C-295 Aircraft Facility: देश को सैन्य मोर्चे पर आत्मनिर्भर बनाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्लानिंग ने कमाल कर दिया. अब भारत में ही C-295 विमान भारत में ही बनेंगे. इस जहाज को ‘बाहुबली’ कहना गलत नहीं होगा, क्योंकि इसके विशालकाय आकार को देखकर ही दुश्मनों की घिग्घी बंध जाएगी. पीएम मोदी और स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज सोमवार को गुजरात के वडोदरा दौरे के दौरान सी-295 विमान के निर्माण के लिए टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का संयुक्त रूप से उद्घाटन करेंगे. आइए जानते हैं कि युद्ध के समय सैन्य ऑपरेशन में ये विमान किस तरह से देश के लिए अहम साबित होंगे.
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सैन्य बड़े में शामिल होंगे 56 विमान
C-295 एयरक्राफ्ट फैसिलिटी देश में सैन्य विमानों के लिए प्राइवेट सेक्टर की पहली अंतिम अंसेबली लाइन होगी. भारत के लिए इस असेंबली लाइन की अहम काफी अधिक होगी, क्योंकि इसमें विमान के निर्माण से लेकर उनके परीक्षण, डिलीवरी और एयरक्राफ्ट मेंटनेंस जैसे सभी काम किए जाएंगे. मिली सूचना के अनुसार, C-295 प्रोगाम के तहत कुल 56 विमान सैन्य बेड़े का हिस्सा बनेंगे, जिनमें से 16 स्पेन से एयरबस की ओर से सीधे डिलीवर किए जाएंगे, जबकि अन्य 40 विमान भारत में ही बनेंगे.
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यहां किया जाएगा विमानों का निर्माण
विमानों का निर्माण टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) कैंपस में किया जाएगा. टाटा के अलावा, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड जैसे अग्रणी रक्षा पब्लिक सेक्टर की कंपनी के साथ ही निजी एमएसएमई कंपनी भी इस प्रोग्राम में योगदान देंगी. बता दें कि C-295 विमानों के सैन्य बेड़े में शामिल होने से भारत की सैन्य ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा. दुश्मन की ओर आंख उठाने से पहले सौ बार सोचेगा. अब आइए इस विमान की खासियत जानते हैं
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C-295 विमान की खासियतें
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ये एक ट्रासपोर्ट एयरक्राफ्ट है, जो 480 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 11 घंटे तक हवा में उड़ सकता है.
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एक किलोमीटर से भी छोटे रन में से उड़ान भर सकता है, जबकि लैंडिंग के लिए तो इसे सिर्फ और सिर्फ 420 मीटर का रनवे ही चाहिए.
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ये विमान भारत-चीन सीमा के नजदीक लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाकों में ऑपरेशन में शामिल हो सकता है. एयरक्राफ्ट अपने साथ 5 से 10 तन तक वजन भी ले जा सकता है.
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