कड़ाके की सर्दी में बिहार की सियासत 'गर्म' है... बीते करीब तीन दिनों से प्रदेश में सियासी ड्रामा जारी है. हर मिनट राजनीतिक जोड़-तोड़ की तमाम खबरें वायरल हो रही हैं. इसी बीच इस 'पलटी' पॉलिटिक्स से जुड़ा नया एंगल सामने आया है. दरअसल कई जानकारों का ये दावा है कि, विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A से शुरू हुई बिहार राजनीति की ये रार, असल में सोची समझी साजिश थी. साथ ही दावा किया जा रहा है कि, I.N.D.I.A गठबंधन का निर्माण असल में भाजपा का ही मास्टर प्लान था...
मालूम होगा कि, हाल ही में इंडिया गठबंधन में दरार की खबरें आम हो रही हैं. इसमें मौजूद तमाम दल और गुटों में आपसी मतभेद और मनभेद स्पष्ट देखा जा सकता है. हालांकि इसकी मुख्य वजह विभिन्न राज्यों में लोकसभा सीट शेयरिंग फॉर्मूला पर एकमत न होना बताया जा रहा है, मगर असल में इस विवाद की शुरुआत बिहार सीएम नीतीश कुमार के गठबंधन का संयोजक पद स्वीकारने से इनकार कर देने से शुरू हुई...
बकौल सूत्र, मालूम होता है कि I.N.D.I.A गठबंधन का हिस्सा रहे तमाम राजनीतिक दल, नीतीश के गठबंधन का संयोजक पद संभालने से नाखुश थे, लिहाजा देश के सामने ऐसा प्रतीत करवाया गया कि, स्वयं नीतीश इस पद को ठुकरा रहे हैं और यहीं से इस विवाद की असल जड़ की शुरुआत होती है. इस वाकये के बाद से जो मनमुटाव और नोकझोंक गठबंधन में ही दफन हो जाया करती थी, वो अब खुलकर राजनीतिक गलियारे में सुर्खियां बटोरने लगी...
हालांकि ये तो बस एक थ्योरी हुई, असल में जो दूसरा दावा है.. वो है I.N.D.I.A गठबंधन का तैयार होना भाजपा का ही मास्टर प्लान था, चलिए अब इसे विस्तार से समझें.. होता दरअसल ये है कि, भाजपा पूर्व में इस बात का स्पष्ट अंदाजा लगा चुकी थी कि, अगर देश की तमाम मुख्य विपक्षी पार्टियां मिलकर गठबंधन तैयार करती है, तो हो-न-हो आगमी कुछ महीनों में इनमें दरार पड़ना शुरू हो जाएगी.
क्योंकि भाजपा को ये मालूम था कि, I.N.D.I.A गठबंधन के बदौलत एकजुट नजर आ रही ये तमाम राजनीतिक पार्टियां, क्षेत्रीय राजनीति में एक दूजे के बैरी हैं. जहां नगर निकाय से लेकर विधानसभा और लोकसभा चुनाव तक ये एक दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में सक्रिय रहते हैं. ऐसे में I.N.D.I.A गठबंधन के बैनर तले इन तमाम सियासी गुटों का जमावड़ा लोकसभा चुनाव से पूर्व इस आपसी बैर को और बल देगा, साथ ही इसे सही वक्त पर नियंत्रण न कर पाना कांग्रेस की नाकाबिलियत को देश के समक्ष उसकी नकारात्मक छवि के तौर पर पेश करेगा...
गौरतलब है कि, हुआ भी हूबहू यही.. पहले पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव में 'एकला चलो' फॉर्मूले की पेशकश की, फिर पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने I.N.D.I.A गठबंधन के दामन का त्याग किया और अब आखिरकार स्वयं नीतीश कुमार इस गठबंधन को छोड़ दोबारा भाजपा के साथ आ चुके हैं. ऐसे में यहां सवाल है कि क्या वाकई में I.N.D.I.A गठबंधन भाजपा का ही मास्टल प्लान था और अगर हां.. तो क्या भगवा पार्टी अपने प्लान में सफल हो गई?
Source : News Nation Bureau