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Delhi Politics: दिल्ली में समय से पहले चुनाव क्यों चाहते हैं अरविंद केजरीवाल?

Delhi Politics: तिहाड़ जेल से सरकार चलाने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बाहर आते ही कुर्सी छोड़ने का ऐलान कर दिया. पार्टी ऑफिस में खुले मंच से यह ऐलान कर केजरीवाल ने सबको चौंका दिया.

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Ajay Bhartia
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Arvind Kejriwal Politics

अरविंद केजरीवाल (Image: Social Media)

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Delhi Politics: तिहाड़ जेल से सरकार चलाने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बाहर आते ही कुर्सी छोड़ने का ऐलान कर दिया. पार्टी ऑफिस में खुले मंच से यह ऐलान कर केजरीवाल ने सबको चौंका दिया. इसके साथ ही जल्द ही चुनाव वाला दांव भी खेल दिया. इसके बाद तो राजनीति में वार-पलटवार का दौर चलने लगा. आम आदमी पार्टी (AAP) इस फैसले को मास्टर स्ट्रोक बता रही है तो भारतीय जनता पार्टी (BJP) स्टंट. विपक्ष सवालों के तीर चला रहा है कि जल्द चुनाव चाहते हैं तो विधानसभा भंग करने की सिफारिश क्यों नहीं की. 

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अरविंद केजरीवाल ने अचानक इस्तीफे वाला धमाका कर दिया. साथ ही साथ नवंबर में ही विधानसभा चुनाव करने की मांग कर डाली. केजरीवाल ने कहा, ‘अगर आपको लगता है कि मैं ईमानदार हूं, तो मुझे बड़ी संख्या में वोट दें. मैं चुने जाने के बाद ही सीएम की कुर्सी पर बैठूंगा. चुनाव फरवरी में होने हैं. मेरी मांग है कि नवंबर में महाराष्ट्र चुनाव के साथ ही चुनाव कराए जाएं. चुनाव होने तक पार्टी से कोई और मुख्यमंत्री रहेगा. अगले 2-3 दिनों में विधायकों की बैठक होगी, जिसमें अगले सीएम पर फैसला होगा.’ 

 

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केजरीवाल ने क्यों चला ये दांव?

केजरीवाल के इस दांव से सियासत में जबरदस्त गहमाहमी बढ़ गई है. तमाम सवाल भी फिजा में कौंधने लगे हैं. जैसे दिल्ली में समय से पहले चुनाव क्यों चाहते हैं केजरीवाल और उनके इस्तीफे वाले दांव से हरियाणा में क्या होगा असर? AAP केजरीवाल के कदम को सबसे बड़ी कुर्बानी करार दे रही है जबकि बीजेपी इसे मजबूरी में लिया गया फैसला बता रही है. उन शर्तों को गिना रही है, जो जमानत देते वक्त सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल पर लगाई थी कि न तो बतौर सीएम न तो केजरीवाल ऑफिस जा पाएंगे और न ही सरकारी फाइलों पर दस्तखत कर पाएंगे.

हरियाणा चुनाव में होगा असर?

केजरीवाल ने जिस तरह से दो दिन के अंदर नए सीएम चुनने की बात कही है. उससे ये जरूर लग रहा है कि पार्टी ने अंदरखाने अपने फ्यूचर प्लान पर होमवर्क जरूर कर लिया है. हरियाणा में वोटिंग से महज 20 दिन पहले केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफे का दांव चला है. उनके इस कदम को सिंपैथी गेन फैक्टर के रूप में देखा जा रहा है. 

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केजरीवाल हरियाणा के हिसार से ताल्लुक रखते हैं. खेड़ा गांव में उनका पैतृक घर है. हरियाणा में AAP केजरीवाल के नाम और काम के सहारे बाजी पलटने का दावा रही है. ऐसे में वोटिंग से महज 20 दिन पहले इस्तीफा देकर केजरीवाल ने हरियाणा के लिए बड़ी बिसात बिछाई है. अब वो फुल फेज कैंपेन टाइम चुनाव में दे पाएंगे और इस्तीफे पर इमोशनल दांव खेल पाएंगे. 

हरियाणा में चुनावों की सरगर्मी है तो दिल्ली में केजरीवाल के दांव से जबरदस्त हलचल है. AAP विधायकों में जिस नेता को चेहरा बनाया जाएगा. उनके पास बतौर मुख्यमंत्री मौजूदा सरकार के सिर्फ 5 महीने का वक्त होगा. दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल फरवरी 2025 में खत्म हो रहा है. उससे पहले ही बड़ा उलटफेर कर केजरीवाल ने एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की है.

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