ओमीक्रॉन (Omicron) वेरिएंट के सामने आने के बाद कोरोना संक्रमण (Corona Epidemic) के मामलों में कुछ कमी देखने में आ रही है. हाल-फिलहाल गले में खराश, बुखार, कफ, सिरदर्द, बहती या बंद नाक जैसे बेहद आम लक्षण ही उभर रहे हैं, जो किसी शख्स के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा नहीं हैं. हालांकि, गंभीर कोरोना संक्रमण और उससे जुड़ी जटिलताओं की आशंकाओं वाले लोगों को अभी भी आवश्यक सावधानी बरतने की महती जरूरत है. इनमें 60 की वय से ऊपर, कम प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) समेत पहले से ही स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे लोगों को कहीं ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है. हालांकि एक सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर गभीर कोरोना संक्रमण है क्या? चलिए जानते हैं...
क्या है गंभीर कोरोना संक्रमण
जब कोई शख्स संक्रमण का शिकार हो कोविड-19 की वजह से गंभीर रूप से बीमार पड़ जाए, तो उसे गंभीर कोरोना संक्रमण कहते हैं. इसका मतलब यह होता है कि वह शख्स श्वसन प्रक्रिया को लेकर गंभीर संकट से गुजर रहा है, जिसकी वजह से उसे अस्पताल में भर्ती कराए जाने की नौबत आ सकती है. कई मामलों में उसकी मौत हो जाने की भी आशंका रहती है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के दिशा-निर्देशों के तहत गंभीर कोरोना संक्रमण के लक्षणों में शामिल हैं, SpO2 94 फीसदी से कम, PaO2-FiO2 300 मिमी से कम, श्वसन दर प्रति मिनट 30 से ज्यादा और फेफड़ों का संक्रमण 50 फीसदी से ज्यादा की दर.
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त्वचा की रंगत में आए इस बदलाव पर रखें नजर
गंभीर कोरोना संक्रमण के कई लक्षण होते हैं, लेकिन सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक गंभीर कोविड-19 इंफेक्शन में त्वचा की रंगत में नीला शेड दिखने लगता है. हो सकता है कि संक्रमण के शिकार शख्स को त्वचा का यही रंग पीलापन लिए हुए या धूसर सा लगे. इसके साथ ही नाखूनों की रंगत में भी बदलाव आ जाता है.
त्वचा की रंगत में यह बदलाव क्यों आता है
त्वचा की रंगत में नीलापन अक्सर खून में ऑक्सीजन की कमी को दर्शाता है, जिसे मेडिकल भाषा में सायनोसिस कहते हैं. यूनाइटेड स्टेट्स नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के एक अंग मेडलाइनप्लस के मुताबिक, 'लाल रक्त कोशिकाएं शरीर के ऊतकों को ऑक्सीजन की आपूर्ति करती है. अधिकांश समय धमनियों में मौजूद सभी लाल रक्त कोशिकाएं ऑक्सीजन की पूरी आपूर्ति अपने साथ लेकर चलती हैं. ये लाल रक्त कोशिकाएं चटख लाल रंग की होती हैं और उनकी वजह से त्वचा की रंगत गुलाबी या लालिमा लिए हुए लगती है. ऐसे में ऑक्सीजन की कमी झेल रहे खून की रंगत गाढ़े नीलिमा लिए लाल सी हो जाती है. ऐसे में खून में ऑक्सीजन की कमी वाले शख्स की त्वचा की रंगत नीले शेड का अहसास होता है. इस स्थिति को सायनोसिस कहते हैं.' मेडलाइनप्लस ने यह निष्कर्ष भी निकाला कि कारण कुछ भी हो सायनोसिस अचानक विकसित हो सकती है. यह अपने साथ सांस लेने में दिक्कत और अन्य लक्षण लेकर आती है.
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कितनी गंभीर स्थिति है सायनोसिस की
सायनोसिस मे जीभ और ओठों पर नीले रंग का डिस्कलरेशन दिखाई पड़ता है, जो केंद्रीय धमनियों के खून में ऑक्सीजन की कमी दर्शाता है. मेडिसिनप्लस के मुताबिक, 'लंबे समय से दिल या फेफड़ों की बीमारी से होने वाला सायनोसिस धीरे-धीरे विकसित होता है. इसके लक्षण हालांकि विद्यमान रहते हैं, लेकिन यह घातक स्थिति नहीं होती.' यह अलग बात है कि सांस लेने में दिक्कत जैसी गंभीर समस्याओं के साथ सायनोसिस सामने आए, तो बगैर देर किए मेडिकल सहायता लेनी चाहिए.
तुरंत लें डॉक्टर की मदद
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक त्वचा की रंगत में नीलेपन का अहसास होते ही तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिए. खासकर जब त्वचा को रगड़ने या गर्म करने के बावजूद उसकी मूल रंगत वापस नहीं आए. ऐसे में चिकित्सकीय सहायता से ही पता चल सकेगा कि आखिर ऐसा किस वजह से हुआ. यही नहीं, अगर त्वचा की रंगत में बदलाव सांस लेने में कठिनाइ के साथ आए मसलन हांफते हुए सांस लेना, सीने में दर्द, लगातार पसीना निकलना जैसे लक्षण भी हों तो चिकित्सकीय सहायता लेने में एक पल भी बर्बाद नहीं करना चाहिए.
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इन सामान्य लक्षणों का भी रखें खास ध्यान
कोरोना संक्रमण के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं...
- गले में खराश
- बुखार
- थकान
- कफ
- शरीर में ऐंठन और दर्द
- नाक बहना या बंद हो जाना
- जोड़ों में दर्द
- पेट और आंत से जुड़ी समस्याएं
HIGHLIGHTS
- गंभीर कोविड-19 इंफेक्शन में त्वचा की रंगत में नीला शेड दिखने लगता है
- त्वचा की रंगत में नीलापन अक्सर खून में ऑक्सीजन की कमी को दर्शाता है
- सांस लेने में दिक्कत वाली सायनोसिस में बगैर देर किए मेडिकल सहायता लें
Source : News Nation Bureau