इकोनॉमिस्ट इंटेलीजेंस यूनिट (ईआईयू) की हाल में जारी ग्लोबल लाइवेबिलिटी इंडेक्स यानी वैश्विक जीवंतता सूचकांक में पाकिस्तान के कराची शहर को रहने के लिहाज से 2022 के बद् से बद्तर शहरों में शुमार किया गया है. पाकिस्तान (Pakistan) की आर्थिक राजधानी (Financial Capital) कराची एक समय अपनी नाइट लाइफ और सोशल कल्चर की वजह से पाकिस्तान का 'मुंबई' कहलाता था. हालांकि यही तमगा इसके लिए अपशगुन बन गया. खुले माहौल और उदार सोच ने न सिर्फ इसे कट्टरपंथियों के निशाने पर ला दिया, बल्कि कथित भ्रष्टाचार और राजनीतिक अस्थिरता ने इसकी अधोसंरचना को भी बुरी तरह पीछे ढकेल दिया. आलम यह है कि इस साल हुई भयंकर बारिश ने कराची (Karachi) की सड़कों को नदियों में तब्दील कर दिया है. ऐसे में अगर कराची को बद् से बद्तर सूची में शुमार किया गया तो कतई आश्चर्य नहीं हो रहा.
कंगाल पाकिस्तान के शहर के शहर बदहाल
ईआईयू की ग्लोबल लाइवेबिलिटी इंडेक्स में पांच पैमानों पर दुनिया के 172 शहरों का आकलन किया गया अधोसंरचना, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा, संस्कृति और मनोरंजन पर किसी शहर को आंका गया, लेकिन कराची हर पैमाने पर पीछे रहा. गौरतलब है कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार हर गुजरते दिन के साथ घट रहा और इस कारण महंगाई बढ़ रही है. एक तरह से देखें तो पाकिस्तान श्रीलंका सरीखे ऐतिहासिक आर्थिक संकट के मुहाने पर खड़ा है. आर्थिक तंगी के कारण विकास योजनाएं आकार नहीं ले पा रही हैं. कराची जैसे शहर में सीवेज व्यवस्था ध्वस्त हो चली है. नतीजतन थोड़ी अधिक बरसात में ही कराची की सड़कें पानी से जाम हो गई है. स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा रही हैं. आतंकी हमलों में आम लोगों के मन में दहशत भर दी है और वह अपनी और बच्चों की सुरक्षा को लेकर दिन-रात चिंतित रहते हैं.
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अस्थिरता के दौर से गुजर रहा कराची
आंकड़ों की भाषा में बात करें तो पाकिस्तान के हालिया आर्थिक सूचकांक रसातल में हैं. यूएनडीपी के मुताबिक पाकिस्तान पर 250 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का कर्ज है. चूंकि कराची पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी है तो वह भी गंभीर अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है. जिंदगी की गुजर-बसर से जुड़ा संकट लाखों कराची वासियों को गरीबी की दलदल में ढकेल चुका है. यहां तक कि आर्थिक संकट की वजह से दो वक्त की रोटी की व्यवस्था भी नहीं हो रही और बढ़ती भुखमरी की दर तेजी से बढ़ रही है. इन तमाम कारणों से बढ़ती सामाजिक अशांति का खतरा हर गुजरते दिन के साथ बढ़ रहा है. बद्तर रहने की स्थिति के अलावा चोरी-चकारी, तस्करी, ड्रग पेडलिंग और हिंसा ने कराची के सामाजिक और आर्थिक ताने-बाने को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है.
आतंक के डर से पर्यटकों की संख्या में कमी
कराची समेत पाकिस्तान के अन्य शहरों की स्थिति अभी और खराब होगी. वजह यही है कि पाकिस्तान के तेजी से कम होते विदेशी मुद्रा भंडार से जरूरी चीजों का आयात हो नहीं पा रहा है. पेट्रोल-डीजल समेत बिजली की कीमतें आसमान छू रही हैं. मजबूरी में कारखाने बंद हो रहे हैं और शहरों में लोगों को भीषण बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. विदेशी मुद्रा भंडार की कमी एकमात्र कारण माना जा रहा है, जिसने महंगाई की दर को दो अंकों में ला दिया है. बीते छह सालों में महंगाई की यह सर्वाधिक दर रही. विदेशी मुद्रा पर्यटक गतिविधियां ठप पड़ने से आ नहीं रहा है और सेवाओं की कड़ी में विदेशी कर्ज भी आड़े आ रहा है. इसका असर आम जनजीवन के साथ लोगों की सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा पर पड़ रहा है.
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वियेना रहने के लिहाज से शीर्ष 10 शहरों में शुमार
गौरतलब है कि ईआईयू की ग्लोबल लाइवेबिलिटी इंडेक्स में यूरोप और कनाडा के ही तमाम शहर जीवतंता वाले शहरों की सूची में शामिल हैं. इन्हें यह मकाम बेहतरीन अधोसंरचना और स्थायित्व की वजह से हासिल हुआ है. ऑस्ट्रिया की राजधानी वियेना विश्व के शीर्ष 10 शहरों में शुमार है. वियेना को यह उपलब्धि 2018 औऱ 2019 में भी हासिल हुई थी.
HIGHLIGHTS
- ग्लोबल लाइवेबिलिटी इंडेक्स में कराची बद् से बद्तर शहरों में
- पांच पैमानों पर हुए आकलन में कराची हर पायदान पर पिछड़ा
- कट्टरपंथियों और कंगाली ने कराची से 'मुंबई' का खिताब भी छीना