समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की दलीलों का विरोध करते हुए अपने हलफनामे में केंद्र ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया कि भारतीय संवैधानिक और विधायी शासन में विवाह की समझ केवल स्त्री-पुरुष के विवाह (Marriage) को संदर्भित करती है. इसमें कोई भी हस्तक्षेप देश में विधायी कानूनों के नाजुक संतुलन और स्वीकृत सामाजिक मूल्यों का पूर्ण विनाश का कारण होगा. अदालत से इस मुद्दे को संसद पर छोड़ने का आग्रह करते हुए केंद्र ने कहा कि कोई भी मान्यता प्राप्त बदलाव सक्षम विधायिका के जरिये ही हो सकता है. केंद्र ने यह भी कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के डिक्रिमिनलाइज़ेशन के बावजूद याचिकाकर्ता देश के कानूनों के तहत समलैंगिक विवाह के लिए मौलिक अधिकार का दावा नहीं कर सकते हैं. हालांकि अमेरिका के ह्यूमन राइट्स कैंपेन एलजीबीटीक्यू के मुताबिक दुनिया के 32 देशों में से जो समलैंगिक विवाह को मान्यता देते हैं, उनमें कम से कम 10 देशों ने अदालती फैसलों द्वारा समान सेक्स विवाह को मान्यता दी है, जबकि शेष 22 देशों ने कानून के माध्यम से इसकी अनुमति दी है.
न्यायालय के फैसलों के माध्यम से समलैंगिक विवाह की अनुमति देने वाले देश
अमेरिका: 26 जून 2015 को यूएस सुप्रीम कोर्ट ने 'ओबेर्गेफेल बनाम होजेस' मामले में 5:4 के अनुपात में फैसले देकर विवाह समानता को देश का कानून बनने की अनुमति दी और सभी 50 राज्यों में समलैंगिक जोड़ों को कानून के तहत समान मान्यता देकर पूर्ण अधिकार दे दिया. तर्क दिया गया कि विवाह को केवल विषमलैंगिक जोड़ों तक सीमित करना कानून के तहत समान सुरक्षा की 14वें संशोधन की गारंटी का उल्लंघन करता है. हालांकि 32 राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले ही समलैंगिक विवाह को मान्यता दे दी थी. 2003 में मैसाचुसेट्स संयुक्त राज्य अमेरिका में 'गुड्रिज बनाम सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग' के एक फैसले के बाद समलैंगिक विवाह को वैध बनाने वाला पहला राज्य बन गया.
ताइवान: 2019 में ताइवान समलैंगिक विवाह को मान्यता देने वाला पहला एशियाई देश बना. हालांकि अदालत के फैसले के बाद संसद में कानून पेश किया गया था. 17 मई 2019 को ताइवान की संसद ने समलैंगिक विवाह को वैध बनाने वाला एक विधेयक पारित किया, जिससे वह ऐसा करने वाला पहला एशियाई देश बन गया. ताइवान के विधायी युआन या संसद में वोट संवैधानिक न्यायालय के 2017 के फैसले के बाद आया, जिसमें एक पुरुष और एक महिला के बीच 'विवाह' की पारंपरिक परिभाषा को खारिज कर दिया गया था. अपने फैसले में अदालत ने देश के विवाह कानूनों को बदलने के लिए विधायिका को करीब दो साल का समय दिया.
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कोस्टारिका: 26 मई 2020 को कोस्टारिका मध्य अमेरिका का पहला देश बन गया, जिसने 2018 में देश की शीर्ष अदालत के एक फैसले के बाद समलैंगिक विवाह को वैध बनाने के लिए समान लिंग विवाह पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून को असंवैधानिक घोषित किया. एक चेतावनी यह भी जोड़ी गई थी कि विधायिका द्वारा कार्रवाई किए जाने तक प्रतिबंध को 18 महीनों में रद्द कर दिया जाएगा. हालांकि ऐसा नहीं हुआ, जिसके कारण अदालत के फैसले को महत्व दिया गया.
दक्षिण अफ़्रीका: दक्षिण अफ़्रीका की सर्वोच्च अदालत के इस फ़ैसले के एक साल बाद कि विवाह कानूनों ने समान अधिकारों की संविधान की गारंटी का उल्लंघन किया है, दक्षिण अफ़्रीकी संसद ने 30 नवंबर 2006 को समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दे दी. हालांकि भारी आलोचना के बीच नया कानून धार्मिक संस्थानों और अधिकारियों को आज़ादी देता था कि वे चाहे तो समलैंगिक विवाह कराने से खुद को दूर रख सकती है.
ऑस्ट्रिया: ऑस्ट्रिया के संवैधानिक न्यायालय ने 2017 में विवाह समानता से इनकार को भेदभावपूर्ण मान कानूनी रूप से समलैंगिक विवाह को मान्यता दे दी. 1 जनवरी 2019 से समलैंगिक विवाह की अनुमति मिल गई थी.
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कानून के माध्यम से समलैंगिक विवाह की अनुमति देने वाले देश
ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड, स्विट्जरलैंड: 2017 में एक राष्ट्रव्यापी जनमत संग्रह के बाद ऑस्ट्रेलिया की संसद ने समलैंगिक विवाह को मान्यता देने वाला कानून पारित किया. जनमत संग्रह ने भारी समर्थन दिखाया. 62 से 38 फीसदी लोग समलैंगिक विवाह कानून के पक्ष में थे. आयरलैंड और स्विट्ज़रलैंड में भी बहुमत के एक लोकप्रिय वोट ने एलजीबीटीक्यू विवाहों को औपचारिक मान्यता प्रदान की.
अर्जेंटीना: 15 जुलाई 2010 को अर्जेंटीना देश भर में समलैंगिक विवाह की अनुमति देने वाला पहला लातिन अमेरिकी देश और दुनिया का 10वां देश बन गया. एक राष्ट्रीय कानून पारित होने से पहले ही कई शहरों और स्थानीय इकाइयों ने समलैंगिक जोड़ों के विवाह की अनुमति दे दी थी.
कनाडा: कनाडा में समान-सेक्स जोड़ों ने 1999 से विवाह के कानूनी लाभों का लाभ लेना शुरू कर दिया है, जब संघीय और प्रांतीय सरकारों ने एलजीबीटीक्यू जोड़ों के लिए सामान्य कानून के तहत विवाह का विस्तार किया. इसके बाद इस विषय पर कानून की एक श्रृंखला 2003 में शुरू हुई, जिसने कनाडा के 13 प्रांतों और क्षेत्रों में से नौ में समलैंगिक विवाह को कानूनी बना दिया. इसे औपचारिक रूप से 20 जुलाई 2005 को कनाडा की संसद द्वारा मान्यता दी गई, जिसने इस आशय का राष्ट्रव्यापी कानून पारित किया.
जर्मनी: 30 जून 2017 को जर्मनी समलैंगिक जोड़ों को विवाह करने की अनुमति देने वाला कानून लाने वाला 15वां यूरोपीय देश बन गया. चांसलर एंजेला मर्केल ने अपने सत्तारूढ़ क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन के सदस्यों को अपने विवेक के अनुसार मतदान करने की अनुमति देने के बाद देश के बुंडेस्टाग में 393 से 226 वोट दिए, जिसके कारण मर्केल के रूढ़िवादी ब्लॉक के 70 से अधिक सदस्यों ने विधेयक को पारित करने के लिए मतदान किया.
HIGHLIGHTS
- दुनिया के 32 देश समलैंगिक विवाह को मान्यता देते हैं
- 10 देशों ने अदालती फैसलों पर ऐसे विवाह को मान्यता दी