लोकसभा चुनाव 2024 का चौथा चरण जारी है. आंध्र प्रदेश में 175 विधानसभा सीटों और 25 लोकसभा सीटों पर एक साथ चुनाव हो रहे हैं. राजनीतिक पंडित इस चुनाव को सत्तारूढ़ YSR कांग्रेस पार्टी (YSRCP) और विपक्षी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के बीच वर्चस्व की लड़ाई बता रहे हैं. गौरतलब है कि, 2019 में, जगन रेड्डी की YSR कांग्रेस पार्टी ने 151 सीटें जीतकर विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की थी. वहीं पार्टी ने 2019 के आम चुनावों में राज्य की 25 लोकसभा सीटों में से 22 सीटें भी जीती थीं. लिहाजा 2024 के इस सियासी जंग में विजय हासिल करने के लिए राज्य की सभी राजनीतिक पार्टियां धुआंधार प्रचार अभियान में चुनावी वादों की बौछार कर रही हैं.
ऐसा है सियासी गणित
जहां एक ओर YSRCP अपनी कल्याणकारी योजनाओं और अपने चुनावी गारंटी 'नवरत्नालु प्लस' पर भरोसा कर रही है, वहीं दूसरी ओर TDP अपने सहयोगी दलों भाजपा और जन सेना के साथ राज्य सरकार की विफलताओं और बेरोजगारी उन्मूलन के वादे को उजागर कर रही है.
सत्तारूढ़ YSRCP एक और कार्यकाल के लिए सभी 175 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि National Democratic Alliance के सहयोगियों दलों के बीच सीट-बंटवारे के तहत, TDP 144 विधानसभा सीटों पर, जन सेना 21 पर और भारतीय जनता पार्टी (BJP) 10 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.
ये हैं प्रमुख उम्मीदवार
बता दें कि, आंध्र के मुख्यमंत्री और YSRCP अध्यक्ष वाईएस जगन मोहन रेड्डी (पुलिवेंदुला), TDP सुप्रीमो और पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू (कुप्पम), जनसेना प्रमुख और अभिनेता पवन कल्याण (पिथापुरम) राज्य में विधानसभा चुनाव के प्रमुख उम्मीदवार हैं.
YSRCP बनाम TDP के चुनावी वादे
सत्तारूढ़ YSRCP के तमाम चुनावी वादों में से एक है अमरावती को विधायी राजधानी और कुरनूल को न्यायिक राजधानी के रूप में विकसित करना. सीएम जगन मोहन रेड्डी ने इस साल अप्रैल की शुरुआत में कहा था कि, "2024 में YSRCP की सरकार बनने के तुरंत बाद, विशाखापत्तनम को सरकार की सीट के रूप में कार्यकारी राजधानी बनाया जाएगा. इसे राज्य के विकास इंजन के रूप में विकसित किया जाएगा."
हालांकि, TDP प्रमुख नायडू ने तीन अलग-अलग राजधानियां स्थापित करने की घोषणा के लिए आंध्र प्रदेश के सीएम की कड़ी आलोचना की थी.
गौरतलब है कि, राज्य में 4 फीसदी मुस्लिम आरक्षण भी चुनावी मुद्दा बन गया है. सीएम जगन मोहन ने 4 फीसदी मुस्लिम आरक्षण बरकरार रखने का वादा किया है. सीएम जगन मोहन ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए विपक्षी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा था कि, “एक ओर, चंद्रबाबू नायडू भाजपा से हाथ मिलाते रहते हैं, जो 4 प्रतिशत मुस्लिम आरक्षण को हटाने पर खड़ी है, दूसरी ओर, अल्पसंख्यक वोट पाने के लिए, वह नए नाटक के साथ आते हैं. क्या आपने गिरगिट जैसा चंद्रबाबू नायडू देखा है? चाहे कुछ भी हो, 4 फीसदी मुस्लिम आरक्षण बना रहेगा और ये YSR कांग्रेस पार्टी का अंतिम फैसला है"
वहीं प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित अन्य प्रमुख भाजपा नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा है कि, भाजपा मुसलमानों को धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं देगी, हालांकि इसके उलट TDP प्रमुख नायडू ने राज्य में ओबीसी श्रेणी के तहत मुसलमानों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण को बरकरार रखने का वादा किया है.
जगन मोहन रेड्डी ने कल्याणकारी पेंशन को धीरे-धीरे ₹3,000 से बढ़ाकर ₹3,500 प्रति माह करने और राज्य का शासन विशाखापत्तनम से करने का वादा किया है. वहीं तेलुगु देशम पार्टी, जनसेना और बीजेपी गठबंधन ने बेरोजगार युवाओं को ₹3,000 मासिक वित्तीय सहायता देने का भी वादा किया है.
Source : News Nation Bureau