दिल्ली विधानसभा में जिस तरह कांग्रेस (Congress) के 15 साल के शासन को खत्म कर आम आदमी पार्टी (AAP) ने जीत का परचम फहराया था. लगभग उसी अंदाज में दिल्ली म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के 15 साल के नियंत्रण को खत्म कर एमसीडी में जीत हासिल की. पिछले एमसीडी चुनाव (Delhi MCD Elections) की तुलना में आप का वोट प्रतिशत भी बढ़ा है. आप को 2017 के एमसीडी चुनाव (Delhi MCD Results 2022) में मिले 26 फीसदी वोट इस बार बढ़ कर 42 फीसदी हो गए हैं. इसकी बदौलत आप ने 2017 में 48 पार्षदों (272 में से) की संख्या इस बार 250 सदस्यीय एमसीडी में 134 कर ली है. हालांकि बीजेपी को भले ही वार्डवार कम सीटों से संतोष करना पड़ा हो, लेकिन उसका भी वोट शेयर बढ़ा है. बीजेपी के 2017 एमसीडी चुनाव में 36 फीसदी वोट शेयर की बदौलत 272 में से 181 वार्डों में पार्षद जीत कर आए थे. इस बार भी बीजेपी को 39 फीसद वोट मिले. हालांकि एमसीडी के 250 वार्डों में हुए चुनाव में उसे महज 104 पर जीत मिली. वह हार कर भी वोट शेयर के मामले में आगे बढ़ी है. इसके उलट दिल्ली एमसीडी को अपना बनाने के बावजूद पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के दिल में यह कसक लंबे समय तक बनी रहेगी. उनके तीन प्रमुख मंत्रियों क्रमशः मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और अशोक गहलोत के विधानसभा इलाके में बीजेपी के पार्षदों को बड़ी जीत मिली है.
वोट शेयर की घट-बढ़ का रोचक आंकड़ा
2022 के एमसीडी चुनाव के परिणाम बताते हैं कि कांग्रेस के वोटरों ने आप और बीजेपी का दामन थाम लिया है. कांग्रेस को पिछले एमसीडी चुनाव में मिला 21 फीसदी वोट शेयर इस बार घटकर 12 फीसदी पर आ गया है. यानी कांग्रेस गुजरते हर चुनाव के साथ अपनी जमीन खोती जा रही है, जिस पर दिल्ली में बीजेपी और आप अपने-अपने स्तर पर कब्जा कर रहे हैं. आंकड़ों का एक और नजारा चौंकाता है. मतदाता विधानसभा चुनावों और नगरपालिका चुनावों में अलग तरह से सोचते हैं और मतदान करते हैं और परिणाम शायद ही कभी समान पैटर्न पर आता हो. ऐसे में यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि 2022 के नगरपालिका चुनावों में आप का वोट शेयर 2020 के राज्य विधानसभा चुनाव में उसके वोट शेयर से काफी कम है, जब उसे 54 फीसदी वोटरों ने चुना था. दूसरी ओर नगर निगम चुनावों में बीजेपी का वोट शेयर मोटे तौर पर 2020 के विधानसभा चुनावों के प्रदर्शन के समान है, जब उसे 41 फीसदी वोट मिले थे. दिल्ली में प्रमुख तीन राज्यों में कांग्रेस एकमात्र पार्टी है, जिसे एमसीडी चुनाव में विधानसभा चुनाव की तुलना में ज्यादा लोगों ने वोट किया. 2020 और उससे पहले 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को क्रमशः 12 और 10 फीसदी वोट मिला था. दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल करने वाली आप का 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से भी कम यानी 18.2 फीसदी वोट शेयर रहा था. कांग्रेस 23 फीसदी वोट शेयर के बलबूते दूसरे नंबर थी, तो बीजेपी ने 57 फीसदी वोट हासिल कर दिल्ली में सभी लोकसभा सीटों पर शानदार जीत दर्ज की थी.
BJP has won all 3 wards in AAP’s jailed minister Satyender Jain’s constituency and 3/4 in Manish Sisodia’s backyard of Patparganj.
— Amit Malviya (@amitmalviya) December 7, 2022
Both corrupt ministers, close to Arvind Kejriwal, slammed in their areas.
BJP on the contrary has gained 1% vote share over 2020 Assembly election.
