Assembly Election 2023: इस साल के अंत में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है. लिहाजा सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही जोर शोर से चुनावी तैयारियों में जुटे हैं. भारतीय जनता पार्टी के लिए ये चुनाव काफी अहम हैं क्योंकि यहीं से आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर लोगों के बीच माहौल तैयार होना है. वैसे तो बीजेपी के लिए ब्रांड फेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं. जिनके चुनावी मैदान में उतरते ही विरोधियों के रथों के पहिए पंक्चर हो जाते हैं. लेकिन इसके अलावा पार्टी चुनाव से पहले स्टार प्रचारकों को अहम जिम्मेदारी सौंपती है ताकि वे प्रत्याशियों के पक्ष में वोट बंटरोने में मदद कर सकें.
मध्य प्रदेश और राजस्थान ये दोनों ही राज्य बीजेपी के लिए काफी अहम हैं. यहां से लोकसभा का रास्ता भी काफी हद तक आसान हो जाता है. दोनों राज्यों में कुल 54 लोकसभा सीटें हैं, जो बीजेपी के लिए किसी बड़े टॉनिक का काम कर सकती हैं. यही वजह है कि बीजेपी इसके लिए अपने उत्तर प्रदेश के सितारों पर भरोसा जताया है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर डिप्टी सीएम और अन्य दिग्गज नेताओं को इन दोनों ही राज्यों में पार्टी की जमीन मजबूत करने के लिए उतारा जा रहा है.
मध्य प्रदेश में किसको मिली जिम्मेदारी
मध्य प्रदेश में यूपी के जिन बड़े सितारों पर बीजेपी ने भरोसा जताया है, उनमें खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हैं. योगी की जनसभा और रैलियों को लेकर कहा जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद जनता को बांधने में इनका स्ट्राइक रेट सबसे बेहतर है.
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा का हिस्सा बनेंगे. उनके अलावा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मोर्य, ब्रजेश पाठक और महिला एवं बाल कल्याण मंत्री बेबीरानी मौर्य भी इस दौरान मध्य प्रदेश के बीजेपी प्रत्याशियों के लिए जमीन मजबूत करने का काम करेंगे. बता दें कि मध्य प्रदेश में चुनान प्रबंधन का जिम्मा भी सहकारिता राज्यमंत्री जेपीएस राठौर को सौंपा गया है.
राठौर प्रदेश की राजधानी भोपाल संभाग के 25 विधानसभा क्षेत्रों को संभालेंगे. यहां पर उम्मीदवारों के लिए कौन कब रैली करेगा, किन बातों का ध्यान रखना है ये सब काम राठौर की निगरानी में होगा. इसके अलावा बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी भी मध्य प्रदेश में 10 एसेंबली और 3 लोकसभा सीटों के प्रभारी बनाए गए हैं.
राजस्थान में यूपी ये सितारे दिखाएंगे दम
मध्य प्रदेश के अलावा राजस्थान भी बीजेपी के लिए जीतना बहुत जरूरी है. ऐसे में पार्टी ने यहां पर भी उत्तर प्रदेश के सितारों को अहम जिम्मेदारी सौंपी है. इनमें बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह को राजस्थान के प्रभारी के तौर पर उतारा गया है. इसके अलावा यूपी के महामंत्री गोविंद शुक्ला को राजस्थान की राजधानी जयपुर स्थित पार्टी हेड ऑफिस पर चुनावी व्यवस्थाओं को संभालने का निर्देश दिया गया है.
यही नहीं यूपी के महेंद्र सिंह अजमेर संभाग के अलावा भीलवाड़ा, टोंक और नागौर के 29 विधानसभा क्षेत्रों का प्रभार देख रहे हैं. राजस्थान के चुनाव के दौरान यूपी के 66 एमएलए भी बीजेपी के प्रत्याशियों का मनोबल बढ़ाएंगे. ये अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर प्रत्याशियों के लिए वोट बंटोरेंगे.
लोकसभा की 54 सीटों पर नजर
मध्य प्रदेश और राजस्थान को साधना बीजेपी के लिए इसलिए भी जरूरी है क्योंकि यहां से आगामी लोकसभा चुनाव की 54 सीटों पर पकड़ मजबूत हो जाती है. इन दोनों राज्यों की कुल 430 विधानसभा सीटे हैं. कुल लोकसभा की 54 में से 52 सीटों पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है. ऐसे में बीजेपी नहीं चाहेगी कि उसे किसी भी तरह का कोई नुकसान बल्कि इस बार पूरी सीटों को हासिल करने की कोशिश रहेगी.
राजस्थान में विधानसभा की कुल 200 सीटों में से लोकसभा की 25 सीट हैं, जबकि मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 29 लोकसभा सीट पर बीजेपी नजर बनाए हुए हैं.
HIGHLIGHTS
- बीजेपी के लिए अहम है मध्य प्रदेश और राजस्थान में जीत
- इन दो राज्यों से लोकसभा की 54 सीटों पर है बीजेपी की नजर
- मौजूदा समय में 54 में से 52 पर है बीजेपी का कब्जा
Source : Dheeraj Sharma