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Explainer: क्या है जीका वायरस, डेंगू के आंतक के बीच बढ़ा खतरा, जानें- कितनी अलग है ये बीमारी

डेंगू के खतरे के बीच देश में जीका वायरस के मामले सामने आने लगे हैं. इसके नए मामले महाराष्ट्र के पुणे से सामने आए हैं. जीका वायरस डेंगू की तरह ही मच्छर से फैलने वाली बीमारी है. ये बीमारी कितनी खतरनाक है? जानिए.

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Ajay Bhartia
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Zika Virus  1

जीका वायरस( Photo Credit : Social Media)

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Zika virus Cases: मॉनसून ने देश के कई राज्यों में दस्तक दे दी है. आने वाले दिनों में कई इलाकों में बारिश पड़ने की संभावना है. बारिश के दिनों में मच्छर खूब पनपते हैं. मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारियां लोगों में देखी जाती हैं. इनमें सबसे ज्यादा डेंगू के मामले होते हैं. देश में डेंगू के आतंक के बीच जीका वायरस का खतरा बढ़ गया है. इसके नए मामले महाराष्ट्र के पुणे से सामने आए हैं. पुणे में डॉक्टर और उसकी बेटी जीका वायरस से संक्रमित हुए हैं. दोनों का अभी अस्पताल में इलाज चल रहा है. सवाल उठता है कि ये जीका वायरस क्या है, ये बीमारी कितनी खतरनाक है, इसके क्या लक्षण हैं और ये डेंगू से कैसे अलग है.

जीका वायरस क्या है? (What is Zika Virus)

जीका एक प्रकार का आरएनए वायरस है, जो एडीज एजिप्टी मच्छर काटने से फैलता है. ये मच्छर डेंगू और चिकनगुनिया जैसे संक्रमण फैलाने के लिए जाना जाता है. इसे फैलने से रोकने के लिए मच्छरों के पनपने से रोकने पर ज्यादा जोर दिया जाता है. यह संक्रमित रोग है यानी यह एक मरीज से दूसरे मरीज में फैल सकता है. जीका वायरस संक्रमित मरीज का खून चढ़ाने से भी ये वायरस फैल सकता है. दिन में काटने वाले मच्छरों से फैलने वाली ये बीमारी जानलेवा भी नहीं है, क्योंकि डॉक्टरों का दावा है कि आधे से ज्यादा लोगों को बिमारी होने का पता भी नहीं चल पाता है.

गर्भवती महिला के लिए है घातक

हालांकि गर्भवती महिलाओं को जीका वायरस से बहुत खतरा है. यह उसके बच्चे के लिए घातक साबित हो सकता है. गर्भवती महिलाओं में जीका संक्रमण भ्रूण में माइक्रोसेफली (Microcephaly) का कारण बन सकता है. गर्भवती मां से नाल के जरिए उसके बच्चे में भी जा सकता है. कुछ साल पहले तक भारत में जीका वायरस के इक्का-दुक्का मरीज हुआ करते थे, लेकिन अब मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है. जीका वायरस के सबसे पहले मरीज की पहचान 1947 में हुई थी. अफ्रीकी देश युगांडा में इस पहला केस मिला था. युगांडा में जीका जंगल से इस वायरस फैलने का दावा.

जीका वायरस के लक्षण (Zika Virus Symptoms)

जीका वायरस से पीड़ित मरीजों को भी डेंगू जैसा ही बुखार आता है. त्वचा पर रैश, चकत्ते और आंखों में लालिमा हो जाती है. मरीज के जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होता है. मरीज को सिर दर्द भी रहता है. कई बार आंखों में कंजंक्टिवाइटिस होता है. 80 फीसदी मरीजों में खास लक्षण नहीं दिखते हैं. गर्भवती महिलाओं में लक्षण की पहचान कर पाना बहुत मुश्किल है. इसके लक्षण 5 में से एक ही मरीज में दिखते हैं. कई लक्षण डेंगू और चिकगुनिया जैसे हैं. इस बीमारी का अबतक कोई इलाज नहीं है. मच्छरों से बचाव ही इससे बचने का रास्ता है. 

डेंगू से कितना अलग जीका वायरस

डेंगू और जीका दोनों ही वायरस जनित बीमारियां हैं और मच्छरों के काटने से ही होती है. हालांकि इसके केस डेंगू की तुलना में कम आते हैं. आपको इन दोनों बीमारियों के लक्षणों का अंतर पता होना चाहिए. डेंगू एक से दूसरे व्यक्ति में नहीं जाता है, जबकि जीका वायरस बिमारी संक्रामक है. मतलब ये कि यह बीमारी एक मरीज से दूसरे मरीज में फैलती है. जीका वायरस का संक्रमण किसी को भी हो सकता है. अगर कोई शख्स संक्रमित मरीज के संपर्क में आता है, तो वह जीका वायरस से संक्रमित हो सकता है.

डेंगू बुखार के लक्षण (Dengue Symptoms)

डेंगू से संक्रमित मरीज को तेज बुखार आता है. उसके शरीर या जोड़ों में तेज दर्ज होता है. साथ ही सिर दर्द और पेट दर्ज भी हो सकता है. मरीज को अत्यधिक थकान और उल्टी आना हो सकता है. साथ ही मरीज की प्लेटलेट्स की संख्या में बहुत तेजी से गिरावट आती है. 

कैसे करें बचाव (Zika Virus Prevention)

जीका वायरस और डेंगू दोनों ही मच्छरों से फैलने वाली बीमारियां हैं. ऐसे में दोनों बीमारियां से बचाव का एक ही उपाय है- मच्छरों को पनपनों से रोकना. इसके लिए अपने घर के आसपास या घर में किसी जगह पानी जमा न होने दें. मच्छर काटे नहीं इसके लिए पूरी बाजू के कपड़े पहनें. अगर किसी में जीका के लक्षण दिख रहे हैं, तो उस मरीज के संपर्क में आने से बचें, क्योंकि यह संक्रामक बिमारी है. बुखार के साथ सिरदर्द या मांसपेशियों में दर्द है तो तुरंत अस्पताल जाएं.

Source : News Nation Bureau

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