जस्टिस यूयू ललित देश के मुख्य न्यायाधीश हैं. 27 अगस्त को जस्टिस ललित ने भारत के 49वें चीफ जस्टिस की शपथ ली. राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद की शपथ दिलाई. शपथग्रहण समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राजनीति और न्यायिक क्षेत्र की तमाम शख्सियत उपस्थित रहे. इस अवसर पर पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रमण भी मौजूद थे. जुलाई 2014 में भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मल लोढ़ा की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने यूयू ललित को न्यायाधीश के रूप में सर्वोच्च न्यायालय में उनकी पदोन्नति की सिफारिश की. उन्हें 13 अगस्त 2014 को न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था.
न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित भारत की सर्वोच्च न्यायालय के ऐसे जज हैं जो किसी हाई कोर्ट के जज नहीं रहे बल्कि सीधे सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए थे. वह देश के छठे ऐसे मुख्य न्यायाधीश होंगे, जिनका कार्यकाल 100 दिन से कम होगा. न्यायमूर्ति ललित का कार्यकाल 74 दिन का होगा और वह आठ नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु होने पर सेवानिवृत्त होते हैं.
महाराष्ट्र के सोलापुर से है नाता
जस्टिस उदय उमेश ललित का जन्म 9 नवंबर 1957 को महाराष्ट्र के सोलापुर में हुआ था. उनके पिता यू.आर. ललित बंबई उच्च न्यायालय नागपुर खंडपीठ के एक पूर्व अतिरिक्त न्यायाधीश और भारत के सर्वोच्च न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाले एक वरिष्ठ वकील थे. उनके दादा, रंगनाथ ललित भी एक वकील थे, जिन्होंने महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू के सोलापुर के दौरे पर दो अलग-अलग नागरिक समारोहों की अध्यक्षता की थी.
यूयू ललित ने जून 1983 में बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र और गोवा में एक वकील के रूप में नामांकन कराया. उन्होंने अधिवक्ता एम.ए. राणे के साथ अपना प्रैक्टिस शुरू किया. उन्होंने 1985 में अपनी प्रैक्टिस दिल्ली में स्थानांतरित कर दी और वरिष्ठ अधिवक्ता प्रवीण एच. पारेख के साथ शामिल हो गए. 1986 से 1992 तक, ललित ने भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल, सोली सोराबजी के साथ काम किया. 3 मई 1992 को, ललित ने सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड के रूप में पंजीकृत हुए. 29 अप्रैल 2004 को ललित को सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था.
कानून एवं न्यायिक प्रक्रिया से जुड़ी हैं चार पीढ़ियां
जस्टिस यूयू ललित की चार पीढ़ियां न्यायिक प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है. जस्टिस ललित के दादा रंगनाथ ललित आजादी से पहले सोलापुर में एक वकील थे. जस्टिस यूयू ललित के 90 वर्षीय पिता उमेश रंगनाथ ललित भी एक पेशेवर वकील रह चुके हैं. बाद में उन्होंने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य किया. इसके अलावा जस्टिस ललित के दो बेटे हर्षद और श्रेयश, जिन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. हालांकि, बाद में श्रेयश ललित ने भी कानून की ओर रुख किया. उनकी पत्नी रवीना भी वकील हैं.
भारत के मुख्य न्यायाधीश जिनका कार्यकाल 3 महीने से कम था
- सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर सेवानिवृत्त होते हैं जबकि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं. जस्टिस उदय उमेश ललित, जिन्होंने शनिवार को भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली, 8 नवंबर को 74 दिनों के कार्यकाल के साथ पद छोड़ देंगे.
- न्यायमूर्ति कमल नारायण सिंह, जो 25 नवंबर, 1991 और 12 दिसंबर, 1991 के बीच CJI थे, का कार्यकाल 18 दिनों का था.
- न्यायमूर्ति एस राजेंद्र बाबू का 2 मई 2004 से 31 मई 2004 के बीच भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में 30 दिनों का कार्यकाल था.
- जस्टिस जे सी शाह का कार्यकाल 36 दिनों का था जब वह 17 दिसंबर, 1970 और 21 जनवरी, 1971 के बीच CJI थे.
- न्यायमूर्ति जी बी पटनायक का भारतीय न्यायपालिका के प्रमुख के रूप में 41 दिनों का कार्यकाल था, जब उन्होंने 8 नवंबर, 2002 से 18 दिसंबर, 2002 तक सीजेआई का पद संभाला था.
- न्यायमूर्ति एल एम शर्मा का सीजेआई के रूप में 86 दिनों का कार्यकाल था, जब वह 18 नवंबर, 1992 और 11 फरवरी, 1993 के बीच पद पर थे.
HIGHLIGHTS
- जस्टिस उदय उमेश ललित का जन्म 9 नवंबर 1957 को महाराष्ट्र के सोलापुर में हुआ था
- 3 मई 1992 को, ललित सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड के रूप में पंजीकृत
- 29 अप्रैल 2004 को यूयू ललित सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित