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भारत को MQ-9B ड्रोन बदल कर देगा अमेरिका, बंगाल की खाड़ी में हुआ था क्रैश, जानें कितना खतरनाक है ये ‘शिकारी’

MQ-9B Sea Guardian Drone: बंगाल की खाड़ी में क्रैश हुए एमक्यू-9बी सी गार्डियन ड्रोन को अमेरिकी फर्म भारत को बदल कर देने की उम्मीद है. आइए इस ड्रोन के बारे में जानते हैं.

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Ajay Bhartia
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MQ-9B Drone News

MQ-9B Sea Guardian Drone: बंगाल की खाड़ी में क्रैश हुए एमक्यू-9बी सी गार्डियन ड्रोन को अमेरिकी फर्म भारत को बदल कर देने की उम्मीद है. इस ड्रोन का यूज इंडियन नेवी अपने ऑपरेशंस को अंजाम देने की लिए करती थी. भारतीय नौसेना ने ड्रोन को अमेरिकी फर्म जनरल एटॉमिक्स से लीज पर लिया था. एग्रीमेंट के तहत ड्रोन को नौसेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए हर महीने एक निश्चित में घंटे की उड़ान भरनी थी. रक्षा अधिकारियों ने बताया कि कॉन्ट्रेक्ट संबंधी दायित्वों को पूरा करने के लिए उन्हें दुर्घटनाग्रस्त ड्रोन को बदलना होगा. आइए जानते हैं कि भारतीय नौसेना इस ड्रोन का कैसे इस्तेमाल करती है और ये कितना खतरनाक ‘शिकारी’ ड्रोन है.

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कैसे क्रैश हुआ था ये ड्रोन

रिपोर्ट्स के अनुसार, भारतीय नौसेना ने कहा था कि बुधवार को MQ-9B प्रीडेटर हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट (HALE RPA) में तकनीकी खराबी आ गई थी, जिसके बाद ड्रोन चेन्नई के पास बंगाल की खाड़ी में गिर गया. यह ड्रोन भारतीय नौसेना द्वारा निगरानी के लिए इस्लेमाल किया जा रहा था. ये घटना ऐसे समय में हुई जब भारत अमेरिकी फर्म से ऐसे 31 और प्रीडेटर ड्रोन खरीदे जाने की प्रक्रिया पर आगे बढ़ रहा है.

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नौसेना कैसे करती है इस्तेमाल?

  • भारतीय नौसेना ने 2020 में गलवान संघर्ष के ठीक बाद अमेरिकी फर्म से लीज पर एमक्यू-9बी सी गार्डियन ड्रोन लिए थे, जिन्हें अमेरिकी ड्रोन पायलट चेन्नई स्थित इंडियन नेवी बेस में बैठकर भारतीय नौसेना मिशनों के लिए उड़ाते हैं. 
  • इन ड्रोन का इस्तेमाल भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में निगरानी मिशनों के लिए करती है, ताकि चीनी सेना और खुफिया जानकारी जुटाने वाले जहाजों पर नजर रखी जा सके. साथ ही इस क्षेत्र में समुद्री डाकुओं और अन्य तत्वों के खिलाफ ऑपरेशन किए जा सकें.

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कितना खतरनाक है ये ड्रोन?

  • MQ-9B सी-गार्डियन ड्रोन एक मानवरहित हवाई वाहन है, जिसे बड़े आराम से दूर से ही ऑपरेट किया जा सकता है. इसे ‘प्रीडिटर्स’ के नाम से भी जाना जाता है.

  • इनमें हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (HALE) की विशेषता होती है, जो एक सैटेलाइट का उपयोग करके 40 घंटे से अधिक समय तक उड़ान भर सकते हैं.

  • सेनाएं अक्सर इन ड्रोन का इस्तेमाल आक्रामक अभियानों, सर्विलांस और इंटेलीजेंस जैसे खुफिया ऑपरेशंस को अंजाम देने के लिए करती हैं.

  • यह ड्रोन बहुत ही खतरनाक है. यह वही ड्रोन है, जिससे अमेरिका अलकायदा के सरगना अल जवाहिरी को मारा गया था. साथ ही अमेरिका इन ड्रोन को आतंकी संगठन ISIS के खिलाफ करता आया है.

  • अमेरिका के इस ड्रोन को दुनिया का सबसे ताकतवर ड्रोन माना जाता है. अमेरिका और इजराइल के अलावा इस ड्रोन की टेक्नोलॉजी किसी ओर देश के पास नहीं है.

  • MQ-9B ड्रोन 170 हेलफायर मिसाइल, 310 GBU-39B सटीक-निर्देशित ग्लाइड बम, नेविगेशन सिस्टम, सेंसर सूट और मोबाइल ग्राउंड कंट्रोल सिस्टम से लैस हैं.

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