Cyclone Remal Name Meaning: बंगाल की खाड़ी में उठ रहे चक्रवाती तूफान (साइक्लोन) का नाम रेमल (Remal) रखा गया है. इस साइक्लोन के रविवार यानी आज रात बंगाल और ओडिशा के तटों से टकराने की आशंका जताई जा रही है. मौसम विभाग ने साइक्लोन के दौरान 135 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चलने की बात कही है. पूर्वात्तर भारत के कई राज्यों में तेज हवाओं के साथ बारिश होने का भी अनुमान है. साइक्लोन आने को लेकर सरकार अलर्ट पर है. सुरक्षा बलों और एनडीआरएफ ने भी कमर कस ली है. ऐसे में आइए जानते हैं 'रेमल' के नाम का मतलब, कौन करता है तूफानों का नामकरण और क्या हैं इससे जुड़े नियम?
‘रेमल’ का मतलब क्या?
बंगाल और ओडिशा में आने वाले साइक्लोन को 'रेमल' (Cyclone Remal) नाम दिया गया है. यह नाम ओमान देश ने रखा है. रेमल एक अरबी शब्द है, जिसका मतलब 'रेत' होता है.
कैसे आता है तूफान?
वायुमंडलीय विक्षोभ या डिस्टर्बेंस की वजह से तूफान आता है. यह कम दबाव वाले क्षेत्र में बनता है. समंदर के ऊपर गर्म और नम हवाएं उठती है, फिर जब ये किसी ठंडी सतह से टकराती हैं तो तेज बारिश होती है और फिर तेज हवाएं चलने लगती हैं. यह मौसमी स्थिति आगे चलकर तूफान का रूप ले लेती है.
तूफानों का नाम कौन रखता?
द वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेश (WMO) यूनाइनेट नेशंस की एक एजेंसी है, जिसके 185 सदस्य हैं. इस एजेंसी ने 1972 में उत्तर हिंद महासागर क्षेत्र में आने साइक्लोन की चेतावनी और आपदा की रोकथाम के लिए पैनल ऑन ट्रॉपिकल साइक्लोन्स (पीटीसी) की स्थापना की. बता दें कि उत्तर हिंद महासागर क्षेत्र में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों शामिल हैं. स्थापना के समय पीटीसी में 8 देश शामिल थे. ये देश भारत, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, पाकिस्तान, श्रीलंका, ओमान और थाईलैंड थे.
हालांकि 2018 में पीटीसी का विस्तार हुआ और ईरान, कतर और सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन को भी शामिल किया गया. साल 2000 में ओमान की राजधानी मस्कट में पीटीसी का 27वां संत्र हुआ. इसमें बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में आने वाले चक्रवाती तूफान का नाम रखे जाने पर सहमति बनी. यह तय किया गया कि इस क्षेत्र में जो भी तूफान आएगा. उनका नाम पीटीसी के मेंबर बारी-बारी से रखेंगे. इसके बाद 2004 से इस क्षेत्र में आने वाले चक्रवातों का नाम रखना शुरू हुआ.
169 नाम वाली लिस्ट
इसके बाद अप्रैल 2020 में पीटीसी ने साइक्लोन 169 नाम वाली एक लिस्ट जारी की. इसमें हर देश ने 13-13 नाम सुझाए थे. अभी जब भी बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में साइक्लोन आता है, तो इन्हीं 169 नामों में से एक को तूफान के नाम रूप में चुन लिया जाता है.
अल्फाबेटिकली चुने जाते है नाम
पीटीसी के मेंबर देश को अल्फाबेटिकल आधार च्रकवाती तूफानों का नाम रखने का अवसर मिलता है. हालांकि कुछ पैरामीटर भी बने हुए हैं, जिनका ध्यान साइक्लोन का नाम रखने में रखा जरूरी है. जो इस प्रकार हैं:-
1- तूफान का नाम ऐसा नहीं होना चाहिए, जिसकी वजह से किसी धर्म, समुदाय अथवा व्यक्ति की भावना को किसी तरह ठेस पहुंचे.
2- तूफान का नाम न्यूट्रल होना चाहिए. उसका किसी भी तरह की राजनीति या राजनीतिक चेहरे, धर्म, समुदाय, लिंग अथवा संस्कृति से कोई संबंध या जुड़ाव नहीं होना चाहिए.
3- नाम ऐसा होना चाहिए जो छोटा हो. बोलने में आसान हो और पीटीसी के किसी सदस्य देश को उस पर आपत्ति न हो.
4- तूफान का नाम अधिकतम 8 शब्द का होना चाहिए. यह भी ध्यान रखना होता है कि यह नाम रिपीट ना हो यानी पहले कभी ना रखा गया हो.
5- तूफान का नाम अपमानजनक अथवा क्रूर नहीं होना चाहिए.
कितने तरह के होते हैं तूफान?
वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेश (WMO) ने तूफान को कुल 5 कैटेगरी में बांटा है.
तूफान का प्रकार | हवाओं की गति (किलोमीटर/घंटा) | असर |
कैटेगरी 1 | 119-153 | कम नुकसान होने की आशंका |
कैटेगरी 2 | 154-170 | थोड़ा अधिक नुकसान होने की आशंका |
कैटेगरी 3 | 178-208 | काफी नुकसानदायक होने की आशंका |
कैटेगरी 4 | 209-251 | इमारतों को नुकसान पहुंचाता है |
कैटेगरी 5 | 250 | सबसे खतरनाक चक्रवाती तूफान |
चक्रवात रेमल से कौन से राज्य प्रभावित होंगे?
• पश्चिम बंगाल
• तटीय बांग्लादेश
• त्रिपुरा
• पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्से
चक्रवात रेमल का भारत पर कब तक प्रभाव रहेगा?
अधिकारियों ने क्षेत्र के निवासियों से 26 मई से शुरू होने वाली प्रतिकूल मौसम स्थितियों के लिए तैयार रहने का आग्रह किया है. आईएमडी ने 28 मई तक के लिए वर्तमान चेतावनी जारी की है. मौसम निगरानी एजेंसी ने कहा कि आवश्यकता के आधार पर चेतावनी को बढ़ाया जा सकता है.
Source : News Nation Bureau