Advertisment

Bangladesh से होगा हिंदुओं के सफाया! संविधान से सेक्युलर शब्द हटाने की तैयारी, क्या भारत में भी ऐसा होगा?

Bangladesh Hindus Attack: क्या बांग्लादेश से हिंदुओं का सफाया होगा? ये सवाल इसलिए क्योंकि बांग्लादेश में संविधान से सेक्युलर शब्द को हटाने की बात हो रही है. आइए इसके मायने समझते हैं.

author-image
Ajay Bhartia
New Update
Bangladesh Hindus Attack (1)

Bangladesh से होगा हिंदुओं के सफाया! संविधान से सेक्युलर शब्द हटाने की तैयारी, क्या भारत में भी ऐसा होगा?

Advertisment

Bangladesh Secular Constitution: बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार की इन्तहा हो चुकी है. बांग्लादेश में अब ऐसा कुछ होने वाला है जिससे लगता है कि वहां हिंदुओं के द एंड का उलटी गिनती शुरू हो गई है. बांग्लादेश में संविधान से सेक्युलर शब्द हटाने की बात हो रही है. अगर ऐसा हुआ तो बांग्लादेश दूसरा पाकिस्तान बन जाएगा. दावा है कि जब 90 फीसदी मुसलमान हैं तो फिर सेक्युलरिज्म की जरूरत ही क्या है. बांग्लादेश में उठती इस डिमांड के मायने क्या हैं और क्या भविष्य में भारत में भी ऐसा ही देखने को मिल सकता है.

जरूर पढ़ें: India-Bangladesh: यूनुस सरकार ने भारत को दे दिया ये कैसा ऑफर? बांग्लादेश में आ गया भूचाल!

‘बांग्लादेश को सेक्युलरिज्म की जरूरत नहीं’

बांग्लादेशी संविधान से सेक्युलर शब्द हटाने की बात इस बात की तस्दीक है कि यूनुस सरकार में किस तरह से कट्टरपंथ हावी है. यूनुस सरकार ने वहां की अदालत ने सेक्युलर शब्द को लेकर बड़ा बयान दिया.  बांग्लादेश के अटॉर्नी जनरल मोहम्मद असदुजज्मा ने हाईकोर्ट में कहा कि उनके मुल्क को सेकुलरिज्म की कोई जरूरत नहीं है. सेकुलरिज्म के साथ बांग्लादेश के संविधान से बंगाली राष्ट्रवाद हटाने की बात हो रही है.  बता दें कि 2011 में तत्कालीन शेख हसीना सरकार ने बांग्लादेश को सेकुलर देश घोषित किया था.

जरूर पढ़ें: India China: चीनी अर्थव्यवस्था पर डूबने का खतरा, तेजी से खाली हो रहा खजाना, भारत दुनिया में ऐसे मचा देगा धमाल!

संविधान से सेक्युलर शब्द हटने का मतलब?

अगर संविधान से सेक्युलर शब्द हटता है, तो इसके मायने ये होंगे कि बांग्लादेश 100 फीसदी मुस्लिम राष्ट्र बन सकेगा. ऐसा अक्सर उन्हीं देशों में होता है, जहां मुस्लिम आबादी 50 से 60 फीसदी के लेवल को पार कर जाती है. सेक्युलरिज्म एक ताकतवर शब्द है, जिसके किसी देश के संविधान में शामिल होने से सभी धर्मों को तमाम धार्मिंक स्वतंत्रताएं मिलती हैं, लेकिन इसी सेक्युलर शब्द को बांग्लादेश के संविधान से हटाने की बातें हो रही हैं. इससे साफ है कि बांग्लादेश में इस्लामिक क्रांति के नाम पर दूसरे धर्मों के सफाए की तैयारी है.

ये भी पढ़ें: मोदी सरकार का बड़ा धमाका! India GDP की रफ्तार देख हैरान जापानी अर्थशास्त्री, कही ऐसी बात की दुनिया सन्न

क्या भारत में भी ऐसा होगा? 

हालांकि, बांग्लादेश में दावा किया जा रहा है कि संविधान संशोधन के बाद हिंदुओं समेत तमाम अल्पसंख्यक धर्मों को अपने धर्म का पालन करने की छूट होगी, लेकिन तख्तापलट के बाद जिस तरह से वहां हिंदुओं और तमाम अल्पसंख्यक धर्मों पर कट्टरपंथी कहर बरपा रहे हैं, उसे देखकर तो ये संभव हो पाना बिल्कुल भी मुमकीन नहीं लगता है.

जरूर पढ़ें: Rinku Singh: बाप रे! अंदर से इतना आलीशान है रिंकू सिंह का बंगला, Video में भव्यता देख फटी रही जाएंगी आंखें

एक तरह से बांग्लादेश का ये कदम हिंदुओं समेत अन्य धर्मों के लिए द एंड का काउंटॉडाउन शुरू होने जैसा साबित होगा. अब आशंकाएं ये जताई जा रही हैं क्या भारत में भी ऐसा होगा. ये सवाल इसलिए क्योंकि जिन इलाकों में मुस्लिम आबादी बढ़ी है, वहां दूसरे धर्मों के लोगों की मुश्किलें बढ़ने लगती हैं. इस बात की तस्दीक उन इलाकों से आने वाली हिंसा की खबर करती हैं. 

ये भी पढ़ें: Apophis: क्या है एपोफिस, उड़े हुए हैं NASA-ISRO वैज्ञानिकों के होश, सॉल्यूशन निकालने में झोंकी पूरी ताकत!

Bangladesh Muslims Explainer Sheikh Hasina bangladesh news Secular India-Bangladesh Secularism Bangladesh News in Hindi Bangladesh Hindus Crisis
Advertisment
Advertisment
Advertisment