केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के 3,823 नए मामलों के सामने आने के बाद भारत (India) में कोविड-19 (COVID-19) मामलों में तेज वृद्धि देखी जा रही है. इन नए मामलों के साथ ही देश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 16,354 हो गई है, जबकि कोविड-19 संक्रमितों की कुल संख्या 4,47,18,781 तक पहुंच गई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) के 27 फरवरी से 26 मार्च 2023 के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार दक्षिण पूर्व एशिया (South East Asia) क्षेत्र में भारत ने कोविड-19 के नए मामलों की 'उच्चतम आनुपातिक वृद्धि' देखी है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार भारत में कोरोना संक्रमण मामलों में उछाल के लिएओमीक्रॉन का नया वेरिएंट XBB.1.16 जिम्मेदार है. वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट (VOI) के तहत XBB.1.5 और वेरिएंट अंडर मॉनीटरिंग (VUM) के तहत छह वेरिएंट पर बारीकी से नज़र रख रही है. सार्स कॉव-2 का सतत् विकास जारी है. कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से वेरिएंट ऑफ कंसर्न (VOC) और वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट को डब्ल्यूएचओ ने उनके प्रचार-प्रसार और प्रतिस्थापन की क्षमता के आधार पर नामित किया है. इसी के आधार पर कोरोना की नई लहर और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े कामों की रणनीति बनाई जाती है. डब्ल्यूएचओ सार्स-कॉव-2 वेरिएंट को VOC, VOI या VUM श्रेणियों के आधार पर वर्गीकृत करता है.
कोरोना के वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट (VOI)
विश्व स्वास्थ्य संगठन की नवीनतम परिभाषा के अनुसार VOI वास्तव में आनुवंशिक परिवर्तन वाले सार्स कॉव-2 वेरिएंट ही होते हैं. इन आनुवांशिक परिवर्तनों के आधार पर कोरोना वेरिएंट को लेकर अनुमान लगाया जाता है. मसलन ट्रांसमिसिबिलिटी, वायरलेंस, एंटीबॉडी पर प्रभाव, चिकित्सीय और इनकी पहचान के लिए संवेदनशीलता और वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए उभरते जोखिम का सुझाव देखा जाता है. फिर समय के साथ कोरोना मामलों की बढ़ती संख्या के साथ-साथ एक से अधिक डब्ल्यूएचओ क्षेत्र में बढ़ते प्रसार के साथ वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए उभरते जोखिम का आकलन किया जाता है.
वर्तमान वीओआई
- ओमीक्रॉन BQ.1 (BA.5 का वंशज)
- ओमीक्रॉन BA.2.75 (BA.2 का वंशज)
- ऑमीक्रॉन XBB (BA.2.10.1 / BA.2.75 का वंशज)
- ऑमीक्रॉन XBB.1.5 (BA.2.10.1 / BA.2.75 का नया वंशज)
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वेरिएंट ऑफ कंसर्न (VOC)
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार VOC सार्स कॉव-2 वेरिएंट होता है, जो VOI की परिभाषा पर खरा उतरता है. इसे यानी वीओसी को डब्ल्यूएचओ के TAG-VE द्वारा जोखिम मूल्यांकन के जरिये और एक मध्यम या उच्च स्तर के पुख्तापन से निर्धारित किया जाता है. इस श्रेणी के वेरिएंट को निम्न में कम से कम एक मानदंड से तुलनात्मक अध्ययन के बाद निरूपित किया जाता है. मसलन,
- नैदानिक रोग गंभीरता में हानिकारक परिवर्तन,या
- कोविड-19 महामारी विज्ञान में बदलाव से कोविड-19 या अन्य बीमारियों वाले रोगियों की देखभाल करती स्वास्थ्य प्रणालियों की क्षमता पर पर्याप्त प्रभाव पड़ता है और इसलिए प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है; या
- कोरोना संक्रमण की गंभीर बीमारी से बचाने में उपलब्ध टीकों की प्रभावशीलता में उल्लेखनीय कमी.
वेरिएंट अंडर मॉनीटरिंग (VUM)
सार्स-कॉव-2 के इन अतिरिक्त वेरिएंट्स को एपिडेमिक इंटेलिजेंस, नियम-आधारित जीनोमिक वेरिएंट स्क्रीनिंग या प्रारंभिक वैज्ञानिक साक्ष्य के माध्यम से संकेतों के रूप में पहचाना जाता है. कुछ संकेत होते हैं कि इनके वीओसी के समान गुण हो सकते हैं, लेकिन ये संकेत शुरुआती स्तर पर कमजोर रहते हैं.
वर्तमान वीयूएम
- ओमीक्रॉन BQ.1
- ओमीक्रॉन BA.2.75
- ओमीक्रॉन CH.1.1
- ओमीक्रॉन XBB
- ओमीक्रॉन XBF
- ओमीक्रॉन XBB.1.16. XBB.1.16 को 22 मार्च को इस सूची में जोड़ा गया था.
HIGHLIGHTS
- 3,823 नए मामले सामने आने के बाद भारत में कोविड-19 संक्रमण में तेज वृद्धि
- दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में कोविड-19 के नए मामलों की 'उच्चतम आनुपातिक वृद्धि'
- कोरोना वेरिएंट का VOC, VOI या VUM श्रेणियों के आधार पर वर्गीकरण