BJP Foundation Day: 1980 से 2023 तक बीजेपी ने ऐसे लिखी सफलता की नई इबारत, बनी दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी

राजनीति में हर साल कई नए दल आते हैं, बड़े-बड़े वादे करते हैं, कोशिशें करते हैं और फिर ना जाने इतिहास के पन्नों में कहां गुम हो जाते हैं.

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Dheeraj Sharma
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BJP Foundation Day 2023

BJP Foundation Day 2023( Photo Credit : News Nation)

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BJP Foundation Day: राजनीति में हर साल कई नए दल आते हैं, बड़े-बड़े वादे करते हैं, कोशिशें करते हैं और फिर ना जाने इतिहास के पन्नों में कहां गुम हो जाते हैं. लेकिन कुछ ही दल ऐसे होते हैं जो ना सिर्फ दावों बल्कि वादों पर भी कायम रहते हुए खुद इतिहास  लिख देते हैं. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है भारतीय जनता पार्टी ने. 6 अप्रैल पार्टी अपना 44वां स्थापना दिवस मना रही हैं. 43 वर्षों का ये सफर पार्टी के लिए इतना आसान नहीं था. कुछ उम्मीदों, इरादों और भरोसे के साथ पार्टी ने अपना सफर शुरू किया जो चुनौतियों और मुश्किलों को पार करता हुआ उसे अपने सुनहरे दौर तक ले आया. भारतीय जनता पार्टी 43वर्षों के सफर में खुद ना सिर्फ स्थापित किया बल्कि अपने बूते पर वो देश ही नहीं दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा भी करने में सक्षम हुई. आइए जातने हैं कि बीजेपी के कल और आज तक पहुंचने के सफर पर एक नजर...

6 अप्रैल 1980 में शुरू हुआ सफर
भारतीय जनता पार्टी की आधिकारिक स्थापना 6 अप्रैल 1980 को ही हुई थी. हालांकि वैचारिकता के तौर पर इसका आगाज आजादी के चार वर्षों बाद यानी 1951 में ही हो गया था. जब श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने तात्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू से नाता तोड़ लिया और भारतीय जनसंघ जिसे बीजेएस कहा जाता था उसका गठन किया. 

सफलता का स्वाद चखने में लगा वक्त
मुखर्जी ने अलग दल का गठन तो कर लिया था, लेकिन उस वक्त सफलता का स्वाद चखना इस दल के लिए किसी पहाड़ चढ़ने से कम नहीं था. शुरुआती दौर में लगातार पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा. 1952 के आम चुनाव में बीजेएस को सिर्फ तीन लोकसभा सीट मिलीं. हालांकि अगले चुनाव में यानी 1957 में पार्टी ने दोगुनी सफलता हासिल की और बीजेएस को 4 सीटें मिलीं. इस सीटों ने पार्टी कार्यकर्ताओं को ना सिर्फ उत्साहित किया बल्कि आगे बढ़ने की प्रेरणा भी दी. 

आंकड़ों पर एक नजर
- 19 अप्रैल 1950 में ही श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने नेहरू मंत्रिमंडल का इस्तीफा दिया था
- 21 अक्टूबर 1951 को श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने बीजेएस का गठन किया
- 1952 के लोकसभा चुनाव में बीजेएस ने दीपक चुनाव चिन्ह पर 94 सीटों पर कैंडिडेट उतारे
- 03 सांसदों ने पहले चुनाव में बीजेएस की ओर से जीत दर्ज कर संसद में मौजूदगी दर्ज कराई. 
- 8 मई 1953 में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने बिना परमिट जम्मू-कश्मीर की यात्रा शुरू कर दी
- 23 जून 1953 डॉ. प्रसाद का निधन हो गया 
- 1957 में एक कदम और आगे बढ़े और पार्टी ने चार सीटों पर कब्जा जमाया
- 1962 में पार्टी ने बड़ा सफलता हासिल की और 14 सीटें जीतीं
- 1967 में बीजेएस को 9.4 फीसदी के साथ 35 सीटों पर जीत मिली
- 1971 में एक और फिर पार्टी को झटका लगा और 22 सीटें ही जीत पाई
- 1977 जनता पार्टी ने इमरजेंसी के बाद मोरारजी देसाई के नेतृत्व में सरकार बनाई
- 1980 में देसाई को अंदरुनी कलह का सामना करना पड़ा और पार्टी टूट गई
- 1980 में ही अटल बिहारी वाजपेयी की अध्यक्षता में बीजेपी का गठन हुआ
- 6 अप्रैल 1980 में भारतीय जनता पार्टी का आधिकारिक गठन हुआ