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तीन मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी ने किया आप का सूपड़ा साफ
खैर, दिल्ली एमसीडी में परचम फहराने वाली आम आदमी पार्टी के लिए एमसीडी परिणामों का यह पहलू पेशानी पर बल डालने वाला रहेगा. आप सरकार में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मंत्री कैलाश गहलोत और जेल में बंद मंत्री सत्येंद्र जैन की विधानसभा सीटों पर भाजपा ने नौ वार्डों में जीत दर्ज की है. जेल में बंद मंत्री सत्येंद्र जैन के शकूरबस्ती विधानसभा क्षेत्र के तीनों वार्डों क्रमशः रानी बाग, पश्चिम विहार और सरस्वती विहार वार्ड से भाजपा के पार्षद बने हैं. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र में आप को चार में से तीन वार्डों में हार का सामना करना पड़ा. वह केवल मयूर विहार वार्ड जीतने में सफल रही है, जबकि भाजपा ने विनोद नगर, पटपड़गंज और मंडावली पर कब्जा जमाया है. यही हाल एक और मंत्री कैलाश गहलोत के नजफगढ़ विधानसभा क्षेत्र का रहा, जहां के 4 में से तीन वार्डों पर बीजेपी ने कब्जा किया. गौरतलब है कि दिल्ली की आप सरकार के इन तीनों ही मंत्रियों के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के मामलों की जांच केंद्रीय एजेंसियां कर रही हैं. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शराब घोटाले में सीबीआई की जांच का सामना कर रहे हैं, तो कैलाश गहलोत पर बस घोटाले का आरोप है. स्वास्थ्य सत्येंद्र जैन मनी लांड्रिंग के मामले में जेल में बंद है. गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में हुए कामों को अभूतपूर्व बता उन्हें एक मॉडल करार देते हैं. अब बीजेपी को इस जीत से आप पर भ्रष्टाचार के मसले पर आक्रामक होने का एक बड़ा मौका मिल जाएगा. यही नहीं, आप के इन तीन मंत्रियों के अलावा मुस्तफाबाद के हाजी युनूस के विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी ने पांच वार्डों पर सूपड़ा साफ किया है. तो विधायक अमानतुल्ला खान के ओखला विधानसभा क्षेत्र के पांच में से 4 वार्ड बीजेपी की झोली में आए हैं.
BJP wins all the three wards in Satyendra Jain's constituency Rani Bagh ,Paschim Vihar and Saraswati Vihar
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) December 7, 2022
How long can Kejriwal still defend a corrupt minister who has not got bail from courts for 5 months ? pic.twitter.com/ZaBrFCTVz4
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बीजेपी हुई इन सीटों पर जीत के बाद हमलावर
एमसीडी चुनाव के परिणाम सामने आते ही बीजेपी के कई नेता आप के इन मंत्रियों के क्षेत्र में बीजेपी की जीत पर हमलावर हो गए. दिल्ली भाजपा ने पूछा कि अरविंद केजरीवाल कब तक जेल में बंद मंत्री सत्येंद्र जैन का बचाव करेंगे. क्योंकि उनके सभी वार्ड भाजपा में चले गए हैं. भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने अपनी ट्वीट में कहा, 'सत्येंद्र जैन के निर्वाचन क्षेत्र रानी बाग, पश्चिम विहार और सरस्वती विहार में भाजपा तीनों वार्डों में जीत हासिल करती है. केजरीवाल अब भी कब तक एक भ्रष्ट मंत्री का बचाव कर सकते हैं, जिसे 5 महीने से अदालत से जमानत नहीं मिली है?' इसी तर्ज पर बीजेपी के सोशल मीडिया प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, 'अरविंद केजरीवाल के करीबी दोनों भ्रष्ट मंत्रियों को अपने-अपने इलाकों में एमसीडी चुनाव में करारी शिकस्त मिली है. कब तक अरविंद केजरीवाल इनका बचाव करेंगे.' बाद में अमित मालवीय ने एक और ट्वीट में मुस्तफाबाद और ओखला में बीजेपी की जीत को लेकर आप पर साधा निशाना. गौरतलब है कि एमसीडी चुनाव के प्रचार में सत्येंद्र जैन को लेकर बीजेपी आप पर लगातार हलावर रही. यही नहीं, भाजपा ने तिहाड़ जेल में मंत्री मिल रहे वीवीआईपी ट्रीटमेंट का आरोप लगा कई वीडियो भी जारी किए.
HIGHLIGHTS
- मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन,कैलाश, गहलोत के इलाके में आप का सूपड़ा साफ
- भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे इन मंत्रियों के क्षेत्र में हार बीजेपी को देगी हमले के मौके
- विधायक अमानतुल्ला खान और हाजी युनूस के इलाकों में आप का सिर्फ एक पार्षद