BJP Politics News: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ज्यादा से ज्यादा मुसलमानों को पार्टी से जोड़ना चाहती है. इसके लिए बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा को बड़ा टारगेट दिया गया है, जिसके तहत 50 लाख मुसलमानों को पार्टी से जोड़ा जाना है. बीजेपी ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए ऐसी खास रणनीति बनाई है कि विपक्षी खेमों में खलबली मच गई है, क्योंकि विपक्ष मुसलमानों को अपने मजबूत वोटबैंक के रूप में देखता है. सवाल ये है कि आखिर बीजेपी की ओर से ऐसा किए जाने का क्या मकसद है?
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2 सितंबर से शुरू होगा अभियान
बीजेपी 2 सितंबर से सदस्यता अभियान शुरू करने जा रही है. ये मेंबरशिप कैंपन 10 नवंबर तक चलेगा. इसी के तहत बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा को 50 लाख मुसलमानों को पार्टी से जोड़ने का भारी भरकम टारगेट दिया गया है, जिसमें 22 लाख मुस्लिम महिलाओं को जोड़ने का लक्ष्य तय किया गया है. इस अभियान की शुरुआत 2 सितंबर को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे.
पीएम मोदी पार्टी की पहली सदस्यता लेंगे. बीजेपी का ये सदस्यता अभियान पूरे देश में चलाया जाएगा. पार्टी ने 10 करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है. विनोद तावड़े के मुताबिक अभियान का पहला चरण 2 सितंबर से 25 सितंबर तक चलेगा. वहीं दूसरा चरण इसके एक सप्ताह बाद शुरू होगा. यह 10 नवंबर तक चलेगा.
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BJP ने बनाई क्या रणनीति
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इसके लिए बीजेपी मदरसों और दरगाहों में भी सदस्यता अभियान चलाएगी.
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14 हजार सूफी वार्ता टीमें इस लक्ष्य को पूरी तरह से हासिल करने में जुटेंगीं.
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बीजेपी के मुस्लिम कार्यकर्ता सूफी समुदाय के लोगों से भी मुलाकात करेंगे.
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अधिक से अधिक मुस्लिम महिलाओं को सदस्यता दिलवाने पर होगा जोर.
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बीजेपी के हर एक मुस्लिम सदस्य को 100 नए मुस्लिम मैंबर बनाने होंगे.
BJP हासिल कर पाएगी ये लक्ष्य?
क्या 50 लाख मुस्लिमों को बीजेपी से जोड़ने का लक्ष्य पूरा हो पाएगा? बीजेपी का रूख हिंदुत्व एजेंडे की ओर अधिक झुका हुआ लगता है. मुस्लिम समाज के कुछ लोगों का मानना है कि जिस तरह से बीजेपी के कुछ नेता बयानबाजी करते हैं, उससे मुसलमानों में भय का माहौल पैदा होता है. उनका ये भी कहना है कि बीजेपी करनी और कथनी में अंतर दिखती है. वे बीजेपी पर मुसलमानों को लेकर दोहरा रूख अपनाने की बात कहते हैं. ऐसे में बीजेपी इस लक्ष्य को हासिल कर पाती है या नहीं 10 नवंबर के बाद पूरी स्थिति क्लेयर हो ही जाएगी.
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बीजेपी का क्या मकसद?
बीजेपी को 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में देशभर में बड़ी संख्या में मुसलमानों ने वोट दिया था. इनमें खास मुस्लिम महिलाएं शामिल थीं. हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव में ऐसा होता नहीं दिखा. यूपी और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में मुस्लिम वोटर्स बीजेपी से छिटकते नजर आए. बीजेपी की कोशिश है कि फिर से मुसलमानों को पार्टी की ओर लाया जाए. बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव और सदस्यता अभियान के प्रमुख विनोद तावड़े ने लोगों से बड़े पैमाने पर पार्टी के साथ जुड़ने की अपील की.
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