Today India Closed News: आरक्षण में क्रीमी लेयर के खिलाफ अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय के लोग सड़कों पर उतरे. इन समुदाय के संगठनों ने पूरे देश में आज (Bharat Bandh Today) यानी बुधवार को ‘भारत बंद’ प्रोटेस्ट का आह्वान किया, जिसका व्यापक असर देखने को मिला. वहीं, केंद्र सरकार मसले पर पहले ही कह चुकी है कि वो SC/ST रिजर्वेशन में क्रीमी लेयर के पक्ष नहीं है. ऐसे में सवाल उठता है कि अब आगे इस मसले पर क्या?
भारत बंद आंदोलन क्यों?
सुप्रीम कोर्ट ने एक अगस्त को SC/ST आरक्षण को लेकर एक बड़ा फैसला दिया था. सर्वोच्च अदालत ने फैसले में SC/ST में सब कैटेगरी बनाने की राज्य सरकारों को मंजूरी दी थी ताकि रिजर्वेशन का सबसे अधिक फायदा जरूरतमंद जातियों तक पहुंचे. कोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ (Bharat Bandh Protest Reason) भारत बंद का आह्वान किया गया था.
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भारत बंद के समर्थन में कौन-कौन?
दलित और आदिवासी संगठनों के ‘भारत बंद’ प्रोटेस्ट का कई राजनीतिक संगठनों का साथ मिला. इनमें प्रमुख तौर (Bharat Band Protest Supporter) से बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), और लोक जन शक्ति पार्टी (रामविलास) शामिल रहे. आंदोलन में शामिल लोगों ने फैसले को दलितों और आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ बताया और उसे वापस लेने की मांग की.
कहां-कहां भारत बंद का असर?
उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में भारत बंद का असर (Bharat Band Protest Impact) दिखा. ‘भारत बंद’ प्रोटेस्ट का सबसे ज्यादा असर बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में दिखाई दिया. राज्य के हर जिलों में प्रदर्शनकारियों को जिलाधिकारियों को कोर्ट के फैसले को वापस लिए जानें की मांग की लेकर अपना ज्ञापन सौंपा. अब आंदोलन उतार की हालत में हैं. अब आगे ये देखना अहम होगा कि इस मसले पर आगे क्या होगा. आइए जानने की कोशिश करते हैं.
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1- क्या उग्र होगा आंदोलन?
‘भारत बंद’ आंदोलन में शामिल प्रदर्शनकारियों ने फैसले को दलित और आदिवासी विरोधी बताया. उन्होंने आरक्षण मसले पर केंद्र सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाया. उनका कहना है कि, ‘सरकार दलितों को बेवकूफ बनाने का काम कर रही है. सरकार हमारी बात नहीं मानती है तो हम कुछ भी करने को तैयार हैं. आरक्षण के लिए जेल भी जाना पड़ेगा तो हम पीछे नहीं हटेंगे. मगर आरक्षण से कोई भी समझौता नहीं करेंगे.’ बिहार में लाठीचार्ज को छोड़कर ‘भारत बंद’ आंदोलन का आयोजन कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रहा. लेकिन प्रदर्शनकारियों के बयानों से साफ है कि आने वाले दिनों में इस मसले पर उग्र आंदोलन होने की संभावना है.
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— News Nation (@NewsNationTV) August 21, 2024
2- जारी रह सकती है सियासत
‘भारत बंद’ आंदोलन का समर्थन करने वाली पार्टियां SC/ST कोटे में कोटे के मसले पर सियासत जारी रख सकती है. ऐसा तब तक होगा जब कि केंद्र सरकार की ओर से कोई ठोस कदम इस ओर नहीं उठाया जाता है. विपक्षी दलों का आरोप है कि बीजेपी आरक्षण विरोधी और संविधान को खत्म करने पर तूली हुई है. उनका सवाल है आखिर सरकार बार-बार क्यों आरक्षण के खिलाफ जा रही है.
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3- अध्यादेश ला सकती है सरकार
दलित-आदिवासी संगठनों की ओर ‘भारत बंद’ प्रदर्शन में शामिल लोगों की सरकार से मांग रही कि कोर्ट के फैसले के खिलाफ बड़े पैमाने पर लोगों में नाराजगी है. सरकार अध्यादेश लाकर फैसले को वापस ले. ऐसे में ये देखना बड़ी बात होगी सरकार प्रदर्शनकारियों की बात मानती है या नहीं. हालांकि हाल ही में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि बाबा साहब अंबेडकर के संविधान के अनुसार ही SC और ST के रिजर्वेशन में क्रीमी लेयर का कोई प्रावधान नहीं है. संविधान अनुसार ही SC/ST के रिजर्वेशन की व्यवस्था होनी चाहिए.’ ऐसे में इस बात की अधिक संभावना दिखती है कि सरकार इस मसले पर अध्यादेश लेकर आए.
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