Nancy Pelosi will meet Dalai Lama: अमेरिका ने ताइवान के बाद तिब्बत पर चीन को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है. अगले सप्ताह अमेरिकी कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से मुलाकात करने के लिए भारत आ रहा है. अमेरिकी सदन के विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष माइकल मैककॉल और पूर्व स्पीकर नैंसी पेलोसी इस डेलिगेशन में शामिल होंगी. दलाई लामा से ये मुलाकात तब होने जा रही है, जब अमेरिकी सीनेट ने हाल ही में तिब्बत को लेकर एक नए बिल को मंजूरी दी है. इस बिल के जरिए अमेरिका तिब्बत पर चीन के दावे को चुनौती देगा. ऐसे में आइए जानते हैं चीन को घेरने का अमेरिका पूरा प्लान क्या है.
18 जून को धर्मशाला आएंगे अमेरिकी सांसद
अमेरिकी संसद में तिब्बत से जुड़ा बिल पास होने के बाद अमेरिकी सांसदों का प्रतिनिधिमंडल दलाई लामा से मुलाकात करेगा. 18 जून को अमेरिकी संसद की पूर्व स्पीकर नैंसी पेलोसी और रिपब्लिकन पार्टी के सांसद माइकल मैककॉल की अगुवाई में अमेरिकी सांसद दलाई लामा से मिलने के लिए 2 दिन के दौरे पर धर्मशाला पहुंचेंगे. दलाई लामा से मुलाकात करने आ रहे अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में ग्रेगरी डब्ल्यू मीक्स, माइकल मैककॉल, नैंसी पेलोसी, जिम मैकगवर्न, अमी बेरा, मारियानेट मिलर-मीक्स और निकोल मालियोटाकिस शामिल हैं.
'तिब्बती आंदोलन को अमेरिका समर्थन अच्छा'
निर्वासित तिब्बती सरकार के प्रवक्ता तेनजिन लेक्शाय ने कहा है कि, 'हमें उम्मीद है कि इस सप्ताह के अंत तक अमेरिकी कांग्रेस का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल धर्मशाला आएगा, जिसका नेतृत्व रिपल्बिकन पार्टी के विदेश मामलों के प्रतिनिधि माइकल मैककॉल और अमेरिकी संसद की पूर्व स्पीकर नैंसी पेलोसी करेंगी. तिब्बती आंदोलन को अमेरिकी कांग्रेस का समर्थन एक अच्छा संकेत है. अमेरिकी कांग्रेस का ये डेलिगेशन दलाई लामा से मिलेगा.'
अमेरिका-चीन में बढ़ सकता है तनाव
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के साथ आ रहीं नैंसी पेलोसी वही राजनेता हैं, जिनके ताइवान जाने का विरोध करते हुए चीन ने जंग की चेतावनी तक दे दी थी. तब अमेरिका और चीन के बीच तनाव काफी बढ़ गया था. ताइवान के बाद अब नैंसी पेलोसी दलाई लामा से मिलने भारत आ रही हैं. वहीं दलाई लामा जो चीन को फूटी आंख भी नहीं सुहाते. जाहिर है नैंसी पेलोसी के धर्मशाला दौरे से अमेरिका और चीन के बीच तनाव और बढ़ सकता है क्योंकि दोनों देश ताइवान के मुद्दे पर पहले से ही आमने-सामने हैं.
तिब्बत पर अमेरिकी संसद से बिल पास
इस बीच अमेरिकी संसद ने तिब्बत से जुड़ा एक बिल भी पास किया है. 'रिजॉल्व तिब्बत एक्ट' बिल बुधवार यानी 12 जून को पास हुआ. अमेरिकी संसद के दोनों सदनों ने इस बिल को मंजूरी दे दी. अब अमेरिका चीन के तिब्बत को लेकर फैलाए गए झूठ का जवाब देगा. इसके अलावा वो चीन और दलाई लामा के बीच बिना शर्त समझौता कराने की भी कोशिश करेगा. निर्वासित तिब्बती संसद की डिप्टी स्पीकर डोलमा त्सेरिंग ने अमेरिकी संसद के 'तिब्बत समाधान अधिनियम' को पारित करने के फैसले का स्वागत किया.
'तिब्बत का साथ देने के लिए US का धन्यवाद'
निर्वासित तिब्बती संसद की डिप्टी स्पीकर डोलमा त्सेरिंग ने कहा है कि, 'ये दुनिया भर के तिब्बतियों और न केवल तिब्बतियों बल्कि उन सभी लोगों के लिए स्वागत योग्य खबर है जो तिब्बत के मुद्दे से जुड़े हैं जो सत्य और अहिंसा पर आधारित है. मैं अमेरिकी प्रतिनिधि सभा और सीनेट के सदस्यों को इसे उठाने और भारी बहुमत से इसका समर्थन करने के लिए धन्यवाद देती हूं.'
बिल के लागू होने से चीन को कड़ा संदेश
जानकारों के मुताबिक इस बिल के लागू होने से चीन को कड़ा संदेश जाएगा कि दलाई लामा और तिब्बती प्रेसिडेंट पेंपा त्सेरिंग ही तिब्बत के लोगों के प्रतिनिधि हैं. इससे दोनों पक्षों के बीच बातचीत का रास्ता खुलेगा. निर्वासित तिब्बत सरकार को भरोसा है कि अमेरिकी कांग्रेस से पारित बिल के कानून बन जाने के बाद चीन का ये दावा खारिज हो जाएगा कि तिब्बत प्राचीन काल से उसका हिस्सा है. निर्वासित तिब्बती संसद की डिप्टी स्पीकर डोलमा त्सेरिंग ने कहा, 'ये बिल जिसे 'तिब्बत समाधान अधिनियम' या तिब्बत के संघर्ष के समाधान को बढ़ावा देने वाला कहा जाता है. बिल सीसीपी के इस कथन को खारिज करता है कि तिब्बत प्राचीन काल से चीन का हिस्सा है. यानी उन्होंने इस बात को खारिज कर दिया है, इसलिए ये ऐतिहासिक तथ्यों को सामने लाने का मार्ग प्रशस्त करता है.
तिब्बत की आजादी को मिलेगा बढ़ावा
नैंसी पेलोसी के दलाई लामा से मुलाकात करने से तिब्बत की आजादी के लिए लड़ रहे लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा. इससे पहले 2008 में पेलोसी ने धर्मशाला में दलाई लामा से मुलाकात की थी और तिब्बत पर चीन के कब्जे की निंदा की थी. अपनी धर्मशाला यात्रा के दौरान पेलोसी कहा था कि तिब्बत में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अमेरिका अपने अभियानों को जारी रखेगा. वो लंबे समय से तिब्बत की आजादी का समर्थन करती आई हैं. नैन्सी पेलोसी ने ही द तिब्बत पॉलिसी एक्ट पास करने में मदद की थी. 2019 में अमेरिकी संसद में ‘द तिब्बत पॉलिसी एक्ट’ पास हुआ था. एक्ट के जरिए अमेरिका तिब्बत की पहचान को बचाने की आवाज उठाता है. पेलोसी की वजह से ही अमेरिका में दलाई लामा का कद बढ़ा है.
Source : News Nation Bureau