कांग्रेस ने राजस्थान की सरदारशहर और छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर सीट अपने पास बनाए रखी. यूपी की दो सीटों पर हुए उपचुनाव में एक-एक बीजेपी और राष्ट्रीय लोकदल के खाते में गईं. हालांकि आजम खान की रामपुर सीट छीन बीजेपी ने सपा को एक बड़ा झटका दिया.
- बिहार में उपचुनाव में बीजेपी की जीत ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को तंज कसने का एक मौका दिया. भाजपा अभी भी नाटकीय तरीके से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का उससे नाता तोड़ इस साल की शुरुआत में प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रीय जनता दल के साथ हाथ मिलाने पर असहज है. उपचुनाव की इस जीत ने उसे एक मौका दिया और उसने जनता दल (यूनाइटेड) के बॉस से इस्तीफे की मांग कर दी. सुशील मोदी का कहना था, 'आपका वोट अब आपका नहीं रहा, यह बीजेपी को दिया गया है.'
HIGHLIGHTS
- साल 202 के अंतिम चुनावों में कांग्रेस को हिमाचल तो बीजेपी को गुजरात में जीत मिली
- एक दशक पुरानी आप को गुजरात में 5 सीटों पर जीत के साथ राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला
- यूपी में रामपुर सीट के उपचुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल कर सपा को बड़ा झटका दिया