कांग्रेस (Congress) द्वारा 'लिंगायत विरोधी' पार्टी बताने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 'लिंगायत सीएम' अभियान शुरू कर इस नैरेटिव का मुकाबला करने की योजना बनाई है. जगदीश शेट्टार (Jagadish Shettar), लक्ष्मण सावदी और अयनुर मंजूनाथ और अन्य लिंगायत नेताओं के कांग्रेस और जद (एस) में शामिल होने के बाद बचाव की मुद्रा में भाजपा इस तरह कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Elections 2023) में डैमेज कंट्रोल कर रही है. इसके लिए बीजेपी अपने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) और लिंगायत नेता पर हद दर्जे तक निर्भर है. गौरतलब है कि बीजेपी ने लिंगायत (Lingayat) समुदाय से 67 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. पार्टी के चुनाव प्रबंधकों का कहना है कि ध्यान इस संदेश को प्रभावी ढंग से देने पर है कि पार्टी ने इस समुदाय के लिए कैसे ठोस और जमीनी स्तर पर काम किया है. बीजेपी का 'लिंगायत सीएम' अभियान लिंगायत विधायकों को 'पार्टी में मिले अपमान 'पर गलत धारणाओं को दूर करने के लिंगायत मठों में शीर्ष नेताओं के माथा टेकने के अलावा है.
कैंपेन पर बीजेपी आलाकमान को लेना है अंतिम निर्णय
लिंगायत विधायक और अरविंद बेलाड ने कहा, 'किसी भी नुकसान को कम करने के लिए हमने सुझाव दिया कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व यह घोषणा करे कि अगर पार्टी सरकार में वापसी करती है, तो वह लिंगायत को सीएम के रूप में चुनेगी.' हालांकि प्रदेश नेतृत्व प्रचार अभियान चलाने के लिए आलाकमान की मंजूरी का इंतजार कर रहा है. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा, 'बीजेपी द्वारा सीएम पद के लिए लिंगायत उम्मीदवार की घोषणा करने पर अभी तक कोई फैसला नहीं किया गया है.' केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लिंगायत सीएम कैंपेन पर अंतिम फैसला लेने से पहले राज्य के नेताओं के साथ बैठक कर चर्चा करेंगे.
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बीजेपी के लिए संतुलन साधने की जद्दोजेहद
राज्य में कुछ गैर-लिंगायत नेताओं का मानना है कि बीजेपी को हर समुदाय को महत्व देते हुए संतुलन साधने की कला दिखानी है. कुछ नेताओं का मानना है कि लिंगायत समुदाय पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के उलटे परिणाम भी सामने आ सकते हैं. इससे अन्य समुदाय विशेष रूप से वोक्कालिगा पार्टी का समर्थन नहीं कर सकते हैं. यह ओल्ड मैसूर क्षेत्र में भगवा पार्टी की चुनावी संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है जहां वोक्कालिगा समुदाय का वर्चस्व है. वोक्कालिगा समुदाय के एक वरिष्ठ भाजपा पदाधिकारी ने कहा, 'यह बेहतर है कि हम सामूहिक नेतृत्व में ही कर्नाटक विधानसभा चुनाव लड़ें.' हालांकि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने विगत दिनों बीएस येदियुरप्पा के आवास पर मुलाकात कर कांग्रेस के बयान पर विचार-विमर्श किया. इस बैठक में भाजपा के कर्नाटक चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद थे. बसवराज बोम्मई के मुताबिक बैठक में लिंगायत सीएम चेहरे पर कुछ सुझाव दिए गए. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कांग्रेस के आरोपों के जवाब में अभियान चलाने से पहले वह हमारी भावनाओं को आलाकमान तक पहुंचा देंगे.
नड्डा का लिंगयात सीएम का आश्वासन भी है कारगर
1967 के बाद से कांग्रेस ने वीरेंद्र पाटिल के नौ महीने के कार्यकाल को छोड़कर किसी लिंगायत को मुख्यमंत्री नहीं बनाया है. 1989 के चुनावों में कांग्रेस को बहुमत दिलाने के बावजूद पाटिल के साथ भी खराब व्यवहार किया गया. गौरतलब है कि राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लिंगायत समुदाय राज्य की आबादी में लगभग 17 फीसद हैं. लिंगायत ज्यादातर राज्य के उत्तरी भागों में केंद्रित है. बीजेपी नेता तर्क दे रहे हैं कि कर्नाटक के लोग यह नहीं भूलेंगे कि कैसे कांग्रेस ने पांच साल पहले महज एक नया वोट बैंक बनाने के लिए अलग धार्मिक स्थिति की मांग करके समुदाय को तोड़ने की कोशिश की थी. ऐसे में कांग्रेस को बेनकाब करने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पिछले दिनों राज्य के दौरे के दौरान भी पार्टी के दिग्गज नेताओं को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में सक्रिय रहने और लोगों विशेषकर लिंगायत समुदाय के साथ बातचीत करने के लिए कहा है. नड्डा ने यह भी घोषणा की थी कि अगर भाजपा बहुमत हासिल करती है, तो बोम्मई ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे. बेलगावी में राज्य प्रभारी अरुण सिंह से जब पूछा गया कि बीजेपी का सीएम चेहरा कौन है, तो उन्होंने इस सवाल को टालने की कोशिश की. उन्होंने अंततः कहा, 'पार्टी बसवराज बोम्मई और बीएस येदियुरप्पा की उपलब्धियों की योजना पर चुनावी समर में जा रही है. बोम्मई आम लोगों के मुख्यमंत्री हैं और वह हमारी प्रचार समिति के अध्यक्ष भी हैं.'
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20 जगहों पर प्रचार करेंगे पीएम मोदी
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे कर्नाटक में लगभग 20 स्थानों पर प्रचार करेंगे. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जा रहा है. ज्यादातर जगहों पर वह रैलियों को संबोधित करेंगे, तो कुछ जगहों पर रोड शो भी करेंगे. यहां यह भी कतई नहीं भूलना चाहिए कि पीएम मोदी जनवरी से अब तक आठ बार चुनावी राज्य कर्नाटक का दौरा कर चुके हैं . सोमवार 24 अप्रैल को नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि के बाद वह बार फिर से राज्य के दौरे पर रहेंगे. सत्ता विरोधी लहर से जूझ रही बीजेपी चुनावी नतीजों को अपने पक्ष में करने के लिए पीएम मोदी पर भारी तौर पर निर्भर है. वह यह सुनिश्चित करने का इच्छुक है कि पीएम मोदी सभी या अधिकांश जिलों का दौरा करे. इस बीच अमित शाह और अन्य केंद्रीय नेताओं के अलाना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भी धड़ाधड़ दौरों की रूपरेखा तैयार की जा चुकी है.
HIGHLIGHTS
- राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लिंगायत समुदाय राज्य की आबादी में लगभग 17 फीसद
- टिकट कटने से नाराज लिंगायत नेताओं के बीजेपी छोड़ने से कांग्रेस लगी रही तीखे आरोप
- इसकी काट के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की रैलियों के अलावा लिंगायत सीएम कैंपेन का सहारा
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