अमेरिकी कांग्रेस अध्यक्ष नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) की संभावित ताइवान यात्रा को लेकर बीजिंग ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है. सोमवार को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) का स्थापना दिवस मनाने वाले शी जिनपिंग (Xi Jinping) प्रशासन ने न सिर्फ मंगलवार को ताइवान (Taiwan) सीमा के पास चीनी लड़ाकू विमानों को भेज दिया, बल्कि पीएलए की 95 वर्षगांठ पर उसने चीनी वायुसेना के श्रेष्ठतम पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों खासकर जे-20 का प्रदर्शन भी किया. चीनी सेना के आधुनिकीकरण के लिहाज से जे श्रंखला के लड़ाकू विमान नेक्स्ट जेनरेशन के माने जाते हैं. दुनिया में चीन (China) की वायुसेना तीसरे नंबर पर आती है. ड्रैगन की हवाई ताकत में पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के अलावा स्ट्रैटजिक बॉम्बर्स और स्टील्थ ड्रोन भी हैं. दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में अमेरिका की बढ़ती उपस्थिति को देख ड्रैगन ने अपने लड़ाकू विमानों को एयरक्राफ्ट कैरियर किलर मिसाइलों से भी लैस कर दिया है.
चीन के पास 2,800 विमान
अगर पेंटागन की एक रिपोर्ट को आधार बनाएं तो चीनी वायु सेना और नौसेना को मिलाकर ड्रैगन के पास लगभग 2,800 विमान हैं. इनमें ड्रोन और ट्रेनर विमान शामिल नहीं हैं. उनमें से लगभग 2,250 डेडिकेटेड कॉम्बेट एयरक्राफ्ट हैं, जिनमें 1,800 लड़ाकू विमान शामिल हैं. इनमें से लगभग 800 चौथी पीढ़ी के जेट हैं, जिनमें स्टील्थ कैपिसिटी नहीं है.पेंटागन के मुताबिक चीन अपनी वायु सेना को लंबी दूरी तक मार कर सकने वाली हवाई ताकत बनाने के लिए काम कर रहा है. हालांकि शीत युद्ध के दौर में चीन ने रूसी लड़ाकू विमानों को ही प्रतिकृति तैयार की. उसका पहला स्वदेशी विमान जे-8 रूस के लड़ाकू विमान की नकल था, जिसके अपग्रेडेड वर्जन को चीन ने जे-8II नाम दिया था. फिलहाल चीन जे-10, जे-16 और जे-20 श्रेणी के लड़ाकू विमानों के ही उन्नत संस्करण तैयार कर रहा है.
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जे-10 हर मौसम वाला लड़ाकू विमान
जे-10 चीन से स्वदेशी तकनीक से निर्मित उच्च कुशलता ,बहु-उपयोगी और हर मौसम वाला लड़ाकू विमान है. इसे तीसरी पीढ़ी वाला लड़ाकू विमान भी कहा जाता है, जो सबसे ज्यादा संख्या में चीनी वायुसेना के पास हैं. इनका अंग्रेजी निकनेम विगॉरोस ड्रैगन है. यह मैक 2 की स्पीड से लगभग 60,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. इसकी चतुर्मुखी युद्धक क्षमता अंतराष्ट्रीय मंच में समान पीढ़ी वाले लड़ाकू विमान से आगे की बताई जाती है. 2004 में जे-10 चीनी वायु सेना में शामिल हुआ. उल्लेखनीय है कि इस साल चीन ने जे-10 लड़ाकू विमान का निर्यात शुरू किया और पाकिस्तान जे-10 खरीदने वाला पहला देश बना. हालांकि रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि चीन का जे-10 वास्तव में इजरायली आईएआई लवी पर आधारित है.
जे-16 मल्टीरोल लड़ाकू विमान
जे-16 चीन द्वारा विकसित चौथी पीढ़ी वाला मल्टीरोल लड़ाकू विमान है. इसका आकार रूस के सु-30एमकेके से मिलता जुलता है. आकाश में वह एक साथ कई लक्ष्यों को पहचान कर उन पर हमला कर सकता है. उसकी सर्वाधिक उड़ान की लंबाई 4 हजार किलोमीटर से अधिक है. भूमि व समुद्र पर स्थित लक्ष्य के प्रति उसकी शक्तिशाली हमलावर क्षमता है ,जो अमेरिका के एफ-15ईएक्स लड़ाकू विमान की तरह है. 2016 में जे-16 औपचारिक रूप से चीनी वायु सेना में शामिल हुआ. इसमें 30 मिमी की गन के अलावा मिसाइलों और बमों के लिए 12 हार्डपॉइंट हैं. साथ ही एक एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्केन्ड एरे रडार भी है. चीन समय-समय पर J-16 के कई अपग्रेडेड वर्जन बनाता आया है.
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जे-20 को कहा जाता है माइटी ड्रैगन
जे-20 चीन से विकसित पांचवीं पीढ़ी वाला रडार से बच निकलने में सक्षम लड़ाकू विमान है. माना जाता है कि जे-20 चीनी वायु सेना द्वारा भविष्य में आकाश और समुद्र में राष्ट्रीय प्रभुसत्ता की सुरक्षा करने में मुख्य भूमिका निभाएगा. जे-20 की सर्वाधिक उड़ान लंबाई 5500 किलोमीटर है और सर्वाधिक ऊंचाई 20000 मीटर है. उसकी स्थितिपरक जागरूकता, इलेक्ट्रॉनिक मुकाबले और समन्वित लड़ाई सरीखे कई पहलुओं में जे-20 ने महारत हासिल की है. इसे इसीलिए माइटी ड्रैगन के नाम से भी पुकारा जाता है. कहते हैं चीन ने इसे अमेरिकी स्टील्थ विमानों की तकनीक को चोरी से अपनाकर तैयार किया है. जे-20 का खाली वजन 19391 किलोग्राम है, जबकि यह 37013 किलोग्राम के कुल वजन के साथ उड़ान भरने में सक्षम है, जिसमें फ्यूल और हथियार भी शामिल हैं.
HIGHLIGHTS
- नेंसी पेलोसी की संभावित ताइवान यात्रा पर भड़का हुआ है चीन
- मंगलवार को ताइवान की समुद्री सीमा पर भेजे आधुनिक विमान
- सोमवार को पीएलए की वर्षगांठ पर दिखाई अपनी हवाई ताकत