AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें देश में धार्मिक कट्टरता फैलाने वाले सभी को बताना चाहिए. "हम उम्मीद कर रहे थे कि एनएसए सभी को बताए कि ये 'कुछ तत्व' कौन हैं जो कट्टरता फैला रहे हैं. वह शब्द क्यों काट रहा है? उन्हें बताना चाहिए," ओवैसी ने आज यहां संवाददाताओं से कहा. डोभाल ने शनिवार को विभिन्न धर्मों के नेताओं से धर्म और विचारधारा के नाम पर दुश्मनी पैदा करने की कोशिश कर रही कट्टरपंथी ताकतों का मुकाबला करने का आग्रह किया, जो देश पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव रखते हैं.
देश में धार्मिक कलह की कई घटनाओं की पृष्ठभूमि में आयोजित सम्मेलन में डोभाल ने कहा, "कुछ लोग धर्म के नाम पर दुश्मनी पैदा करने की कोशिश करते हैं जो पूरे देश पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसका असर पड़ता है."
अखिल भारतीय सूफी सज्जादानाशिन परिषद द्वारा आयोजित एक अंतरधार्मिक सम्मेलन में एनएसए ने कहा -सभी को धार्मिक कट्टरता के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए. परिषद ने "विभाजनकारी एजेंडा" को आगे बढ़ाने और और "राष्ट्र विरोधी गतिविधियों" में लिप्त पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की वकालत करते हुए एक प्रस्ताव भी पारित किया है.
पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के सवाल पर ओवैसी की चुप्पी
हालांकि, ओवैसी ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि क्या देश में पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पीएफआई देश में दंगों की कई घटनाओं में अपनी संदिग्ध भूमिका को लेकर सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर है.
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यह पूछे जाने पर कि उन्हें देश में कट्टर माना जाता है, ओवैसी ने चुटकी ली, "भारत में, हम केवल कट्टर हैं और अन्य सभी शुद्ध हैं." ओवैसी यहां एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आए थे. श्रीलंका में राजनीतिक संकट के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा कि यह स्थिति इसलिए पैदा हुई क्योंकि श्रीलंका सरकार ने देश के लोगों से बेरोजगारी और महंगाई को छुपाया.
मानसून सत्र में कुछ ही मिनटों में 14 विधेयक पारित
“डेटा का खुलासा किया जाना चाहिए. हम उम्मीद करते हैं कि भारत में ऐसी स्थिति पैदा न हो. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कार्यपालिका संसद में विधायिका को कमजोर करने का प्रयास कर रही है जिससे बहस कम हो गई है. मानसून सत्र में संसद में कुछ ही मिनटों में 14 विधेयक पारित हो गए. संसद की बैठकें साल में 60-65 दिनों के लिए होती हैं, ऐसे में जनता के मुद्दों को कैसे उठाया जाएगा."
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने क्या कहा ?
देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने देश की शांति से खिलवाड़ कर रहे शरारती तत्वों को लेकर बड़ा बयान दिया.उन्होंने धर्म और विचारधारा के नाम पर सद्भाव बिगाड़ने और अशांति पैदा करने की साजिश रचने वाली ताकतों से सतर्क रहने की चेतावनी भी दी है. डोभाल ने दिल्ली में अखिल भारतीय सूफी सज्जादानाशिन परिषद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की. इस कार्यक्रम में धार्मिक प्रमुखों ने चर्चा की और शांति और एकता के लिए एक प्रस्ताव पारित किया.
देश में अशांति फैलाने की साजिश
डोभाल ने कहा कि कुछ तत्व ऐसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जो भारत की प्रगति को बाधित कर रहा है. वे धर्म और विचारधारा के नाम पर कटुता और संघर्ष पैदा कर रहे हैं और यह पूरे देश को प्रभावित कर रहा है और देश के बाहर भी फैल रहा है.
HIGHLIGHTS
- अखिल भारतीय सूफी सज्जादानाशिन परिषद के कार्यक्रम में डोभाल की टिप्पणी
- ओवैसी ने कहा कि उन्हें देश में धार्मिक कट्टरता फैलाने वाले सभी को बताना चाहिए
- मानसून सत्र में संसद में कुछ ही मिनटों में 14 विधेयक पारित हो गए