1984 में सिर्फ 2 सीटें
भारतीय जनता पार्टी के सफर की शुरुआत में ही बड़ी चुनौती सामने आ गई. पार्टी को लोकसभा चुनाव में सिर्फ 2 सीटें ही मिलीं. लेकिन बीजेपी के अटल इरादों ने उम्मीदें और कोशिश दोनों का साथ नहीं छोड़ा 9वीं लोकसभा में बीजेपी को 85 सीटों पर जीत दर्ज करने का मौका मिला. 

राम मंदिर आंदोलन ने बढ़ाया ग्राफ
बीजेपी के ग्राफ को नई ऊंचाई देने का काम राम मंदिर आंदोलन ने किया. 1990के दशक में पार्टी ने इस आंदोलन के सहारे लोगों के दिलों में जगह बनाने का काम किया और इसे जीत में तब्दील करने में भी सफलता मिली. बीजेपी को उत्तर के साथ-साथ मध्य भारत में भी लोगों का साथ मिला हालांकि दक्षिण भारत अब भी पार्टी लोगों के दिलों से दूर थी. 

1996 में सबसे बड़ी जीत
बीजेपी ने 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में सबसे बड़ी जीत का स्वाद चखा. पार्टी ने 161 सीटें हासिल की और सरकार बनाई. हालांकि ये सिर्फ 13 दिन ही चली और असंतोष खींचतान के बीच गिर गई. 

1998 में फिर जीता दिल
1996 की जीत के बाद बीजेपी ने एक और बड़ी जीत हासिल की. पार्टी ने इस बार 182 सीटों पर कब्जा जमाया और एनडीए की सरकार बनीं. लेकिन एआईएडीएमके के सहयोग वापस लेने की वजह से ये 13 महीने में गिर गई. 13 का आंकड़ा राजनीति अखाड़े में चर्चा का विषय बन गया. अटल बिहारी वाजपेयी के साथ इसे जोड़ा जाने लगा. 

1999 में स्थायी सरकार
बीजेपी ने एक बार फिर अपने दम पर चुनाव में दम लगाया और ये दम उसे स्थायी सरकार देने में काम आया. बीजेपी ने इस बार स्थायी सरकार बनाई और अपना कार्यकाल भी पूरा किया. 

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इतिहास रचने की शुरुआत
अबतक भले ही बीजेपी जीत और हार के फेरे से जूझती दिखाई दे रही थी, लेकिन अब वो वक्त आ गया था, जब पार्टी को अपने की हुई मेहनत का मीठा फल मिलने जा रहा था. वर्ष 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा और कांग्रेस के 10 साल के शासन को सत्ता से बेदखल कर दिया. 

मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने 282 सीटों के साथ ना सिर्फ जबरदस्त जीत हासिल की बल्कि दुनिया की सबसे पार्टी बनने की ओर अपने कदमों को भी तेजी से बढ़ाया. इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी इतिहास रचते हुए 303 सीटों पर जीत दर्ज की. देखा जाए तो बीजेएस की पहली जीती 3 सीटों और बीजेपी बनने के बाद जीत की पहली 2 सीटों के बाद 303 सीट पर कब्जा जमाने तक का सफर अपने आप सबकुछ बयां कर रहा है. 

HIGHLIGHTS

  • 21 अक्टूबर 1951 को श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने बीजेएस का गठन किया
  • 6 अप्रैल 1980 में भारतीय जनता पार्टी का आधिकारिक गठन हुआ
  • 1999 में बीजेपी ने पहली बनाई स्थायी सरकार
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